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Tag: अरविन्द केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस

अरविन्द केजरीवाल ने मुकेश अम्बानी पर गैस की जमाखोरी करके सरकार को ब्लैक मेल करने का आरोप लगाया |

आई ऐ सी के नेता अरविन्द केजरीवाल ने आज देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अम्बानी पर गैस की जमाखोरी करके सरकार को ब्लैक मेल करने का आरोप लगाया |दिल्ली के कन्स्तितुशनल क्लब में प्रेस कांफ्रेंस करके सरकार को उद्योगपतियों की जेब में बताया | राबर्ट वढेरा+नितिन गडकरी +सलमान खुर्शीद के बाद आज उन्होंने आरोप लगाया कि मुकेश अम्बानी ने गैर कानूनी लाभ के लिए अपने प्रभाव से मणि शंकर अय्यर और एस जय पाल रेड्डी को अपने रास्ते से हटवा दिया |इस घोटाले को कोयला और लैड स्कैम के सामान बताया |
अरविन्द केजरीवाल ने बताया कि

अरविन्द केजरीवाल ने मुकेश अम्बानी पर गैस की जमाखोरी करके सरकार को ब्लैक मेल करने का आरोप लगाया |


२.३४ डॉलर्स प्रति एम् एम् बी टी यूं गैस सरकार को दी जानी थी|लेकिन मात्र चार सालों के पश्चात ही रिलायंस ने ४.२ डालर्स की मांग कर दी|जिसे तत्कालीन मंत्री मणि शंकर अय्यर ने आपत्ति की तो उन्हें हटा कर मुरली देवड़ा को लाया गया |देवड़ा ने कम्पनी को एक लाख करोड़ का फायदा पहुंचाया और फिर उसके बाद २०१२ में १४.२ डालर्स प्रति एम् एम् बी टी यूं की मांग की जाने लगी | इसके लिए गैस निकालना भी कम कर दिया गया इसके अलावा बेसिन के ३०% शेयर विदेशी कंपनियों को देने के लिए मंजूरी मांगी जाने लगी|आरोप है कि गैस कि जमा खोरी की गई और दाम बढाने पर ही निकालने का निर्णय ले लिया गया|
अब जय पाल रेड्डी ने न केवल इसका विरोध किया वरन कम गैस निकालने के लिए ७००० करोड़ का दंड भी लगा दिया|इससे कुपित होकर मुकेश अम्बानी ने रेड्डी को हटवा कर मोयली को मंत्री बनवा दिया|अगर अब रिलायंस की मांग मान ली जाती है तो देश को ४३००० करोड़ का नुक्सान होगा रिलायंस को इतना ही फायदा होगा| और जनता के लिए बिजली+खाद और महंगी हो जायेगी |बिजली जो तीन रुपये प्रति यूनिट दी जानी थी वह सात रुपये हो जायेगी|
कैग ने रिलायंस के आसमान छूते खर्चों को गोल्ड प्लेटिंग बताया और रिलायंस का आडिट कराये जाने जरुरत बताई लेकिन रिलायंस ने इनकार कर दिया|
गौरतलब है कि आर आई एल ने एन टी पी सी को २००४ में और आर एन आर एल को २.३४ डालर्स प्रति एम् एम् बी टी यूं का कांट्रेक्ट साईन किया मगर अपने प्रभाव से २००७ में ही प्रणब मुखेर्जी की अध्यक्षता में ई जी ओ एम् ने ४.२ डालर्स प्रति यूनिट के लिए सरेंडर कर दिया| इससे ८००० करोड़ का फायदा कंपनी को पहुंचाया गया|
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार इन उद्योग पतियों के गैर कानूनी दबाब में झुकती जा रही है और नवीनतम रिलायंस को फायदा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है|लेकिन इससे गैस और खाद की कीमतें आसमान छूने लगी है|
सरकार के पास रसोई गैस पर सब्सिडी देने के लिए ३५००० करोड़ नहीं है मगर प्राकृतिक संसाधनों की खुली लूट का अवसर बड़े बड़े उद्योगपतियों को दिया जा रहा है| इसके साथ ही उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि इस प्रकार महंगाई बड़ा कर कहीं मुकेश अम्बानी से चुनावों में कोई लाभ तो नहीं लिया जा रहा |
केजरीवाल ने प्रधान मंत्री की बेबसी पर व्यंग बाण भी छोड़े|और पिछले दरवाजे से मुकेश अम्बानी से लाभ लिए जाने की सम्भावना भी जताई है| इस अवसर पर उन्होंने भजपा पर भी कांट्रेक्ट में उद्योग पति के हित में क्लाज डालने का आरोप लगाया |इनके साथ प्रशांत भूषण और मनीष शिशोदिया भी थे कांफ्रेंस के |अंतिम समय में कुछ लोगों ने कांफ्रेंस में गडबडी फैलाने का प्रयास भी किया जिसे स्पोंसर्ड बताया गया |

अरविन्द केजरीवाल के नितिन गडकरी पर लगाये गए आरोपों को भाजपा ने बेबुनियाद बताया

अरविंद केजरीवाल ने बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर आज बुधवार को बहुप्रतीक्षित खुलासा कियालेकिन यह खुलासा इतना कमजोर निकला कि गडकरी और भाजपा ने तत्काल इसे नकार कर उलटे केजरीवाल की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा दिए हैं|। इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस+एनसीपी की मिलीजुली सरकार के दौरान नितिन गडकरी द्वारा भूमि हथियाये जाने के आरोप लगाये| । जबकि भाजपा का कहना है कि जमीन के बारे में जो बातें बताई गईं, वे बेबुनियाद हैं। किसानों की जमीन जबरन नहीं ली गई है|किसानों को उनका मुआवजा २२ साल पहले दिया जा चुका है| सरकार ने 15 साल के लिए जमीन का टुकड़ा खरीदा नहीं गया वरन ११ साल की लीज़ पर है| जिसका इस्तेमाल किसानों के हित में किया जाता है। इस जमीन पर किसानों के लिए गन्ना नर्सरी का काम किया जाता है।’ जो गन्ना का सैम्पल १५/= में मिलता है वोह सैम्पल यहाँ से मात्र ५/= में दिया जाता है|इससे छेत्र के किसानो को मदद मिलती है| बाँध का पानी भी मात्र ०.०८% ही लिया जाता है|गडकरी ने खुद को सामाजिक सरोकारों से जुड़ा आदमी बताते हुए कहा, ‘मैं सोशल इंटरप्राइज़ के रूप में काम करता हूं। मैं विदर्भ के किसानों के लिए लड़ता रहा हूं। मैंने गरीबों और किसानों की मदद की है। मैंने 180 मकान बनाकर 400 रुपए/स्क्वेयर फीट की दर पर बेचा है।’
अरविन्द केजरीवाल की प्रेस कांफ्रेंस
अरविन्द केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि मुंबई में आईएसी की सदस्य अंजली दमानिया और प्रीति ने सिंचाई घोटाले की जांच की। एक महीने की जांच में चौंकानेवाले तथ्य सामने आए हैं। अरविंद ने
सवाल उठाया कि विदर्भ में किसान खुदकुशी क्यों कर रहे हैं? जब आईएसी की सदस्य एक महीने में जांच कर तथ्य सामने ला सकती हैं तो सरकारें क्या कर रहीं हैं? जांच एजेंसियां क्या कर रही हैं?
अन्ना आंदोलन के दौरान अंजली दमानिया ने आरटीआई दाखिल की जिसके बाद उनको सबूत मिले की 70 हजार करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी किसानों को फायदा नहीं क्यों नहीं मिले? अरविंद ने खुलासा किया कि नागपुर के खुर्सापुर गांव में डैम बनाने के लिए जमीन अधिग्रहित की गई। इलाके के किसान गजानन रामभावजी घडगे की जमीन अधिग्रहित की गई। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जितनी जमीन चाहिए थी उससे ज्यादा जमीन अधिग्रहित की गई।
लेकिन डैम बनाने के बाद भी जमीन खाली पड़ी थी जिसपर सिंचाई विभाग के आदेश से गजानन उसपर खेती कर रहे थे, इसके लिए उन्होंने सिंचाई विभाग से आज्ञा ले रखी थी। बांध बन गया। 100 एकड़ जमीन खाली पडी थी। सिंचाई विभाग के इंजीनियर ने 18 एकड़ जमीन पर खेती की प्रमीशन दी। इसके बाद साल 2000 में किसानों ने सूबे के शासन को चिट्ठी लिखी और मांग की कि फालतु खाली पड़ी जमीन पर वो खेती करना चाहते हैं। वो जमीन उनको लीज पर या बेच दी जाए। लेकिन सिंचाई विभाग का जवाब आया कि जमीन पर सिंचाई बंद कर दी जाए। इस खाली पड़ी जमीन पर सौंदर्यीकरण का काम करना है।
4 जून 2005 को बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने अजित पवार को चिट्ठी लिखी की उनको 100 एकड़ जमीन चाहिए। अजित पवार ने चार दिन यानि 8 जून को वीआईडीसी को कहा कि गडकरी के प्रस्ताव को 22 जून की बैठक में पेश किया जाए। इस बैठक में नितिन गडकरी की मांग को मंजूरी दे दी गई। हालांकि सिंचाई विभाग ने विरोध किया कि कानून के तहत ऐसा करना संभव नहीं है।
28 नवंबर 2007 को एक और मीटिंग हुई और 100 एकड़ जमीन गड़करी को दे दी गई। 6 जून 2008 को घडगे ने लोकल एमएलए को लिखा कि ज्यादा अधिग्रहण होने पर बची हुई जमीन किसानों को वापस होनी चाहिए ऐसा कानून है। ये हमें वापस मिलनी चाहिए।21 जून 2008 को घड़गे को बुलाया गया ,वहां गड़करी की कंपनी के कुछ अधिकारी थे, घड़गे को कहा गया कि ये जमीन अब गड़करी की कंपनी को दे दी गई है। इसे आपको छोड़ना होगा। 28 जून 2008 को जब वो लौटा तो गड़करी की कंपनी के एमडी ने कहा कि जो कर सकते हो कर लो, अब ये जमीन हमारी है।
उसी गांव में पंचायत ने प्रस्ताव पारित किया 19 अगस्त 2007 को प्रस्ताव पारित किया कि गड़करी की कंपनी का जो पावर प्लांट है, उसका गंध पीने के पानी में मिलता है। इसे बंद किया जाए।
अरविंद ने खुलासा करते हुए कहा कि नितिन गडकरी का बड़ा एंपायर है। उनका इसमें व्यासायिक इंट्रेस्ट हैं। क्या वो महाराष्ट्र के विदर्भा के किसानों के विरोध में है? क्या महाराष्ट्र के अंदर व्यवसाय किसानों की खुदकुशी पर हो रहा है? केजरीवाल ने कहा कि वो एक प्रश्न देश के सामने रखना चाहते हैं कि क्या बीजेपी देश की विपक्षी पार्टी है या बीजेपी सत्ताधारी पार्टियों से मिली हुई है। सवाल उठाते हुए अरविंद ने खुलासा किया कि गडकरी साहब का इंटरेस्ट क्या है। उनके बिजनेस हित क्या महाराष्ट्र के किसानों के हितों से टकरा रहे हैं? महाराष्ट्र के अंदर जो गड़करी के हित हैं उनकी कीमत किसान चुका रहे हैं?

भाजपा की प्रेस कांफ्रेंस

।इस प्रेस कांफ्रेंस के बाद नितिन गडकरी और भाजपा की नेत्री सुषमा स्वराज और अरुण जेटली ने भी प्रेस को अलग अलग संबोधित किया| और अरविन्द केजरीवाल द्वारा लागाये गए आरोपों को सिरे से खारिज किया और उनकी की प्रेस कांफ्रेंस को राजनीतिक लाभ के लिए चुनावी सभा का नाम दिया| सुषमा स्वाराज ने कहा कि वोह कोई मान हानि का दावा नहीं करेंगे भाजपा एक राजनीतिक पार्टी है सो राजनीतिक रूप से इसका मुकाबिला किया जायेगा| और पूरे भाजपा पार्टी अपने अध्यक्ष के समर्थन में साथ खडी

अरविन्द केजरीवाल के नितिन गडकरी पर लगाये गए आरोपों को भाजपा ने बेबुनियाद बताया

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