अक्षय कुमार की नै फिल्म ओह माई गाड को पंजाब के जालंधर में बैन कर दिया गया है|जालंधर महिला कांग्रेस ने शुक्रवार को रिलीज हुई इस पिक्चर में धार्मिक भावनाएं आहात किये जाने की शिकायत की और विरोध प्रदर्शन भी किया|इसमें अक्षय को एक भगवान के रोल में दिखाया गया है|जबकि दूसरे कलाकार परेश रावल के कुछ डायलाग्स को हिन्दू ड्रम पार आघात बताया गया है|कुछ डायलाग्स इस प्रकार हैं|परेश रावल स्वयम भगवान बनने के लिए दुकानदार से कहता है कि
[१]एक दर्ज़न बड़े पेट वाले गणपति दे
[२] आठ बाडी बिल्डर हनुमान दे[३]पांच टायगर वाली दे शेराँ वाली
[४]ढाई सौ वाला कृष्ण दे अब बोनस में तीन साईँ बाबा मिलेगा क्या |
इसके अलावा दारू को गंगा जल कहा जाना+पवित्र ज्योती दिखाए जाने के अलावा कलाकारों द्वारा स्वयम को भगवान कहना भी एतराज़ का कारण बना है|
लगता है कि अक्षय का विवादों से पुराना नाता है|पहले रवीना टंडन+ शिल्पा शेटी+ रेखा आदि फिल्मो की नाईकाओं के साथ रोमांस के किस्से हवा में तैरते रहते थे तो उसके बाद फिल्मो पर भी विवाद होने लग गए
[१]किंग इज सिंह[२] चांदनी चौक टू चाइना [३] और अब ओह माई गाड पर विवाद उठ खड़ा हुआ है |पहली और तीसरी फिल्म पर धर्मिक भावनाओं से खिलवाड़ का आरोप लगाया गया है तो दूसरे नंबर की फिल्म पर अपने ऊपर एक चीनी बदमाश से पेशाब करवाने पर शोर शराबा हो चुका है|
ओह माई गाड
ओह माई गॉड कांजी विरुद्ध कांजी नामक गुजराती नाटक पर आधारित है| यह फिल्म धर्म के नाम पर होने वाले व्यवसायीकरण जैसे मुद्दों पर बहस करती है | यह एक व्यावसायिक फिल्म है, जिसकी एक नजर उन संवेदनशील दर्शकों पर है, जो ईश्वर में आस्था रखते हैं और इसीलिए वे कभी उन लोगों में शामिल नहीं होंगे, जो ईश्वर पर सवाल उठाते हैं। खुद सवाल उठाना तो दूर की बात है। सोनाक्षी-प्रभुदेवा पर फिल्माया गो गो गोविंदा गाना कई म्यूजिक चार्ट पर है।
कथानक
कांजीभाई मेहता के किरदार में परेश रावल चोर बाजार में एंटीक स्टोर के मालिक हैं जो भगवान में विश्वास नहीं करता है और जो विश्वास करता है उन्हें लूटने में पीछे भी नहीं रहता। फिल्म के ओपनिंग में कांजीभाई बहुत ही चालाकी से एक राजस्थानी सेठ को बेवकूफ बनाता है। उसे उसके गहनों के बदले भगवान की मूर्ति बेचकर, जो खुद उसने बहुत ही कम दाम में खरीदी थी।
पर जब भूकंप के दौरान उसके अकेले की दुकान तहस-नहस हो जाती है तो वो उसका इंश्योरेंस क्लेम करने बीमा कंपनी जाता है। कंपनी उसे ये कहकर भगा देती है कि भगवान की मर्जी से हुए हादसों का बीमा कवर नहीं है। परेशान और दिवालिया हो चुका कांजीभाई भगवान और बीमा कंपनी दोनों पर ही केस फाइल कर देते हैं, ये कहते हुए कि इनमें से किसी एक को तो उसके नुकसान की भरपाई करनी पड़ेगी।
कोर्ट में भगवान के अस्तित्व पर सवाल खड़े करने पर उसका सामना करने खड़े हो जाते हैं कई साधु, मौलवी और पुजारी जिनमें से एक स्वामी के किरदार में हैं मिथुन चक्रवर्ती जो हर बार खुद को भगवान का सेल्समैन और धर्म को धंधा कहने पर अपनी नाक फुला लेते हैं। इसी दौरान उसके घर एक नया और अनोखा मेहमान आता है कृष्ण वासुदेव यादव जिसके किरदार में है अक्षय कुमार।यह किरदार कांजीभाई को इस अनोखी कानूनी लड़ाई में मदद करता है। उमेश शुक्ला लिखी और निर्देशित ‘ओह माई गॉड’ अंधविश्वास और जरूरत से ज्यादा धार्मिक रीति-रिवाजों और खुद ही बनाए हुए भगवान के दूतों का विरोध करती है। ये ज्यादा कुछ न कहते हुए मानो ज्यादा भड़काऊ होने से डरती है।
यहां काफी कुछ मजेदार भी है जैसे इसके डायलॉग। खास तौर पर जिद्दी और नास्तिक के किरदार में परेश रावल जो अपने इस मिशन के लिए पूरी तरह समर्पित हैं
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