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झूठी काया झूठी माया झूठो सब संसार फिर क्यूं करें जंजाल

झूठी काया झूठी माया झूठो सब संसार फिर क्यूं करें जंजाल
कोन करे जंजाल , जग में जीवन थोरो,
झूठी रे काया, झूठी रे माया, झूठो सब संसार.

भावार्थ: संत मीराबाई कहती हैं कि इस छोटे से जीवन में हमें जग के जंजालों में नहीं उलझना चाहिए . यह संसार नश्वर है, हमारा शरीर यह माया सब झूठी हैं. सद्गुरु की भक्ति, नाम का जप सत्य हैं. गुरु परमात्मा का रूप है.
गुरु बिना भक्ति अधूरी है. गुरु ही मोक्ष का द्वार हैं.Permalink: http://jamosnews.com