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पारम्परिक अौषधियों को स्टार्टअप+स्टैंडअप से विकसित करने से”मेक इन इंडिया”को फायदा

organic[नई दिल्ली]भारतीय पारम्परिक औषधीय तकनीक से किया गया इलाज आम नागरिक के लिए सस्ता+सुलभ इलाज होगा इसके प्रचार प्रसार के लिए पी एम के स्टार्टअप और स्टेण्डअप दोनों योजनाओं का सहयोग जरूरी है |इससे खेती और व्यापर को नए आयाम मिलेंगे|ट्रेनिंग से इनके प्रति विश्वसनीयता भी बढ़ेगी |
एलोपैथी के दिनों दिन महंगे होते जा रहे प्रयोग से जहां मरीजों को अंधाधुंध दोहने की प्रथा चल पड़ी है |उससे वैकल्पिक व्यवस्था की मांग उठना स्वाभाविक ही है |यह कहना उचित है के देसी इलाज न केवल सस्ता होगा वरन तात्कालिक प्रभावशाली भी होता है |दुर्भाग्वश आजादी के पश्चात से ही देसी जड़ी बूटियों के संरक्षण को महत्व ही नही दिया गया नतीजतन इन पर केवल कुछ मठों और बाबाओं का अधिकार ही रह गया जिसका दुरूपयोग भी हुआ|लोगों के साथ साथ सरकारों का रुझान भी केवल एलोपैथी की तरफ ही रहा |जिसके अधाधुंध उपयोग से अनेकों दर्दनाक घटनाएँ भी हुई|
हाल ही में कीड़ा नाशक दवाओं के प्रयोग से अनेकों बच्चों के मारे जाने के समाचार से सरकार का पीछा नहीं छूट रहा है |
बापु आशा राम+बाबा राम देव+ अब डेरा बाबा राम रहीम ने भी देसी+ ओर्गानिक प्रोडक्ट के नाम पर डिब्बा बंद +शीशी बंद सामान बेचना शुरू कर दिया है|इस विषय में यह कहना लाजमी है के इन्हें भी रसायनों के माध्यम से ही प्रसंसित किया जाता है |
महंगे विज्ञापनों से प्रचारित किया जाता है |शायद इसीलिए इनकी कीमते आम आदमी की जेब से फ़िलहाल कहीं दूर हैं ,
इन सबसे छुटकारे के लिए अब तुरंत तैयार सस्ती ओषधीय गुणों वाले पदार्थों की तत्काल आवश्यकता है| जिनकी खेती से लेकर बिक्री तक के लिए सुनहरे अवसर+समय है| अभी हाल ही में मॉर्निंग वाक के दौरान ऐसा ही एक प्रयोग देखने को मिला जिसकी फोटो भी अपलोड की जा रही है|यहां एक युवा ठेले रिक्शा पर इन्वर्टर के सहारे मिक्सी चला कर जूस तैयार कर रहा है यह जूस किसी फल फ्रूट का नही वरन जड़ी ब्यूटी कही जाने वाले १६ पदार्थों से बना है|तुरंत सेवन स इनमे रसायन की अव्सय्कता नही रहती |
इसमें करेला+चिरैय्यता+जामुन+अमरुद+आंवला+गेंहू के ज्वारे+एलोवेरा+आदि शामिल है |बताया गया है के खाली पेट इनके सेवन से राज रोग बन चुके मधुमेह+लिवर रोग +उच्च रक्त चाप से भी मुक्ति मिल सकती है| ऐसे उत्साही युवाओं को ट्रेनिंग के साथ सुविधा और सहायता मिलने से यह बढे कुटीर उद्योग के रूप में विकसित हो सकता है जोकि महात्मागांधी का भी सपना था|
भारत सरकार के “आयुष” विभाग ने केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आयुर्वेद+सिद्ध+युनानी+होम्योपैथी को एकीकृत करके एवं देश भर के सभी नागरिकों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक नए दृष्टिकोण का प्रस्ताव रखा है|ऐलोपैथिक प्रणाली के साथ इन देसी दवाओं के प्रयोग से वास्तव में देश वासियों के लिए सस्ती और सुलभ चिकित्सा होगी |इसकी आशा की जा सकती है|
केन्द्रीय मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने भी स्वयं इनके एकीकरण के महत्व और आवश्यकता को स्वीकार किया है |
निम्स विश्‍वविद्यालय में हुई चार दिवसीय संगोष्ठी में केन्द्रीय आयुष मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक ने कहा कि भारत देश पारंपरिक औषधीय तकनीक आयुर्वेद, सिद्ध, युनानी और आयुष, योग, प्राकृतिक चिकित्सा व होम्योपैथी के लिए जाना जाता है और आवश्यक है कि सभी तकनीकों का एकीकरण किया जाए।
गौरतलब है के भारत योग +प्राकृतिक चिकित्सा+यूनानी+सिद्धा+सोवा+रिग्‍पा + होमियोपैथी समेत अपनी आयुष प्रणालियों के जरिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। एक स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा की इन सभी प्रणालियों को अनिवार्य रूप से एक समेकित तरीके से प्रयोग में लाया जाना चाहिए।