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Tag: एलेक्टिव्स २०१४

कहीं के वृद्ध और कहीं के युवा को इकट्ठा करके बना तीसरा मोर्चा बासी पड़ चुकी सत्ता की कढ़ी में उबाल ला पायेगा ?

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

थर्ड फ्रंट का चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये हसाडे वड्डों ने सारे विरोधों को पार किया और दिल्ली में सर जोड़ कर तीसरा मोर्चा बना ही लिया ओये अब तो कांग्रेस के भ्रष्टाचार और भाजपा की साम्प्रदाइकता से देश को छुटकारा मिल जायेगा| हर तरफ दूध की नदियां बहेंगी और फिर से मुल्क बन जायेगा सोने की चिड़िया |

झल्ला

ओ मेंरे चतुर सुजाण गल अपनी वी सुण देकर थोड़ा सा ध्यान| आप जी के वड्डों ने दायें से वृद्ध और बाएं से युवा ऊपर से से पहलवान इकट्ठे करके ये तीसरा कथित एकता का चूल्हा जला तो लिया है मगर इस पर तीसरे मोर्चे की खट्टी पड़ चुकी सत्ता रूपी कढ़ी में उबाल आ पायेगा इस पर झल्ले को शत प्रतिशत संशय हेगा जी |नहीं समझे अरे हुजूर इंटरनेट पर पास वर्ड तीसरी बार गलत डालने पर गूगल तक कुट्टी कर लेता है|और यूनिवर्सिटी में तीनबार फ़ैल होने पर कोई दूसरा व्यवसाय करने की सलाह दी जाने लगती हैं | आप जी के ये १४ दल अपने ९० सांसदों को ही चुनावों में बचा लें तो गनीमत होगी | हाँ वैसे पुराणी कहावत के अनुसार तीसरे नंबर पऱ आने वाला धावक भी खुशियां मन सकता है क्योंकि मुकाबिला केवल तीन धावकों में ही है | क्यों ठीक है ना ठीक ?