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अखिलेश ने दीपक सिंघल को राज्य सतर्कता आयोग से भी हटाया

[लखनऊ,यूपी] अखिलेश ने दीपक सिंघल को राज्य सतर्कता आयोग से भी हटाया
दीपक सिंघल सहित सात आईएएस अधिकारियो को ट्रांसफर किया गया |
दीपक सिंघल को अमर सिंह से नजदीकियों के चलते अभी हाल ही में
मुख्य सचिव पोस्ट से हटाया गया था |नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे तीन अधकारियों को भी विभाग दे दिए गए हैं
उत्तर प्रदेश सरकार ने सात वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का तबादला करते हुए पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल को राज्य सतर्कता आयोग के अध्यक्ष पद से हटाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आयुक्त पद पर तैनात कर दिया।
नई दिल्ली में तैनात रहे
अपर स्थानिक आयुक्त अशोक कुमार श्रीवास्तव को नोएडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा
वाणिज्य कर के विशेष सचिव विमल कुमार शर्मा को ग्रेटर नोएडा की अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के पद पर तैनाती दी गयी है।
चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव बृजेश नारायण सिंह को अपर स्थानिक आयुक्त के पद पर नई दिल्ली में तैनात किया गया है।
नियुक्ति की प्रतीक्षा में रहे
अशोक कुमार,
राकेश कुमार और
शिव श्याम मिश्र को क्रमश: राष्ट्रीय एकीकरण विभाग, नियोजन विभाग तथा राजस्व विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है।

अखिलेश यादव तो भाई या भतीजा है मगर मुलायम सिंह बदमाश और सपा बेकार है:बेनी प्रसाद और जया प्रदा

उत्तर प्रदेश के दो दिग्गज नेताओं ने राजनीतिक दबंगई का प्रदर्शन करके आज सबको चौंका दिया|केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद और फिल्म ऐक्ट्रेस ज्याप्रदा ने दो अलग घटनाओं में अपने तेवर दिखलाये|इन दोनों नेताओं को अखिलेश यादव तो ठीक लगे मगर समाज वादी पार्टी और उसके सुप्रीमो के प्रति उनके विचार अलग निकले|
बेनी प्रसाद से जब पत्रकारों ने अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के विषय में पुछा तो श्री बेनी ने तत्काल कहा अखिलेश तो हमारे भतीजे हैं वोह जो भी कर रहे हैं सब ठीक कर रहे हैं इतने में संभवत पार्टी की कोई लाईन याद आ गई तभी संभलते हुए कहने लगे की मुलायम तो बदमाश है|अर्थात भाई बदमाश है और सत्ता रुड भतीजा ठीक है|

अखिलेश यादव तो भाई या भतीजा है मगर मुलायम सिंह बदमाश और सपा बेकार है:बेनी प्रसाद और जया प्रदा

अखिलेश यादव तो भाई या भतीजा है मगर मुलायम सिंह बदमाश और सपा बेकार है:बेनी प्रसाद और जया प्रदा


उधर दूसरी तरफ अपने जमाने की मशहूर ऐक्ट्रेस + यूपी के रामपुर की सांसदऔर ठाकुर अमर सिंह की एक मात्र सहयोगी सांसद जया प्रदा द्वारा प्रेस वार्ता में अपना गुस्सा दिखाने का मामला सामने आया है। ज्या प्रदा शहीद डीएसपी जिया-उल-हक के परिजनों से मिलने के लिए देवरिया गई थीं। वहीं पर एक पत्रकार ने उनसे सवाल पूछा और वोह वह भड़क गईं। मामला यहीं तक नहीं रुका। उन्होंने उस पत्रकार को लाफा तक मारने की बात कह दी। उन्होंने कहा, ‘सुनो एक लाफा दूंगी न तुमको’
दरअसल, जया प्रदा जैसी ही देवरिया के पास स्थित शहीद डीएसपी के गांव पहुंची, मीडिया वालों ने उन्हें घेर लिया। इसी क्रम में पत्रकारों ने पूछा कि अखिलेश के बारे में आपका क्या कहना है, इस पर जया ने कहा कि वह उनके छोटे भाई के समान हैं। इसके बाद एक पत्रकार ने सवाल किया कि क्या आप समाजवादी पार्टी के साथ हैं? इस पर उन्होंने कहा, ‘क्या सवाल पूछ रहे हो… उन्होंने हमें पार्टी से निकाल दिया है?… तुमको बुद्धि है कि नहीं… सुनो एक लाफा दूंगी ना तुमको…

अखिलेश यादव ने क्रिकेट में भी आल राउंडर छवि दिखला कर आई ऐ एस लाबी को मित्र बनाया

अखिलेश यादव ने क्रिकेट में भी आल राउंडर छवि दिखला कर आई ऐ एस लाबी को मित्र बनाया

प्रदेश में तैनात आई ऐ एसअधिकारीयों को सुशासन का पाठ पड़ाने के बाद युवा मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने अधिकारियों में खेल भावना का भी संचार किया और अपनी बहुआयामी छवि का सराहनीय प्रदर्शन किया | अच्छे ब्यूरोक्रेट्स को प्रोत्साहित करने का आश्वासन भी दिया
२० जनवरी को ५ कालिदास मार्ग के सामने स्थित विशाल लामर्टिनयर मैदान पर सीएम इलेवन और आईएएस अफसरों की टीम के बीच क्रिकेट का २० -२० मुकाबला हुआ। लेकिन अफसरों की टीम कप्तान अखिलेश यादव के बल्ले और गेंद बाजी के आगे टिक नहीं सकी और 11 रन से मुकाबला हार गई।
नेताओं और अफसरों के बीच मैच की नई परंपरा शुरू करने वाले अखिलेश के नेतृत्व में सीएम इलेवन ने मैच तो जीत लिया, सीएम ने आईएएस अफसरों की टीम में अच्छे खिलाड़ी देख कर प्रसन्नता भी व्यक्त की
मुख्यमंत्री ने धुआंधार बल्लेबाजी की और पचास रन बना कर सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बनेऔर दस ओवर फेंककर तीन विकेट भी लिए।
अखिलेश की टीम में , राजा भैया,, पवन पांडेय, कमाल अख्तर ,इरफान सोलंकी, नीरज शेखर, राकेश सिंह, रेहान सिद्दीकीजैसे अनुभवी खिलाड़ी शामिल थे। सीएम इलेवन ने 193 रन का स्कोर बनाया।यूपी के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी को पेवेलियन में मुख्य मंत्री ने भेजा और टीम को १८३ पर ही सिमटा दिया|
गौरतलब है कि पिछले दिनों शिव पाल यादव और अखिलेश यादव ने आई ऐ एस अधिकारीयोंकी खिंचाई करके उन्हें प्रशासन का पाठ भी पडाया था |पी सी एस अधिकारियों के साथ आई ऐ एस को भी इधर से उधर किया गया अब खेल भावना का परिचय देकर मिशन २०१४ को आसान बनाने का प्रयास किया |

रालोद सांसद जयंत चौधरी का अनुरोध ठुकराया: शहीद हेमराज के परिजनों का अनशन जारी

पाकिस्तान के साथ सीमा पर लगातार बढ़ते जा रहे तनाव के प्रति जनप्रतिनिधियों की ढुल मुल निति से जनाक्रोश में लागातर वृद्धि हो रही है ऐसे आक्रोश का प्रदर्शन मथुरा में शहीद के परिवार वालों ने सांसद जयंत चौधरी के समक्ष किया | छेत्र के सांसद ने अनशन पर बेसुध बैठे शहीद हेमराज के परिवार की महिलाओं को दूध पिला कर उनका अनशन तुड़वाने का प्रयास किया तो वहां के पुरुष भड़क गए और उन्होंने अपने प्रतिनिधि को खूब खरी खोटी सुनाई|
शहीद हेमराज का सिर वापस लाने की मांग के साथ मां मीना और पत्नी धर्मवती का अनशन जारीहै । उनकी तबियत बिगड़ने पर चिकित्सकों के एक दल ने गांव में पहुंचकर उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया रविवार को सांसद जयंत चौधरी गांव पहुंचे और अनशन समाप्त करने की अपील करते हुए उनको दूध पिलाया। इसके बाद भी परिवारीजनों ने अनशन तोड़ने से इनकार किया है और उनका कहना है कि मांगे पूरी होने तक अनशन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि गांव शेरनगर खैरार में शहीद हेमराज की आहत मां मीना और पत्नी धर्मवती ने पांच दिन से खाना-पीना छोड़ा हुआ है। अन्न ग्रहण न करने से दोनों की सेहत लगातार गिरती जा रही है।१३ जनवरी को भी धर्मवती तो दिनभर बेहोशी की हालत में रहीं। रालोद के सांसद जयंत केअनुरोध के बावजूद परिवारीजनों ने अनशन समाप्त करने से इनकार कर दिया। शहीद के भाई नरेंद्र का कहना है कि अनशन समाप्त नहीं हुआ है, बेहोशी की हालत में उन्हें (धर्मवती) को कुछ पता नहीं लगा। ऐसे में कोई नेता उन्हें पानी पिलाए या दूध, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हमारी मांगें पूरी न होने तक अनशन जारी रहेगा।
छेत्र वासियों के अनुसार शहीद हेमराज की अंत्येष्टि में शासन, प्रशासन का कोई प्रतिनिधि मौके पर नही पहुंचा और क्षेत्रीय सांसद व विधायक के भी मौजूद न रहने से ग्रामीणों में पहले से ही आक्रोश हैं प्रदेश की सरकार के युवा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा

शहीद हेमराज के परिजनों का अनशन जारी

आर्थिक पैकेज की घोषणा नही किया जाना भी चर्चा चर्चा का विषय बनी हुई है|

अखिलेश यादव साथ दें तो आसमान में विमानों की झाड़ी लगा देंगे:अजित सिंह

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव उनका साथ दें तो आसमान में विमानों कि झड़ी लगा दी जायेगी|
एक लम्बे अरसे के बाद आगरा को पुनः एयर इंडिया के मानचित्र पर अंकित करते हुए अजित सिंह ने आगरा एअरपोर्ट पर दिल्ली -वाराणसी-आगरा-खजुराहो विमान सेवा का उद्घाटन किया|उन्होंने उनके मंत्रालय और प्रदेश सरकार के संबंधों को सुधारने का प्रयास किया और कहा कि देश में प्रदेश की आबादी १८% है जबकि सिविल एविएशन की सुविधा या व्यापार आबादी का मात्र १०% भी नहीं है|
इस अवसर पर दिए भाषण से लगता है कि अजित सिंह पूरे तैय्यारी के साथ आगरा आये थे और विमानन आकंड़ों के साथ विमानन सेवा के विस्तारीकरण को प्रदेश के विकास के लिए अहम् बताया|उन्होंने बताया कि दिल्ली की सकल घरेलू उत्पाद का १५% से ज्यादा हिस्सा विमानन सेवा से आता है|
केरल से खाड़ी देशों के लिए प्रति सप्ताह ३६० उड़ाने हैं |खाड़ी के देशों में यूं पी से भी बड़ी संख्या में लोग जाते हैं जबकि प्रदेश से एक विमान सेवा भी नही है|इसीलिए यूं पी से इराक शारजाह के लिए भी सीधी उडान होनी जरुरी है|
विमानन मंत्री ने प्रदेश मुख्य मंत्री से सहयोग की अपेक्षा करते हुए मेरठ ,मुरादाबाद और फैजाबाद कि हवाई पट्टी की मांग कर डाली|
उन्होंने अपने भावी यौजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि आगरा से वृन्दावन के लिए हेलीकाप्टर और गोवा के लिए विमान सेवा शुरू कि जा सकती है|गौरतलब है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा मेरठ, सहित अन्य शहरों में हवाई सेवा मुहैय्या करवाने के लिए प्रदेश से लागातार जमें मांगी जा रही है इसके लिए फायलों के घोड़े दौड़ाये जा रहे है मगर प्रदेश सरकार जमीन को मुफ्त में देने के बजे उसकी वाजिब कीमत की मांग करती आ

अखिलेश यादव साथ दें तो आसमान में विमानों की झाड़ी लगा देंगे:अजित सिंह

रही है|
इस अवसर पर एयर इंडिया के अध्यक्ष रोहित नंदन,सांसद डाक्टर कठेरिया,एस पी बघेल,विधायक पूरण प्रकाश,मेयर,आदि उपस्थित थे|

अखिलेश यादव जी और आज़म खान साहब बिजली की बर्बादी नहीं रुकी तो स्टॉक तंग करने लगेगा

एक पत्र मुख्य मंत्री अखिलेश यादव जी के नाम

बिजली की बर्बादी नहीं रुकी तो स्टॉक तंग करने लगेगा

आप ने कई बार बिजली की बर्बादी रोकने के सख्त आदेश जारी किये हैं यहाँ तक की कर्मियों के वेतन से कटौती की बात भी कही गई थी मगर हकीकत कुछ जुदा है। अलग है ।डिफरेंट है। आज दिन में खीची गई ये तस्वीरें चीख चीख कर ब्यान कर रही हैं कि या तो आपके आदेश कागजी या हवाई थे और नहीं तो यह विभाग आपके काबू में नहीं रहा । हो सकता है कि आपके राम पुर +मैनपुर + सैफई आदि में सस्ती बिजली भरपूर मिल रही हो मगर ऐसी बर्बादी चलती रही तो जनाबे आली बिजली का स्टोक तंग करने लगेगा और इसके फलस्वरूप आपके यहाँ भी चांदनी चार दिन की ही रह जानी है

मुलायम सिंह यादव और पुत्रों पर आय से अधिक संपत्ति की जांच को जारी रखने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए

सुप्रीम कोर्ट ने आज ब्रहस्पतिवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और उनके बेटों मुख्य मंत्री अखिलेश यादव व प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए सीबीआइ को हरी झंडी दे है| जांच एजेंसी इस मामले में तत्काल एफआइआर दर्ज करने के मूड में नहीं है। सीबीआइ द्वारा प्रारंभिक जांच को आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन इसके साथ एक राहत देते हुए अखिलेश यादव की धर्म पत्नी श्रीमती डिम्पल यादव को इस सब से अलग रखने को कहा गया है |आदेश में कहा गया है की डिम्पल किसी सरकारी पद पर नहीं थी|
कांग्रेस के अहमद पटेल ने कहा है कि इस फैसले से कांग्रेस और सपा के रिश्तों पर कोई असर नहीं पडेगा|उधर मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने कोर्ट पर भरोसा व्यक्त किया है और न्याय पाने की उम्मीद व्यक्त की है|

मुलायम सिंह यादव और पुत्रों पर आय से अधिक संपत्ति की जांच को जारी रखने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए


गौर तलब है कि वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआइ ने मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों की प्रारंभिक जांच पूरी कर ली थी और 2009 में ही इसकी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी।
राजनीतिक रूप से अतिसंवेदनशील इस मामले में सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट में अपना रुख कई बार बदल चुकी है। 2007 में अदालत ने सीबीआइ को जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपने का निर्देश दिया। लेकिन सीबीआइ ने इसका विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से आदेश में सुधार की अपील की थी। जांच एजेंसी का कहना था कि वह जांच रिपोर्ट सिर्फ अदालत को दे सकती है। लेकिन कुछ महीने के भीतर ही सीबीआइ ने इरादा बदल लिया और पुरानी अपील वापस लेने की अर्जी लगा दी। गुरुवार को अदालत ने 2007 के फैसले में संशोधन करते हुए जांच एजेंसी को सरकार के दखल से मुक्त करते हुए जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपने का आदेश दिया है।हाल ही में संसद में सपा और बसपा के नेताओं पर सी बी आई के दबाब के आरोप लगाए गए हैं|

बी के यू ने हुक्का पानी उठाया:टोल प्लाजा पर टोल कर्मियों की चौधराहट लौटी

बी के यू ने हुक्का पानी उठाया:टोल प्लाजा पर टोल कर्मियों की चौधराहट लौटी

भारतीय किसान यूनियन[बे के यू] ने एनएच-24 पर डासना के पास बने टोल प्लाज़ा से जारी धरना खत्म कर दिया अब फिर से इस प्लाज़ा पर प्लाज़ा कर्मियों की चौधराहट कायम हो गई है| । प्रशासनिक अधिकारियों के साथ करीब एक घंटे तक चली समझौता वार्ता के बाद बीकेयू के नेताओं ने यह फैसला किया। किसानों ने इसके साथ ही दिल्ली-नोएडा को जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाई ओवर पर शुक्रवार को होने वाला धरना भी स्थगित करने की घोषणा कर दी है|
बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ 13 दिसंबर को किसानों की बैठक के बाद डासना टोल बूथ सहित अन्य मामलों पर आगे की रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में बीकेयू के मंडल अध्यक्ष राजवीर सिंह चौधरी सहित अन्य किसान नेताओं ने भाग लिया। पुलिस की ओर से एसपी देहात, प्रशासन की ओर से एडीएम प्रशासन सी. आर. पटेल, एसडीएम सदर केशव कुमार आदि ने भाग लिया। जानकारों का मानना है की रालोद द्वारा घोषित गन्ना आन्दोलन की हवा निकालने के लिए यह व्यवस्था की गई है|वैसे कुछ भी कारण रहे हों किसानों के मसीहा बाबा टिकैत का ४० दिन के भोपा में धरने का रिकार्ड टूटने से बाख गया |
एडीएम देहात ने कहा कि किसानों ने किसी भी तरह की शर्त प्रशासन के सामने नहीं रखी और ३७दिन पुराना धरना समाप्त कर दिया।

स्वीकृत मांगें ‘

बीकेयू के जिलाध्यक्ष हर्षवर्धन त्यागी ने दावा किया कि प्रशासन ने किसानों की कई मांगें मानी हैं। [१] बातचीत में तय किया गया है कि मीडियाकर्मियों , वकीलों , किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं और स्टूडेंट्स से टोल नहीं लिया जाएगा।[२] टोल प्लाजा के आसपास दस किलोमीटर के दायरे में बसे लोगों से भी टोल नहीं लिया जाएगा।

प्रशासनिक दाव

प्रशासन ने टोल प्लाज़ा कब्जा करने वाले किसानों का नेतृत्व कर रहे छह नेताओं को गुरुवार को नोटिस जारी किए। नोटिस में कहा गया कि उनके इस आंदोलन से सरकार को जो नुकसान हुआ है इसकी वसूली उनसे की जाएगी। किसान नेताओं ने नोटिस लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वे संघर्ष के लिए तैयार हैं।
गुरुवार को सिवाया टोल पर आंदोलन के खात्मे के मौके पर भी एक आला अफसर ने राकेश से वार्ता की और फिर मुख्यमंत्री स्तर से। परिणाम रहा कि एनएचएआइ से संबंधित आठ मांगों को लेकर भाकियू ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन तैयार किया। इसमें सारी मांगे केंद्र सरकार से संबंधित हैं। उसी के आधार पर उनकी वार्ता का समय मुख्यमंत्री से तय हुआ। माना जा रहा है कि 13 दिसंबर को अखिलेश और राकेश की लखनऊ वार्ता के बाद गन्ना मूल्य का भी ऐलान कर दिया जाएगा। निश्चित रूप से यह ऐलान रालोद सुप्रीमो अजित सिंह पर दबाव बनाएगा।
बहरहाल, पूरे घटनाक्रम का जिस तरह से अचानक पटाक्षेप हुआ, उससे यह बात चर्चा में आ रही है कि कहीं न कहीं अखिलेश आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रालोद को हाशिए पर डालने की रणनीति को अंजाम देने में लगे हैं। सपा के एक खेमे का मानना है कि यदि लोस चुनाव में भाकियू का सहयोग मिल जाए तो चुनाव में इसका लाभ होगा। यह भी सर्वविदित है कि भाकियू और रालोद दोनों ही संगठनों का सियासी आधार किसान राजनीति की जमीन पर टिकी है। इस सियासी गठजोड़ को अभी कड़ी अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा, क्योंकि भाकियू की राजनैतिक विंग बहुजन किसान दल (बीकेडी) इन दिनों लगभग निष्क्रिय है। अब तक का इतिहास है की किसानों ने बेशक आन्दोलनों में बाबा एम् एस टिकैत का भरपूर साथ दिया मगर चुनावों में वोही तबका चौधरी अजित सिंह के रालोद के साथ खड़ा नज़र आया है|इसीलिए राकेश टिकैत को अभी अपना राजनितिक कद बढाने के लिए मेहनत करनी होगी|

सोणी मनमोहनी सरकार ठाठ से कभी साईकिल और कभी हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये क्या लोक तंत्र का संसद में खुले आम मखौल उड़ाया जा रहा है ? एक तरफ तो ऍफ़ डी आई के विरोध में बंद कराते हैं|संसद में गला फाड़ते हैं और वोट देने के नाम पर ऍफ़ डी आई को जितवा देते हैं| पहले लोक सभा में बहस करने के बावजूद वोटिंग के टाईम पर बेहद बचकाना बहाना बना कर बाहर निकल गए फिर राज्यसभा में तो हद ही हो गई | इन्होने उच्च सदन में सी बी आई बनाम भाजपा बनाने का प्रयास कर दिया| यहाँ तक की उच्च सदन की मर्याद को तार तार करते हुए सदन की कार्यवाही को बेशक दस दस मिनट्स के लिए ही सही मगर दो बार स्थगित करवा दिया| एन सी पी ने भी ऍफ़ डी आई का विरोध का संकेत देकर महाराष्ट्र में दोबारा अपना उप मुख्यमंत्री बनवा लिया| इन सभी ने साबित कर दिया है दिया है की सारी बातें मत्थे मगर पतनाला वहीं गिरेगा|खैर ये डाल डाल तो हम भी पात पात|हमने भी इन्हें यूं पी में बेनकाब करके इन्हें कांग्रेस की गोद में बैठा साबित कर ही दिया |अबदेखेंगे की ये चुनावों में कांग्रेस की मुखालफत कैसे करते हैं|

सोणी मनमोहनी सरकार कभी साईकिल और कभी हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है

झल्ला

ओ भोले सेठ जी बड़ी पुराणी कहावत है की रब्ब नेड़े[नजदीक]या घुसन्न[घूँसा]|जिस बेचारे को हर समय घूंसा दिखाई देता हो तो उसको रब्ब की परवाह नहीं रहती|एक पार्टी के मुख्यमंत्री ने तो सरे आम यह स्वीकार भी कर लिया की उनकी पार्टी ने हमेशा यूं पी ऐ को बचाया है मगर वक्त पड़ने पर उन्हें कौन बचाएगा?इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी सी बी आई को फटकार लगाई जा चुकी है| सेठ जी वास्तव इन दोनों संकट मौचक पार्टियों की गर्दन सरकार के हाथ में हैं| इसीलिए हसाड़ी सोणी मनमोहनी सरकार ठाठ से घड़ी घड़ी साईकिल और हाथी की सवारी का आनंद लेती जा रही है|

चौधरी अजित सिंह के राजनीतिक रडार पर अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की बेंच भी आ गई है

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह के राजनीतिक रडार पर अब इलाहाबाद हाई कोर्ट की मेरठ के लिए खंडपीठ (बेंच) भी आ गई है| केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद मेरठ में एयरपोर्ट के लिए प्रयासरत चौधरी अजित सिंह अब अपने राजनीतिक प्रभावी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ (बेंच) के लिए सक्रिय हो गए हैं। जाहिर है कि मेरठ में हाई कोर्ट की बेंच के मुद्दे को स्पोर्ट करके रालोद प्रमुख ने प्रदेश सरकार के लिए सरदर्दी बड़ा दी है|
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वकीलों व वादकारियों की लगभग तीन दशक पुरानी मांग को पूरा कराने के लिए उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार का दरवाजा खटखटाया है। कानून मंत्री से मुलाकात के बाद चौधरी अजित सिंह इस मामले में सकारात्मक नतीजे की उम्मीद लगाए हुए हैं।
हाईकोर्ट बेंच केन्द्रीय संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल के साथ शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार से मुलाकात कर अजित सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की मेरठ में बेंच स्थापित करने की कई वजह गिनाईं। [१]इलाहाबाद हाई कोर्ट में जितने मुकदमे चल रहे हैं, उनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के काफी ज्यादा मामले हैं। [२], 20 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट (लखनऊ बेंच समेत) में 99 लाख से अधिक मुकदमे लंबित हैं। [३]लखनऊ बेंच समेत इस हाई कोर्ट में 160 जजों के स्वीकृत पदों में से लगभग आधे खाली पड़े हैं।

चौधरी अजित सिंह


गौरतलब है कि मेरठ में इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ की मांग तीन दशक पुरानी है। कई बार लंबे आंदोलन हो चुके हैं। एक बार तो दाताराम शिंगल [अब स्वर्गीय] आदि के संचालन में जेल भरो आन्दोलन भी चलाया जा चुका है| एक कमीशन भी इसकी संस्तुति काफी पहले कर चुका है। खंडपीठ की स्थापना में सिर्फ राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत है और उम्मीद है कि सरकार लगभग 30 साल पुरानी इस मांग को पूरा कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों की भावनाओं का सम्मान करेगी।
अजित सिंह की इस सक्रियता को रालोद की तरफ से लोकसभा की चुनावी तैयारियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल में संघर्ष समिति के चेयरमैन अशोक शर्मा +संयोजक सुधीर पवार+ एम पी शर्मा+गजेन्द्र सिंह धामा, जितेन्द्र मोहन शर्मा आदि शामिल रहे।
बताते चलें कि पिछले दिनों छेत्र में राजनीतिक पकड़ के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री अखिलेश यादव की सरकार और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और रालोद प्रमुख चौधरी अजित सिंह के बीच एक अघोषित जंग जारी है| केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय मेरठ के अलावा प्रदेश में एयर पोर्ट विकसित करने में इच्छुक है मगर मंत्रालय को प्रदेश सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध नहीं कराई जा रही|उलटे इस पहल का मज़ाक उड़ाया जा रहा है|काबिना मंत्री श्री आज़म खान राम पुर में एयर पोर्ट की जरुरत बताते हैं तो अखिलेश यादव भी मेरठ के बजाय इस्टर्न यूं पी को प्राथमिकता दिए जाने की वकालत करते नजर आते हैं|
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर ब्रेक लगाने पर अब मेरठ में हाई कोर्ट की बेंच की दशकों पुराणी मांग को पुनः उठा कर प्रदेश सरकार के लिए सरदर्दी बड़ा दी है|