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Tag: आरबीआई ने सीआरआर

वित्त मामलों में वित्त मंत्री की नहीं चल रही तो काय के वित्त मंत्री


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक आम आदमी

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?अब सरकार की बिल्लियाँ ही म्यायुं करने लग गईहैं |आरबीआई ने सीआरआर[नकदी आरक्षी अनुपात ]में 0.25 फीसदी की कटौती कर दी है है। अब सीआरआर 4.25 फीसदी सीआरआर में कटौती से सिस्टम में 17,500 करोड़ रुपए तो जरूर आ जायेंगे लेकिन इसके साथ ही छोटी अवधि में महंगाई दर और बढाने के संकेत दिए जा रहे हैं| किसी रिस्क लेने से परहेज करते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। लिहाजा रेपो रेट 8%और रिवर्स रेपो रेट 7 %[आरबीआई द्वारा बैंकों से कर्ज लेने की दर] पर स्थिर है
|कहा जा रहा है के ब्याज दरें कम करने से महंगाई कम नहीं होगी इसीलिए अब ब्याज दरें कम नहीं की जायेंगी|

वित्त मामलों में वित्त मंत्री की नहीं चल रही तो काय के वित्त मंत्री

झल्ला

ओ मेरे भोले बादशाहों दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने एक जे पी सी की मीटिंग में गवाही देकर केंद्र सरकार पर एहसान क्या कर दिया की अब उन्होंने बैंक कर्जे पर लागू विशाल ब्याज दरों को कम करने से ही इनकार कर दिया है|अपने बॉस वित् मंत्री पी चिदम्बरम के सलाह को भी रद्दी की टोकरी में डाल कर ब्याज दरें कम करनेसे इनकार कर दिया है| मलहम के बिना मौद्रिक नीति पर वित्त मंत्री का मौन बता रहा है कि कहीं कुछ गड़बड़ जरूर है इसी लिए कहा जा सकता है कि अब अगर वित् सम्बन्धी मामलों में अर्थ शास्त्री वित् मंत्री की नहीं चल रही तो काय का शास्त्र काय का वित्त और काय के मंत्री ?