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माया के दलदल की दुनिया में अपना ध्यान प्रभु की ओर करना है

वाट हमारी खरी उडीणी।
खंनिअहु तीखी बहुतु पिईणी।
उसु ऊपरि है मारगु मेरा ।
शेख़ फ़रीदा पंथु सम्हारि सवेरा ।

Rakesh Khurana


भाव : बाबा फ़रीद जी हमें समझा रहे हैं कि इस दुनिया में हमारा सच्चा मित्र , सच्चा मददगार केवल परमात्मा है और उसको पाने का रास्ता बहुत लम्बा है क्योंकि ये रास्ता प्रतीक्षा का रास्ता है , भक्ति का रास्ता है ।यह रास्ता छुरे की धार पर चलने जैसा है । यह दुनिया माया की दुनिया है , दलदल की दुनिया है इसी दुनिया में हमें अपना ध्यान प्रभु की ओर करना है इसलिए हम समय गँवाए नहीं , जल्दी से जाग जाएँ क्योंकि समय बहुत कम है । जल्दी से इस रास्ते पर चलना शुरू कर दें , वह रास्ता जो हमारी आत्मा का मिलाप परमात्मा से करा देता है ।
शेख़ फ़रीद जी की वाणी
प्रस्तुति राकेश खुराना

Comments

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