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पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो

पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
वस्तु अमोलिक दी म्हारे सत्गुरु किरपा कर अपनायो ।
संत मीराबाई जी को प्रभु की ऐसी लगन लगी कि उसने जीवन के सारे भौतिक वादी सुख +आराम+ महल+परिवार सभी त्याग दिये और प्रभु को ही अपना सब कुछ मान लिया । संत मीराबाई जी कहती हैं कि हमारे सतगुरु जी ने हम पर महान कृपा की जो हमारे घट मंदिर में राम नाम, प्रभु के नाम को स्थापित कर दिया । और उसने प्रभु के नाम को इतना जपा की कृष्ण जी ने अपने गले से लगा लिया ।
संतजन समझाते हैं कि हमें प्रभु की अपार दया से यह मानव देह मिली है । यह प्रभु से मिलने का स्वर्णिम अवसर मिला है । मानव जीवन का परम लक्ष्य प्रभु प्राप्ति है । अगर हम प्रभु का प्रेम चाहते हैं तो हमें अधिक से अधिक संत महापुरुषों के सत्संग में आना चाहिए एवं संत महापुरुषों द्वारा दिया गया मंगलमय नाम पल-पल, स्वांस-स्वांस रटते रहना चाहिए ।
फिर जैसे मीरा बाई जी को प्रभु के दिव्य दर्शन हुए ऐसे ही आप पर भी प्रभु कृपा अवश्य करेंगे ।
संत मीराबाई जी ,
प्रस्तुति राकेश खुराना