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बरसे-बरसे आनंद तेरा, मस्त मगन हो मनवा मेरा

बरसे-बरसे आनंद तेरा, मस्त मगन हो मनवा मेरा
श्री शक्तिधाम मंदिर, लाल कुर्ती में प्रवचनों की अमृतमयी वर्षा करते हुए पूज्य श्री भगत
नीरज मणि ऋषि जी ने कहा कि हम सब परमात्मा की कृपा को पाना तो चाहते हैं परन्तु
लाखों जन्मो की पाप कर्मों की धूल ने हमारी बुद्धि को आच्छादित किया हुआ है. हमारे
अंदर ईर्ष्या, द्वेष तथा अहंकार भरे हुए हैं. इसीलिए हम प्रभु की कृपा के पात्र नहीं बनते.
भक्तजन प्रभु से प्रार्थना करते हैं कि हे देव! हम पर अप्रनी कृपा रुपी बरसात कीजिये
जिससे हमारे अंतःकरण की लाखों जन्मों की धूल और ऊष्णता धुल जाए. हमारा मन
परमात्मा के भजन में लीनता लाभ करे.
” बरसे-बरसे आनंद तेरा, मस्त मगन हो मनवा मेरा”
भक्तजनों ने परमात्मा से माँगा कि हे प्रभु आपके आनंद के बादल उमड़ -उमड़ कर
हमारे अंतःकरण में बरसें जिससे हमारा मन निर्मल हो जाए, हमारे मन में किसी के
प्रति ईर्ष्या न रहे, हमारे अन्दर दूसरों को क्षमा करने की भावना पैदा हो जाये जिससे हम
परमात्मा की कृपा के पात्र बन सकें.|

उल्लेखनीय है कि पूज्य श्री भगत नीरज मणि ऋषि ने
छेत्र में धार्मिक और सामजिक सेवा की मान्यताओं को पुनः स्थापित करने में क्रान्ति कारी
पहल की है|

File Photo