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श्रीमति सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर १५ साल पूरे किये

देश कि सबसे शक्तिशाली महिला श्रीमति सोनिया गांधी ने आज १४ मार्च ,गुरुवार को सबसे बड़े और पुराणी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर १५ साल पूरे कर लिए हैं| श्रीमति सोनिया गांधी ने पार्टी प्रमुख के तौर पर न सिर्फ कांग्रेस को दो बार केंद्र की सत्ता में वापस लौटाया बल्कि भारतीय राजनीति में एक दमदार भूमिका भी निभाई। 66 वर्षीया श्रीमति गांधी ने 1998 में 127 साल पुरानी इस पार्टी के अध्यक्ष पद को संभाला था और तब से वह लगातार इस पद पर बनी हुई हैं। लगातार सबसे अधिक समय तक पार्टी अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड अब उनके नाम के साथ जुड़ गया है।
इस दौरान परीक्षाओं की घड़ी कई बार आयीं लेकिन उन्‍होंने हमेशा उनका डट कर सामना किया,|लेकिनअनेकों परीक्षाएं ऐसी है जिन्‍हें वो कभी उतीर्ण नहीं कर पायीं।

श्रीमति सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर १५ साल पूरे किये

श्रीमति सोनिया गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर १५ साल पूरे किये


[१]:नेतृत्व के लिए पार्टी हमेशा गांधी परिवार की मोहताज रही है। 1998 में भी कांग्रेस गांधी परिवार के नेतृत्व की मोहताज थी और 15 साल बाद भी पार्टी गांधी परिवार के ही वर्चस्व में है|
[ २]: 1998 में सीताराम केसरी के बाद से ज्यादातर प्रदेशों में कांग्रेसी नेता चुनावी जीत के लिए आलाकमान पर ही निर्भर हैं|अर्थार्त पार्टी में जी हुजूरी की परंपरा को खत्म नहीं किया जा सका है|।
[३]: ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के 2004 के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक भारत ईमानदार देशों की सूची में चार पायदान नीचे गिर कर 2012 में ९४ वें स्थान पर चला गया।
[ 4]: 1998 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद सोनिया ने पार्टी की कमान संभाली और 2004 में कांग्रेस जब कांग्रेस सत्ता में आई उस समय देश में महंगाई दर 3.77 % थी। फरवरी, 2013 में यही आंकड़ा तीन गुना बढ कर 10.91 % पर पहुंच गया। [५] : सोनिया का अनुभवी नेतृत्व पार्टी को इस बीमारी से नहीं बचा पाया है । [ ६] हिंदी बेल्‍ट वाले राज्यों में इसकी पकड़ लगातार कमजोर होती जा रही है|1998 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का एक भी सांसद यूपी से संसद तक नहीं पहुंच पाया था। वहीं 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में 21 सीटें मिली थीं। लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की हालत फिर खराब हो गई। पार्टी सपा,+बसपा और यहाँ तक की बीजेपी से भी पीछे रही।
बेशक अनेकों परीक्षाओं में सोनिया फेल हुई हैं मगर यह भी सत्य है कि राजीव गाँधी की आकस्मिक दुखद मृत्यु के पश्चात [१]विदेशी भारत में रहने का निर्णय लिया [२]कांग्रेस की लगातार झुकती जा रही रीड की हड्डी को सीधा किया [३] केंद्र में दूसरों की सरकार गिराई [४] अपने विरोधियों तक को कांग्रेस के साथ, [बेशक बाहर से ही] ,जोड़ा और सरकार बनाई[५] लगातार ९ साल तक सरकार चलाई और अभी भी चल रही है| |हाँ इस दौरान कांग्रेस के डी एन ऐ में भ्रष्टाचार और राजनीतिक मजबूरी का दोष आ गया है शायद ऐसा इसीलिए हुआ है कि पालिसी बनाने के पश्चात उसके कार्यान्वन के लिए सुपरविजन की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा| इससे अब आगे आने वाले समय में विशेष कर २०१४ के चुनावों में परेशानी आ सकती है|