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साइंस आफ़ स्पिरिच्युएलिटी के ‘वैजी फ़ैस्ट’में 25,000 से भी अधिक लोगों ने भाग लेकर शाकाहार के प्रति वैश्विक स्तर पर बढ रहे रुझान का प्रदर्शन किया

साइंस आफ़ स्पिरिच्युएलिटी के ‘वैजी फ़ैस्ट’ (शाकाहार महोत्सव) में 25,000 से भी अधिक लोगों ने भाग लेकर शाकाहार के प्रति वैश्विक स्तर पर बढ रहे रुझान का प्रदर्शन किया|
साइंस आफ़ स्पिरिच्युएलिटी के द्वारा इस माह नेपरविल, इलिनोई, में ‘वैजी फ़ैस्ट’ (शाकाहार महोत्सव) का आयोजन किया गया जिसमे 25,000 से भी अधिक लोगों ने भाग लिया। स्पष्ट है कि दुनिया भर में शाकाहार में लोगों की रूचि बढ़ रही है, तथा शाकाहारी जीवनशैली के प्रति लोगों के उत्साह में वृद्धि हो रही है।

साइंस आफ़ स्पिरिच्युएलिटी के ‘वैजी फ़ैस्ट’में 25,000 से भी अधिक लोगों ने भाग लेकर शाकाहार के प्रति वैश्विक स्तर पर बढ रहे रुझान का प्रदर्शन किया

साइंस आफ़ स्पिरिच्युएलिटी के ‘वैजी फ़ैस्ट’में 25,000 से भी अधिक लोगों ने भाग लेकर शाकाहार के प्रति वैश्विक स्तर पर बढ रहे रुझान का प्रदर्शन किया

साइंस आफ़ स्पिरिच्युएलिटी और सावन कृपाल रूहानी मिशन के मौजूदा संत राजेंदर सिंह जी ने अपने जीवन के संस्मरण को सांझा[Share]करते हुए फ़रमाया कि इस सप्ताहांत कार्यक्रम की लोकप्रियता ने मुझे याद दिला दिया कि आज हालात उस वक्त से कितना अधिक बदल चुके हैं जब मैं 1968 में ‘इलिनोई इंस्टीट्यूट आफ़ टैक्नोलाजी’ में शिक्षा ग्रहण करने के लिए भारत से यूनाइटेड स्टेट्स आया था। शिकागो में एक शाकाहारी विद्यार्थी होने के नाते मुझे याद है कि जब भी हम बाहर रेस्टोरंट में खाना खाते थे, तो हम केवल सलाद, या ग्रिल्ड चीज़ सैंडविच, या पिज़्ज़ा, या पास्ता ही खा पाते थे। आज हम देखते हैं कि शहर के रेस्टोरेंटों में कई तरह के शाकाहारी, वीगन, आर्गेनिक, तथा कच्चे खाद्य पदार्थों के व्यंजन मिलते हैं, और कुछ रेस्टोरेंटों में तो सिर्फ़ इसी तरह का भोजन ही मिलता है।
आज लोगों में शाकाहार के शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभों को लेकर अधिक जागृति आ चुकी है।
मेडिकल शोधकर्ता और डाक्टर भी आज बेहतर शारीरिक स्वास्थ्य के लिए शाकाहारी और वीगन (ऐसा आहार जिसमें दूध या दुग्ध पदार्थ शामिल न हों) आहार-पद्धतियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। वे बता रहे हैं कि शाकाहारी या शाक-आधारित भोजन खाने से हृदयरोग, पक्षाघात, कई तरह के कैंसर, और अन्य कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
आज दुनिया भर के प्रसिद्ध शाकाहारियों की सूची में बढ़ोतरी होती जा रही है, और इससे शाकाहारी भोजन पद्धतियों की ओर लोगों का ध्यान अधिक गया है। ऐसे लोग अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरणा देते हैं, जो धीरे-धीरे ख़ुद महसूस करने लगते हैं कि माँस, मछली, मुर्गी, अंडों आदि के बिना भी जीवित रहा जा सकता है, और वास्तव में अधिक स्वस्थ रहा जा सकता है। इतिहास पर नज़र डालें, तो प्रत्येक काल में जीवन के हरेक क्षेत्र से प्रसिद्ध शाकाहारी हमारे सामने आए हैं, विभिन्न धर्मों के संस्थापकों से लेकर अनेक दार्शनिकों, मानवतावादियों, लेखकों, सामाजिक नेताओं, संगीतकारों, कलाकारों, खिलाडि़यों, और अन्य प्रसिद्ध लोगों तक।
आध्यात्मिक रूप से भी शाकाहार के अनेक लाभ हैं। सबसे पहले तो यह अहिंसा के आध्यात्मिक सिद्धांत के अनुरूप है। दूसरे, शाकाहारी भोजन हमें वो आंतरिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है जोकि ध्यानाभ्यास के लिए आवश्यक होती है। शाकाहारी और वीगन आहार उग्र नहीं होते और हमें शांति प्रदान करते हैं, इसलिए जब हम ध्यान टिकाने के लिए बैठते हैं तो हमारा मन अधिक शांत होता है। इससे हम बेहतर तरीक़े से अंतर में एकाग्र हो पाते हैं। ध्यानाभ्यास से हमें मिली शांति फिर हमसे होकर दूसरों तक भी पहुँचती है, और इस तरह हम विश्व प्रेम और शांति में अपना योगदान दे पाते हैं।