झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ
चिंतित भक्त
ओये झल्लेया ये तो फिर अनर्थ हो गया ओये हसाडे भगवान भी अपने ही भक्तों पर कैसे कैसे जुल्म ढा रहे हैं|देख तो झारखण्ड के देओगढ़ जिले में दुर्गा माँ के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालूओं पर भी कहर ढा दिया ओये ग्यारह निर्दोष भक्त मारे जा चुके हैं और ३० से ज्यादा जख्मी हो चुके हैं |ओये ये भगवान ही भक्तों को मारने पे क्यूँ तुले हुए हैं
झल्ला
ओ मेरे भोले भापा जी !ये ओह माय गॉड वाला कोई फ़िल्मी एक्ट ऑफ़ गॉड नहीं हैं|ये मंदिर कमिटी और सरकारी व्यवस्था की अकर्मण्यता+अदूरदर्शिता+अक्षमता को दर्शाता है और आपलोगों को सीख देता है कि ऐसे धार्मिक स्थलों पर भी भेड़चाल के बजाय दिल+दिमाग+ खोल कर ईश्वरीय देन”विवेक” का प्रयोग करें| धार्मिक स्थलों पर भगदड़ कोई एक्ट ऑफ़ गॉड नहीं वरन व्यवस्थापकों की अक्षमता है