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वसुंधरा की कुर्सी पर भाजपाई तलवार नहीं चली तो क्या ये जरूरी है कि सीएमशिप ही कुल्हाड़ी पर मारी जाये

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेस हितेषी टीवी एंकर

ओये झल्लेया इन भाजपाइयों ने तो हसाडे लोकतंत्र का मजाक बना कर रख दिया है |ओये राजस्थान की दागी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दिल्ली आई +उन्होंने नीति आयोग की बैठक में भाग लिया ,लेकिन ललित मोदी के साथ अपनी कारगुजारियों से पार्टी अध्यक्ष अमितशाह और अपने पीएम नरेंद्र मोदी को अवगत करने के बजाय उन्हें अंगूठा दिखाया और उनसे मिले बगैर वापिस लौट गई|ओये ये तो लोकतंत्र के बजाय राजेतंत्र+ललित तंत्र हो कर रह गया

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी अगर वसुंधरा की कुर्सी पर पार्टी की तलवार नहीं चली तो ये जरूरी है कि कुर्सी को ही कुल्हाड़ी पर दे मारा जाये