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गोविंदा आला रे आला ज़रा मटकी संभाल ब्रिजबाला

आज भी जन्माष्टमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है| मंदिरों के विशेष टूर पर जगमगाया गया है| शहर में भारी बारिश हो रही है, ठंडी हवा बह रही है और आकाश में बादल भी छाए हुए हैं। । ऐसा माना जाता है कि करीब 5,000 वर्ष पहले बारिश व तूफान से भरी रात में मथुरा में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।
जन्माष्टमी पर मथुरा में उत्सव का रंग बिखरा हुआ है। श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में जा रहे हैं। यमुना में जलस्तर बढ़ गया है। इससे इस पर्व का उत्साह और भी बढ़ गया है।
हजारों श्रद्धालु मथुरा पहुंच रहे हैं। होटल और धर्मशाला पूरी तरह से भर गए हैं।
वृंदावन व मथुरा के कुछ मंदिरों में श्रीकृष्ण की मूर्तियों पर दूध, दही और शहद चढ़ाकर व विशेष प्रार्थनाएं कर पहले ही यह उत्सव मनाया जा चुका है।
शहर में हर कहीं राधे-राधे और जय श्रीकृष्ण की गूंज सुनने को मिल रही है।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का मुख्य आयोजन श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में हो रहा है।
मुम्बई में दही हांडी तौड़ने के लिए गोविन्दों की टोलियाँ सब तरफ जुगत लगा रहे है फ़िल्मी स्टार और नेता गण भी श्रधालुओं का हौंसला बड़ा रहे हैं|
मेरठ में मंदिरों में विशेष आयोजन किये जा रहे हैं \टी वी चेनलों पर सुबह से ही आयोजनों की झाकियां दिखाई जा रही है|
घरों में श्रधालुओं द्वारा व्रत रखा गया है जिसे कृषण के जन्म [१२ बजे रात]के साथ खोला जता है |
आज से ही माँ दुर्गा की मूर्ति बनाने की प्रक्रिया बंगाली समाज द्वारा शुरू कर दी जाते है