Tag: एयर इंडिया
कोहरे से सड़क और वायु यातायात प्रभावित हुआ
चौधरी अजित सिंह पर १३ बर्खास्त पायलटों के टरमिनेशन आर्डर रद्द करने को दबाब
एयर इंडिया के १३ पायलटों के टरमिनेशन आर्डर को वापिस लेने के लिए इंडियन एयर लाइन्स पायलेट बाडी [आई सी पी ऐ] ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह से निवेदन किया है|इस बाडी ने मंत्री को अवगत कराया है कि निष्कासन से इन पायलटों को अपना घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है|
एसोशियेशन ने कहा है कि सभी निष्कासित पायलटों को वापिस लिए जाने से वर्किंग एन्वायर्नमेंट सुधरेगा | इससे पूर्व भी अनेकों फोरम से ऐसे निवेदन किये जा चुके हैं |
गौरतलब है कि एयर लाईन्स मेनेजमेंट द्वारा ४०० पायलटों के दो महीने की हड़ताल पर जाने के कारण १०१ पायलटों को निष्कासित कर दिया गया था और उनकी गिल्ड की मान्यता भी रद्द कर दी गई थी| बाद में कोर्ट के आदेशानुसार सभी पायलटों को वापिस काम पर ले लिया गया था|लेकिन उनमे से १३ पायलटों को छोड़ दिया गया था| ये सभी १३ पायलट हड़ताली कोर कमेटी से जुड़े थे |
अब चूंकि ड्रीम लाईनर और लिए जाने हैं और ट्रेंड पायलट्स की स्वाभाविक जरुरत होगी ऐसे में वर्किंग एनवायरनमेंट को सुधारने के लिए इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाना उचित ही होगा
नागरिक उड्डयन प्रबंधक पर एयर लाइन्स को अनाधिकृत फेवोर का आरोप:इंडिगो और जेट एयर वेज की फंडिंग रुकी D V B Charges
नागरिक उड्डयन प्रबंधक[डी.जी सी ऐ] द्वारा [ निजी]भारतीय एयर लाइन्स[किंग फ़िशर] को अनाधिकृत रूप से फेवोर करने का आरोप लगा कर केस दर्ज़ किया गया है और लगातार फायदा दिखा रही निजी कम्पनी इंडिगो और जेट ऐरवेज को भविष्य के कार्यक्रमों के लिए लोन दिए जाने पर पर पाबंदी भी लगा दी गई है| विश्व के सबसे बड़े एयर क्राफ्ट[जर्मन] बैंकर डी.वी.बी द्वारा यह कार्यवाही की गई है|.इस प्रकार की कार्यवाही से एक बार फिर से सिविल एविएशन मंत्रालय की कार्यविधि और सिविल एविएशन में विदेशी निवेशकों के भरोसे पर सवालिया निशाँ लग गया है|
डी वी बी द्वारा लगाये गए आरोप के अनुसार किंग फ़िशर पर कंपनी की लेन दारी के चलते कम्पनी के दो विमान कब्जाए गए थेये दोनों विमान अब टर्की में हैं मगर इनकी रजिस्ट्रेशन से मुक्ति में डी जी सी ऐ द्वारा विलंभ किये जाने से क़र्ज़ में डूबी किंग फ़िशर को लाभ पहुंचाया गया है और विश्व विख्यात फायनेंसर डी वी बी को हानि उठानी पड़ी है| भारत सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए डी वी बी ने भारतीय एयर लाइन्स विशेष कर इंडिगो और जेट एयर वेज की फंडिंग पर रोक लगा दी है|
इकोनोमी टाईम्स ने डी वी बी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कार्सटेन गर्लेच[
के हवाले से लिखा है की डी जी सी ऐ और किंग फ़िशर के विरुद्ध दायर इस रिपोर्ट पर पहली सुनवाई अगले वर्ष की ८ अप्रैल को होगी|बेशक इसका तत्काल असर न पड़े मगर इंडिगो की भविष्य[२०१६-२५] में ७२ हज़ार करोड़ के १८० एयर बस की खरीद के लिए फायनेंस जुटाना मुश्किल हो जाएगा| इसी प्रकार वाडिया ग्रुप की गो एयर [७२ एयर बस].जेट ऐरवेज[१० बी ७८७] भारतीय एयर इंडिया के २७ ड्रीम लाईनर्स का प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ता दिख रहा है| गौरतलब है की विश्व भर में ९०० एयर क्राफ्ट्स के लिए फंड्स मुहय्या करवाने वाली इस डी वी बी कंपनी को किंग फ़िशर एयर लाइन के दो पुराने विमानों को बेच कर केवल ४७ मिलियन डालर्स ही मिलने की संभावना हैलेकिन भारत में इनके पंजीकरण को समाप्त करने में आनाकानी के कारण सरकार की इस छेत्र में की जा रही तमाम सुधारात्मक प्रयासों को धक्का पहुँचाना स्वाभाविक है|सेबी चेयरमैन यूके सिन्हा ने इन्वेस्टमेंट बैंकिंग सम्मेलन में यह कहा है कि बैंकर निवेशकों खासकर खुदरा निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए जरूरी उपाय किये जाने चाहिए
मर्चेट बैंकर यह तर्क दे सकते हैं लिस्टिंग प्राइस या अर्थव्यवस्था के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। लेकिन आंकड़ों को देखते हुए बैंकरों को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत हैलेकिन डी वी बी के आरोपों को देखते हुए इंडिगो,एयर इंडिया,स्पाईस जेट,जेट ऐरवेज आदि विमानन कंपनियों के साथ इनके नियामक के लिए उत्तरदाई डी जी सी ऐ की कार्यप्रणाली में आत्म निरीक्षण के साथ पारदर्शिता जरुरी हो गई है|
४७००० करोड़ की कर्जदार एयर लाईन्स की ९५ उड़ाने घाटे में चल रही हैं
राज्यसभा के माध्यम से सिविल एविएशन स्टेट मिनिस्टर के सी वेणुगोपाल ने देश को बताया कि सरकारी उड्डयन कंपनी एयर इंडिया पर ४७ ,२२६ करोड़ रुपयों का कर्ज़ हैऔर वर्तमान व्यावसाईक स्थतियों में इसका भुगतान असम्भव है| उन्होंने इस कर्ज़ के वेव करने में केंद्र सरकार कि उदासीनता का भीउल्लेख किया|उन्होंने बताया कि ९५ ऐसी उड़ाने हैं जिनसे लागत भी वसूली भी मुश्किल है|मंत्री यह भी स्वीकार कर चुके हैं कि डी जी सी ऐ में ही केवल ५७%पद खाली हैं
उधर किंग फ़िशर एयर लाईन्स भी ७००० करोड़ के बैंक कर्ज़ में डूबी है एक विदेशी निवेशक ने ३००० करोड़ की हिस्से दारी खरीदने की बात उठाई है इसके अलावा स्वयम कंपनी के मालिक विजय माल्या ४००+ करोड़ रुपये इस डूबे जहाज़ को उबारने की बात कह रहे है|लेकिन इस पर भी डी जी सी ऐ और केंद्र सरकार कि तरफ से कोई बेल आउट पैकेज नहीं दिया जा रहा| गौर तलब है कि इस कम्पनी में बैंकों के माध्यम से टेक्स पेयर्स के करोड़ों रुपये फंसे हैं और हजारो कर्मियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है|
हवाई यात्राओं की सुरक्षा के लिए ५७%स्टाफ की कमी: Shortage Of 57%Staff In Civil Aviation Govt.Accepted In Parliament
गौरतलब है कि डी जी सी ऐ के कन्धों पर राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट की जिम्मेदारी भी है| लेकिन सिविल एविएशन राज्य मंत्री वेणु गोपाल [के सी]ने राज्य सभा में यह कह कर छुट्टी पा ली कि भर्ती की प्रक्रिया निर्धारित नियमों के अंतर्गत की जाती है|आश्चर्यजनक रूप से यह भी बताया गया कि वर्ष २००९ में ग्रुप ऐ के लिए ४२७ और बी & सी के लिए ४८ पोस्ट क्रियेट की गई थी मगर ये पोस्ट एक दम नई होने के कारण इनकी भर्ती के लिए कोई नियम कानून नहीं है| इस सब के बावजूद भी खाली पदों पर न्युक्ति की प्रक्रिया जारी है|
व्यवस्थापक स्वयम ही अभावों में जी रहा है ऐसे में दूसरे निजी विमानन कंपनियों में चल रहे जायज़ नाजायज़ की खोज और जांच वह कैसे रख पायेगा |विमानों के आपस में टकराने,चिंताजनक नद्जीक आने ,आपातकालीन स्थिति में फ़ोर्स लेंडिंग,स्टाफ के वेतन,बोनस,ट्रेनिग,और अन्य अनेकों समस्यायों के प्रति सरकारी उदासीनता जग जाहिर है|हड़ताल से लौटे स्टाफ की नियुक्ति या वेतन सम्बन्धी कार्यवाही हो, एयर पोर्ट से ऐ टी ऍफ़ के स्टोरेज टैंक हटवाने हों या क़र्ज़ की वसूली के मामले हों,विदेशी निवेशकों की रूचि यहाँ तक कि नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह के गृह मंडल में एयर पोर्ट के विस्तार की यौजना में केवल बयाँ बाज़ी ही हो रही है|हाँ एक अपवाद जरूर है चौधरी अजित सिंह ने एयर पोर्ट के नज़दीक होने वाले निर्माण [ऊँचाई] के लिए ऐ ऐ आई की परमिशन को गैर जरूरी घोषित कर दिया है मगर इससे डी जी सी ऐ की कार्यप्रणाली सुधरेगी इस पर बहस की जा सकती है|
स्पाइसजेट ने इस तिमाही में लागत पर ७७ करोड़ रुपये नियंत्रित किये
देश की तीसरी बड़ी निजी विमानन कम्पनी स्पाइसजेट ने लागत पर ७७ करोड़ रुपयों को नियंत्रित करके 163.5 करोड़ रुपये का घाटा बुक किया | इस वित्त वर्ष की सितम्बर को समाप्त तिमाही पर प्रकाशित बैलेंस शीट में घाटा 32 फीसदी गिरकर 163.5 करोड़ रुपये दिखाया गया है| जबकि बीते साल समान अवधि में कंपनी को 240.07 करोड़ रुपय का नुकसान हुआ था।
चेन्नई की विमानन कंपनी के अनुसार बीते साल इस तिमाही में कंपनी को 240.07 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
सितंबर 18.5 फीसदी के आंकड़ों के साथ बाजार हिस्सेदारी के मामले में इंडिगो और एयर इंडिया के बाद देश की तीसरी बड़ी विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने कहा कि इस तिमाही के दौरान प्रति यात्री विमानन कंपनी की आमदनी में 37 फीसदी का इजाफा हुआ। में पिछले साल जुलाई-सितंबर में कंपनी को 240 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
जेट एयर वेज ने केजरीवाल के आरोप नकारे
ऐ आई सी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने स्विस बैंको में जमा किये गए धन को लेकर भारत सरकार और अनेकों उद्योगपतियों पर निशाना साधा है| सबसे ज्यादा लाभ दर्ज़ कराने वाली निजी विमानन जेट एयर वेज के मालिक नरेश गोयल को भी निशाने पर लिया गया है| केजरीवाल के मुताबिक ७०० भारतीयों का लगभग ६००० करोड़ रूपया जमा है|इस भारी भरकम लिस्ट में रिलायंस परिवार के साथ डाबर और कांग्रेसी सांसद अनु टंडन भी हैं| काला धन रखने वाले जिन नामी-गिरामी लोगों की लिस्ट जारी की उनमें एक नाम जेट एयर वेज के नरेश गोयल का भी है श्री गोयल के ८० करोड़ रुपये स्विस बैंक में जमा बताये गए हैं| यह राशि हवाला[ मनी लांड्रिंग] के जरिये जमा कराई गई है|
एच एस बी सी बैंक ने कहा है कि प्रतिस्पर्धा के दौर में क़ानून के दायरे में रह कर ही कार्य किया जा रहा है|जबकि यूं के ने इस बैंक की जांच की मांग की है|
जैसी की उम्मीद थी सरकार और रिलायंस के साथ ही डाबर और जेट एयर वेज ने इन आरोपों को नकारने में विलंभ नहीं किया|जेट एयर वेज के अनुसार कम्पनी के चेयरमेन नरेश गोयल का स्विस बैंक में कोई एकाउंट नहीं है| बताया जा रहा है कि यह कम्पनी विदेशों में भी फ्लाईट्स भेजती है और विदेश में तेल खरीदने के लिए वहां बैंक एकाउंट रखा जा सकता है और उसका खुलासा किया ही जाना चाहिए|गौरतलब है कि यात्रियों कि संख्या में कमी और महंगी तनख्वाहें +ऐ टी ऍफ़ की बड़ती कीमतों के बावजूद यह कम्पनी लगातार लाभ दर्ज़ करा रही है| एयर इंडिया में हड़ताल और किंग फिशर के फेल्यौर के कारण कुछ लाभ इस कम्पनी को भी मिला हो मगर केजरीवाल के आरोपों के मध्य नज़र जांच तो बनती ही है|
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