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Tag: अरविन्द केजरीवाल ने राजपथ पर धरना दिया

अरविन्द केजरीवाल को विकलांगों के साथ दिल्ली पोलिस ने हिरासत में लिया

विकलांगों के मुद्दे को लपक कर इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता अरविन्द केजरीवाल आज राज पथ को रणभूमि बनाने के लिए धरने पर बैठे |उनके साथ मनीष शिशोदिया और गोपाल राय के अलावा बड़ी संख्या में विकलांग थे| इससे पहले कि राज पथ तहरीर चौक (मिस्र में सत्ता विरोधी प्रदर्शनों का केंद्र)बनता पोलिस ने केजरीवाल और उनके साथ धरना दे रहे कार्यकर्ताओं को जबरन उठाकर हिरासत में ले लिया।और बसों में लाद कर बवाना ले गए| किसी के हताहत होने का समाचार नहीं मिला हैहाँ केजरीवाल की कमीज की दाईं कंधें से जरुर धक्का मुक्की में फट गई|
।केजरीवाल को हिरासत में लिए जाने के बाद उन्‍होंने पत्रकारों से कहा कि मुझे नहीं मालूम कि पुलिस मुझे लेकर कहां जा रही है। यदि मैं जेल गया तो बाहर नहीं निकलूंगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि आज जिसको जेल में होना चाहिए वह खुलेआम घूम रहा है। मार्च जनपथ से शुरू हुआ लेकिन पुलिस ने उसे 100 मीटर के बाद ही राजपथ चौराहे पर रोक दिया।उन्होंने कहा कि खुर्शीद ने कानून मंत्री के पद का अपमान किया है। इस पद पर एक समय में बी आर अंबेडकर कार्य कर चुके हैं। खुर्शीद और उनकी पत्नी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया जाना चाहिए। जब तक वह पाक साफ घोषित नहीं हो जाते उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर रहना चाहिए।
अब लोगों को छुट्टी लेकर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होना चाहिए। अब यह आरपार की लड़ाई है।
गौरतलब है कि एक चेनल के स्टिंग आपरेशन में डाक्टर जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट के तत्वधान में विकलांगों के लिए एलोटेड लगभग ७१ लाख प्रतिवर्ष के फंड्स का दुरूपयोग सामने आया है| इस ट्रस्ट के चेयर मैन डाक्टर जाकिर हुसैन के नवासे और वर्तमान कानून मंत्री सलमान खुर्शीद हैं और उनकी पत्नि श्रीमति लुईस प्रोजेक्ट निदेशक हैं|इस मुद्दे को जोर शोर से लपकने वाले नए नए राजनीतिक बने केजरीवाल और स्टिंग करने वाले मीडिया को मंत्री ने इंग्लैण्ड से ही गन्दी नाली का कीड़ा कह कर अपनी भड़ास निकाली|
इस मुद्दे को लेकर पहले तो केजरीवाल ने श्रीमती सोनिया गांधी के निवास को घेरने की घोषणा की थी मगर बाद में पी एम् निवास को टार्गेट बनाया गया | पी एमओ ने कहा कि पी एम् डाक्टर मनमोहन सिंह के पहले से कार्यक्रम तय हैं इसलिए वे केजरीवाल से नहीं मिल सकते। जिसके बाद केजरीवाल और उनकी टीम ने पीएम आवास घेरने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिसके बाद केजरीवाल वहीं जनपथ पर धरने पर बैठ गये। केजरीवाल ने कहा है कि जब तक प्रधानमंत्री नहीं

अरविन्द केजरीवाल को विकलांगों के साथ दिल्ली पोलिस ने हिरासत में लिया

कर बसों में लाद कर वहां से हटाया |
इसी बात पर केजरीवाल ने कानून मंत्री के इस्तीफे की मांग की है तो वहीं खुर्शीद ने सारे आरोपों को नकारते हुए केजरीवाल को कोर्ट में खींचने की बात कही है।
पत्रकारों से बातचीत में अरविंद केजरीवाल ने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या प्रधानमंत्री डर के छुप गए हैं? केजरीवाल ने मांग की कि पीएम को कानून मंत्री खुर्शीद को तुरंत बर्खास्त कर देना चाहिए।
उधर सलमान खुर्शीद ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है। साथ ही उन्होंने केजरीवाल के खिलाफ अदालत में जाने का फैसला किया है। खुर्शीद का कहना है कि केजरीवाल काफी घटिया व्यवहार कर रहे हैं और वो इसका सही जवाब उन्हें अदालत में मामला दर्ज करके देंगे। कांग्रेस ने भी कहा है कि खुर्शीद सफाई दे चुके हैं। अब सड़क पर प्रदर्शन का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस प्रवक्ता और दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित ने कहा कि पीएम हर किसी से किसी भी वक्त नहीं मिल सकते। जबकि यूं पी ऐ की एक सहयोगी सपा ने इस घोटाले को राष्ट्रीय अपराध की संज्ञा दी है|
अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि पहले मांग, फिर दबाव और तब भी बात न बनी, तो धरना-प्रदर्शन का निर्णय किया गया.
ब्यूरोक्रेट से सोश्लाईट और अब राजनीतिक बने अरविंद केजरीवाल को राजनीती का मन्त्र समझ में आ गया है कि सियासत में सबसे जरूरी है मशहूर होना और मशहूर होने के लिए मशहूर हस्तियों को निशाना बनाना सबसे आसान रास्ता है.| उनके भाग्य या केंद्र सरकार के दुर्भाग्य से अरविन्द को लगातार मुद्दे मिलते जा रहे हैं|अरविन्द को डील करने में शासन और प्रशासन की कार्यविधि से सरकार की लोक प्रियता का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है| दिल्ली में अपनी राजनीतिक बिसात बिछाने में लगातार सफल होते जा रहे अरविन्द ने पहले [१] बिजली के बिल जलाए+बिजली के कनेक्शन जोड़े+ [२] रॉबर्ट वाड्रा और डी एल ऍफ़ के साथ हरियाणा सरकार को कठघरे में ले आये +[३]डी एल ऍफ़ और इंडियन बुल जैसी कंपनियों के शेयर गिराने के लिए अरविन्द का एक ही बयाँ पर्याप्त बन गया|अब केन्द्रीय कानून मंत्री और मौजूदा सरकार के भरोसे मंद सलमान खुर्शीद का मुद्दा मिल गया है|मीडिया को लाख सर्कार ताने मारे मगर मीडिया को लगातार एक्टिव +नए+जनहित के मुद्दे देने में सफल रहे हैं| इसीलिए अब सरकार को भी समझ लेना चाहिए कि अरविन्द केजरीवाल न तो किसी गन्दी नाली के कीड़े है और नाही इनके लिए अब कोई या किसी या ऐरे गैरे जैसी पदवियाँ दे देने भर से मामले टलने वाले नहीं हैं बल्कि एक नए राजनीतिक मोर्चे के खुलने का यह एलान है|इसके अलावा यह भी कहना जरुरी है कि यह ट्रस्ट देश के प्रेसिडेंट रहे डाक्टर जाकिर हुसैन के नाम पर है|येही वोह डाक्टर जाकिर हुसैन हैं जिन्होंने मोहम्मद अली जिन्नाह के खिलाफ पंडित जवाहर लाल नेहरु के मूवमेंट को समर्थन दिया था |ऐसे स्वतन्त्रता सेनानी के नाम पर लगा धब्बा मिटाना वर्तमान सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए|