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ट्रिपल तलाक़ बिल पर लोस में राजनितिक दलों की दोहरी मानसिकता

[नईदिल्ली]ट्रिपल तलाक़ बिल पर लोस में राजनितिक दलों की दोहरी मानसिकता
ट्रिपल तलाक़ बिल पर लोक सभा में सुनवाई के दौरान राजनितिक दलों की दोहरी मानसिकता नजर आई|अधिकाँश विपक्ष ने बिल का समर्थन किया लेकिन संसोधनों को आवश्यक बताया मगर अपने संसोधनों पर वोटिंग का साहस नहीं जुटा पाए
कुछ सदस्यों ने
असदुद्दीन ओवैसी
एनके प्रेमचंद्रन
जॉइस जॉर्ज बी महताब,
ए संपत,
अधीर रंजन चौधरी और सुष्मिता देव आदि ने बिल में अनेकों संशोधन
लेकिन प्रस्तुत किये गए सारे संशोधनों को नकार दिया.गया
बीजद और एआईएमआईएम के ओवैसी ने तो सदन से वाकआउट तक किया.
इस सबके बावजूद संसोधनों के लिए कराये गए डिवीज़न पर केवल दो वोट ही मिले
ओवैसी को तो उनके एक संसोधन पर केवल एक ही वोट मिला
मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस जहाँ बिल में संसोधनों की मांग करती रही वहीँ पार्टी सदस्य संसोधनों से किनारा करते रहे
बीजद और एआईएमआईएम ने तो वाकआउट भी किया लेकिन वोटिंग के नाम पर सभी एकजुटता नहीं बना बाए