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परमात्मा से प्रेम करने पर संसार और हमारी जिन्दगी ख़ूबसूरत हो जाती हैं.

प्रेम का उन्माद

मेरा कोई दोस्त नहीं है, मेरे प्रियतम के सिवाय,
मुझे कोई काम नहीं है, उसके प्रेम के सिवाय
खिजां नसीब रास्ते भी सज गए संवर गए,
उन्हें बहार ही मिली, जहाँ गये, जिधर गए..
भाव-
रूहानी संत, संत दर्शन सिंह जी महाराज आत्मा और परमात्मा के प्रेम के सम्बन्ध में कहते हैं
जिस प्रकार कोई प्रेमी दिन-रात अपनी प्रेमिका के बारे में सोचता रहता है , वैसे ही जब हमारी आत्मा एक बार
प्रभु से मिलकर उसके प्रेम से ओत-प्रोत हो जाती हैं, तो वह भी उसी हालत में रहती है.
परमात्मा से प्रेम करने पर हमारा संसार और हमारी जिन्दगी ख़ूबसूरत हो जाती हैं. हमारे जीवन में अनगिनत फूलों
की सुगंध आ जाती है. ऐसा लगता हैं मानो सर से पैर तक हमारे अन्दर ईश्वर का प्रेम बह रहा हो.

Comments

  1. Heh. You can find an ordinary important, but it can be a bit finicky and sticks slightly. To be a result, the RFID is significantly faster to use. Additionally, I’m now from the habit (among do the job as well as MBTA) of waving my wallet at [the place] a card target [would be] whenever I encounter a door I can’t get by means of. This would make that habit function for dwelling, also!