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देश की 62 छावनी बोर्डों ने २१ लाख लोगों को कोरोना से सहायता को कमर कसी

देश की 62 छावनी बोर्डों ने २१ लाख लोगों को कोरोना से सहायता को कमर कसी
सभी छावनी बोर्डों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए पहले से ही अस्पतालों/स्वास्थ्य केंद्रों और गेस्ट हाउसों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की पहचान करके रखें।
महानिदेशक रक्षा संपदा (डीजीडीई) के निर्देश के अनुसार छावनी बोर्ड अपने समस्त कर्मचारियों को फेस मास्क, हैंड ग्लव्स और सैनिटाइजर मुहैया करा रहे हैं। छावनी क्षेत्रों के सभी होटलों और रेस्तरां को जारी किए गए परामर्शों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।कार्य योजनाएं तैयार की गई हैं। सभी छावनी अस्पताल आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
देश मे 19 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित बासठ छावनी बोर्डों ने कोरोना वायरस-कोविड 19 महामारी की चुनौती से निबटने की तैयारी शुरू कर दी है। इन छावनी बोर्डों की कुल आबादी (सेना और नागरिकों सहित) 21 लाख है।
छावनी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों, विशेष रूप से गरीब वर्ग के लिए आवश्यक वस्तुओं, खाद्य पदार्थों इत्यादि की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कार्यालय के कर्मचारियों की एक टास्क फोर्स बनायी गयी है। सभी किराने की दुकानों को कालाबाजारी से बचने, सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ नहीं लगाने तथा लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की हिदायत दी गई है। छावनी बोर्ड निरंतर और निर्बाध जल आपूर्ति व्यवस्था के साथ ही स्ट्रीट लाइट सेवाओं को भी सुनिश्चित कर रहे हैं। अधिकांश छावनियों में निवासियों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं।
छावनी क्षेत्रों का समग्र नगरपालिका प्रशासन छावनी बोर्डों के अंतर्गत आता है जो लोकतांत्रिक निकाय है। छावनी बोर्डों की इस अनूठी संरचना को सफलतापूर्वक यथावत बनाए रखा जा रहा है।
छावनी क्षेत्र मुख्य रूप से सैनिकों और उनके प्रतिष्ठानों को समायोजित करने के लिए बनाए गए थे। लेकिन छावनी क्षेत्र सैन्य स्टेशनों से भिन्न होते हैं। सैन्य स्टेशन विशुद्ध रूप से सशस्त्र बलों के उपयोग और आवास के लिए होते हैं और एक कार्यकारी आदेश के तहत स्थापित किए जाते हैं जबकि छावनी क्षेत्र ऐसे आवासीय क्षेत्र होते हैं जिनमें सैनिकों के साथ ही आम नागरिक भी रहते हैं।