Ad

Tag: अप्रवासी

बाहरी लोगों की लगातार बढ़ती संख्या से विकराल हो रही समस्या से निबटने के लिए केंद्र सहायता दे:शीला दीक्षित

C M Of Delhi Shrimati Sheila Dikshit


नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक में दिल्‍ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि दिल्ली में  बाहर से आने वाले लोगों की वजह से दिल्ली पर सुविधाओं का बोझ बढ़ रहा है.| इसके साथ ही उन्होंने ये भी माना कि बाहरी लोगों की वजह से दिल्ली एक खूबसूरत शहर के तौर पर सामने है|
राष्ट्रीय विकास परिषद [एन डी सी ] की बैठक में श्रीमती शीला ने कहा कि दिल्ली में अप्रत्याशित चुनौतियां हैं. उन्होंने देश भर से लोगों के अनियंत्रित आगमन को चिन्ता की बड़ी वजह बताया. उन्होंने कहा कि ऊंचा वेतन, बेहतर शैक्षिक एवं स्वास्थ्य सुविधाएं, रोजगार के अधिक अवसर ऐसे कुछ कारण हैं जो इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आगमन के लिए जिम्मेदार हैं|
उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के लोगों के आने से यहां एक उदारवादी संस्कृति अवश्य कायम हुई लेकिन बढ़ती आबादी ने आवास, स्वच्छता, बिजली, पानी, सीवेज, जन स्वास्थ्य और परिवहन प्रणाली पर जबर्दस्त दबाव डाला है. | निजी वाहनों की बढ़ती संख्या भी एक अन्य समस्या है जो फिलहाल थमती नहीं नजर आ रही है. विभिन्न चुनौतियों से निपटने में उनकी सरकार को पेश आ रही समस्याओं का जिक्र करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं है और पुलिस एवं भूमि यहां केन्द्र के नियंत्रणाधीन है. उल्लेखनीय है कि शीला पहले मांग कर चुकी हैं कि दिल्ली पुलिस राज्य सरकार के नियंत्रण में की जाए लेकिन इस मांग कोकई बार खारिज किया जा चुका है|
महानगर में एक नए प्रकार की मल्टीमॉडल यातायात प्रणाली शीघ्रातिशीघ्र लाने की आवश्यकता पर भी सी एम् ने बल दिया |
उन्होंने एन डी सी की ५७ वे बैठक में 12वीं योजना के लिए दिल्ली को एक विश्व विरासत शहर के अनुरूप विकसित करने के लिए अधिक संसाधनों को उपलब्धता और बड़े पैमाने पर प्रयास करने की आवश्यकता जताई।
इससे पूर्व आर्थिक राजधानी मुम्बई में प्रवासियों के आगमन पर एतराज़ जताया जा चुका है वहां यूं पी ,बिहार,के लोगों पर एटैक भी कराये जा रहे हैं अब देश की राजधानी दिल्ली में भी प्रवासियों के नाम पर यह राजनीती शुरू हो गई है यह दुखद है|पहले अंधाधुंध झोपड़ पट्टी को कुकुरमुत्तों की तरह फ़ैलाने दिया जता है फिर उसे वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने के लिए तमाम तरह की सुविधाएं भी दी जाती है|वोट बैंक के नज़रिए से झोपड़ पट्टी के नियमतिकरण और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू हो जाती है जिसे लेकर” आप ” जैसी नवगठित पार्टी भी अपना राजनीतिक आधार तलाशने लगती हैं| इसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए माननीय कोर्ट के आदेशों को अनदेखा करके अनआथोराईज्द[इल्लीगल]कालोनियों को नियमित करके सुविधाओं का रौना शुरू हो जाता है | अब समय आ गया है कि इस १२ पञ्च वर्षीय यौजना में इस प्रकार के नियमतिकरण के लिए अलग से फंड्स उपलब्ध करने की जरुरत को स्वीकार कर लिया जाना चाहिए है|