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स्वेच्छा से सेवानिवृत्त होने वाले समानता का दावा नहीं कर सकते

(नयी दिल्ली) स्वैच्छिक  सेवानिवृत्त होने वाले समानता का दावा नहीं कर सकते।
उच्चतम न्यायालय ⚖️ ने बृहस्पतिवार को कहा कि सेवानिवृत्ति की तारीख से पहले सेवा से स्वेच्छा से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी सेवानिवृत्ति की उम्र हासिल करने के बाद सेवानिवृत्त होने वालों के साथ समानता का दावा नहीं कर सकते।
शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी बंबई उच्च न्यायालय के एक फैसले को चुनौती देने वाली सेवाओं से स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की अपील पर सुनवाई करते हुए आई, जिसमें उन्हें वेतनमान में संशोधन के लाभ से वंचित रखा गया था।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस⚖️ और जस्टिस एस रवींद्र भट ⚖️की पीठ ने कहा कि वीआरएस का लाभ पाने वाले और स्वेच्छा से इस अवधि के दौरान महाराष्ट्र राज्य वित्तीय निगम (एमएसएफसी) की सेवा छोड़ने वाले कर्मचारी अलग स्थिति में हैं।