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Tag: किंग फिशर एयर लाइन्स

इंडिगो एयर लाइन्स के सल्तनत से बगावती तेवरों को देख ब्रिटिश ऐरवेज बिदकी


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

निजी एयर लाइन्स इंडिगो का एक दुखी कर्मी

ओये झल्लेया ये कया हो रहा है?ओये एक तरफ तो हसाड़े सोने राहुल भाटिया इंडिगो को प्रोमोट करने के लिए दिन रात एक कर रहे है ऐ ३२० भरी भरकम बसों से लेकर छोटे ऐ टी आर प्लेन्स खरीदने की यौजना बना रहे हैं तो दूसरी तरफ सिविल एविएशन के साथ साथ ब्रिटिश एयर वेज भी नखरे दिखाने लगी है|सिविल एविएशन ने ११ऐ ३२० यात्री जहाज को इम्पोर्ट करे पर रोक लगा दी तो दूसरी तरफ ब्रिटिश एयर वेज ने हमारे साथ सहयोग करने के बजाय खुद ही हेदराबाद और चेन्नई के लाभ कारी रूट पर कब्ज़ा जमाने की घोषणा के साथ मुम्बई में [लाउन्ज] लॉंज खोलने के तैय्यारी कर रहे है|बेशक ब्रिटिश ऐरवेज का कोड शेयर पैक्ट किंग फिशर एयर लाइन्स के साथ है मगर वोह तो डूब ही गई समझो मगर ये लोग अभी भे उसी पर भरोसा रख रहे हैं|

झल्ला

वोह कहते हैं न कि अकलमंद को इशारा ही काफी होता है और बेवकूफ को लात का भी असर नहीं होता और आपलोगों के भाटिया और घोष तो सुपर अक्ल मंद हैं |इसीलिए आपने जरुरत से कम स्टाफ के साथ लाभ के तो रूट्स अपना लिए मगर थोड़े कम लाभ वाले टियर शहरों से परहेज किया| आना कानी की अजी अगर मनो तो आपन इंकार ही कर दिया| इसके अलावा प्लेन इंपोर्ट करने के नियम कायदे तक ताक पर रख दिए अर्थार्त मौजूदा सल्तनत से बगावत| वैसे किंग फिशर की बगावत काअंजाम तो आप देख ही रहे हो |जहाँ तक बात ब्रिटिश ऐरवेज की है तो भापा जी वोह तो खुद ही चडदी कलां में हैं|ऐसे में बगावती कम्पनी के भार को क्यूं ढोयेंगे|अन्ज्रेजों की इस कम्पनी में एक एस सूरी खुक्रायन अफसर है उन्हें भारतीय मरे हुए हाथी की भी कीमत का पता है | बोले तो वन इन हैंड्स इज बेटर देन २ इन बुश |

किंग फिशर एयर लाइन्स के शेयरों में आज ५% गिरावट दर्ज़ की गई:लेनदार बैंकों की धमकी का असर

किंग फिशर एयर लाइन्स के शेयरों में आज भारी गिरावट दर्ज़ की गई है|इसके लिए बैंको द्वारा अपने कर्ज़ की वसूली के लिए कार्यवाही के लिए घोषणा किया जाना बताया जा रहा है| बी एस ई [B S E ]के शेयर में ४.९ ४ % की गिरावट पर १०.५८ रुपये दर्ज़ किया गया हैजबकि पुराना बंद ११.१३ था | एन एस ई[ N S E]में १०.५५ दर्ज़ किया गया |
लेनदार बैंको ने विजय माल्या की इस डूबती हुई कम्पनी से ७५०० करोड़ रुपयों की वसूली की प्रतिक्रिया को तेज करने की घोषणा की है तभी से कम्पनी के शेयरों के भाव लगभग ५% गिरे हैं | गौरतलब है की कंपनी के कर्मियों का वेतन पिछले साल की मई से नहीं दे पाने के कारण एक अक्टूबर से किंग फिशर एयर लाइन्स की उडान बंद है|

प्रॉफिट की हवा में उड़ने वाले इंडिगो जैसे भी अगर घाटे के शहर एयर इंडिया के लिए छोड़ेंगे तो क्या देश बहुत खुश होगा?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

निजी एयर लाइन्स इंडिगो का एक दुखी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये नागर विमानन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने क्या चौधराहट फैला रखी है|सिविल एविएशन मंत्रालय की ओये देखो अतिरिक्त सचिव के कद वाली कमेटी ने पहले हसाडी नंबर वन इंडिगो को १६ यात्री जहाज खरीद कर भारतीय हवा में परवाज करने की इजाजत दे दी लेकिन अब सुना है की मंत्री अजित सिंह उस कमेटी की सलाह पर रोक लगा कर ११ जहाज़ कम कर रहे हैं |

झल्ला

ओ बाऊ जी साहब आप जी की इंडिगो कम्पनी बेशक ६२ जहाज़ों के साथ लगभग २५% मार्केट पर काबिज होकर नंबर वन है लेकिन यह तभी तक है जब तक किंग फिशर एयर लाइन्स हैंगर्स में है और यूं ऐ ई की एतिहाद की जेट के प्रति एह्तियाद जारी है| लेकिन ये तो आप मानोगे की देश के विकास के लिए टियर २ और ३ वाले शहरों के लिए भी सस्ती और सुरक्षित हवाई यात्राएं जरूरी है|अब अगर आप जैसे प्रॉफिट की हवा में उड़ने वाले अगर मीठा मीठा[लाभ वाले रूट्स] ही खायेंगे और कड़वा[टियर २&३ ] थू थू या एयर इंडिया के लिए छोड़ेंगे तो क्या देश बहुत खुश होगा मंत्री शाबाशी देगा क्यों ?

किंग फ़िशर एयर लाइन्स को मुम्बई एयर पोर्ट से बाहर किये जाने की खबरों से शेयर भी गिरा

Vijay Malya

किंग फ़िशर एयर लाइन्स से मुम्बई एयर पोर्ट के ६ पार्किंग स्लाट छीने जाने की खबर ने आज कमपनी के शेयर को भी झटका दे दिया है|बीते दिन १३.८३ पर बंद हुए कम्पनी के बी एस ई शेयर आज सुबह १३.०५ पर खुले लेकिन दोपहर तीन बजे इन में थोड़ा सा सुधर नज़र आया और साडे तेरह रुपये [[-२.३९%]तक उठ गया|लेकिन उसके बाद फिर से गिरावट देखी गई|३.०७ बजे १३.४१ रुपये पर आ गया|
गौरतलब है कि कल शाम से ही मुम्बई एयर पोर्ट पर कम्पनी को एलोटेड ११ स्लाट में से ६ स्लाट दूसरी कंपनी को दे ड़े जाने के समाचार आने शुरू हो गए थे जिसका असर आज कंपनी के शेयर्स पर भी पडा|

किंगफिशर एयरलाइंस बचाने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] को फिर से पुनरुद्धार योजना सौंपी

किंगफिशर एयरलाइंस बचाने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] को फिर से पुनरुद्धार योजना सौंपी

दारू किंग विजय माल्या की कर्ज़ में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस ने नागर विमानन महानिदेशालय [डीजीसीए] को फिर से पुनरुद्धार योजना सौंपी है। इससे पहले भी कंपनी ने दोबारा उड़ान भरने की योजना विमानन नियामक के समक्ष पेश की थी जिसे खामियों के चलते डीजीसीए ने खारिज कर दिया था। विजय माल्या की इस एयरलाइंस का परिचालन अक्टूबर से ही ठप है।और इस कम्पनी का लायसेंस ३१ दिसंबर को समाप्त होने जा रहा है|अब लायसेंस के पुनरुद्धार[रिन्यू ]कराये बगैर उड़ान संभव नहीं होगी|इसीलिए अब कंपनी बचाने के लिए वित्तीय व्यवस्था करने के साथ अपना लायसेंस बचाना भी जरुरी है|
पिछले हफ्ते ही कंपनी ने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए आवेदन किया है। डीजीसीए ने लाइसेंस नवीनीकरण से पहले कंपनी से पुनरुद्धार योजना मांगी थी। डीजीसीए के एक अधिकारी ने बताया कि किंगफिशर ने उड़ान लाइसेंस दोबारा हासिल करने की पहली शर्त के तहत यह योजना पेश की है। इससे पहले परिचालन ठप्प होने की वजह से डीजीसीए ने 20 अक्टूबर को लाइसेंस अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था। उस समय भी नियामक ने एयरलाइंस से परिचालन एवं वित्तीय समस्याओं के संदर्भ में विस्तृत योजना जमा कराने को कहा था। मगर वह ऐसा करने में असफल रही थी।
तब नियामक ने लाइसेंस बहाली के लिए कंपनी को सभी हितधारकों का बकाया भुगतान करने को कहा था। मगर कंपनी इसमें भी नाकाम रही है। सूत्रों के मुताबिक किंगफिशर का लाइसेंस खतरे में है। आमतौर पर पांच साल के लिए लाइसेंस का नवीनीकरण होता है। मगर किंगफिशर के मामले में स्थिति बिल्कुल अलग है। ऐसे में इस बात की संभावना बेहद कम है कि डीजीसीए पुनरुद्धार योजना को मंजूरी देगा।
कुछ दिनों पहले विजय माल्या ने 17 बैंकों के कंसोर्टियम को बताया था कि वे एयरलाइंस का सीमित परिचालन शुरू करने के लिए 425 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। इन बैंकों का किंगफिशर पर 7,524 करोड़ रुपये का कर्ज है।किंग फ़िशर अभी तक विदेशी निवेशकों को आकर्षित नहीं का पाई है पहले रियाद की एक कम्पनी द्वारा ३००० करोड़ के निवेश की बात कही जा रही थी मगर अभी तक वह फायनल नहीं हुई है| यूं बी ग्रुप द्वारा सवा छह सो करोड़ का निवेश करने के बात कही जा रही है मगर विदेशी निवेश के अभाव में यह पूंजी भी अपर्याप्त समझी जा रही है|

नागरिक उड्डयन नियंत्रक ने बिना रिवाइवल प्लान के किंगफिशर का लाइसेंस रिन्यू करने से इंकार किया::किसी को फेवर तो नहीं ?

हैंगर्स में पार्क्ड कर्ज़ में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस के लाइसेंस को रिन्यू करने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर को खत्म हो रही है। लेकिन नागरिक उड्डयन नियंत्रक [डीजीसीए] ने साफ कर दिया है कि बिना रिवाइवल प्लान के किंगफिशर का लाइसेंस रिन्यू नहीं होगा।इससे सवाल पैदा होना स्वाभाविक है कि क्या किसी दूसरी कमपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किंग फ़िशर एयर लाइन्स को उठाने नहीं दिया जा रहा|
किंगफिशर एयरलाइंस ने डीजीसीए को लाइसेंस रिन्यू का आवेदन दिया है लेकिन डीजीसीए ने कहा है कि बिना रिवाइवल प्लान के आवेदन देना केवल औपचारिकता है। 31 दिसंबर को किंगफिशर का फ्लाइंग लाइसेंस खत्म हो रहा है। 31 दिसंबर के बाद किंगफिशर को नए सिरे से फ्लाइट और ऑपरेटिंग मैनुअल पास कराना होगा।इस अवधि के पश्चात भी 2 साल तक किंगफिशर लाइसेंस रिन्यू करा सकती है|
लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए किंगफिशर एयरलाइंस को अपने रिवाइवल प्लान में[१] फंड का प्रूफ, [२]कर्मचारियों के भुगतान का सबूत देना होगा। [३] एयरपोर्ट, तेल कंपनियों के बकाया भुगतान का एग्रीमेंट भी देना होगा।[४] दोबारा उड़ान में कोई बाधा नहीं आने का भरोसा देना होगा। रिवाइवल प्लान पर किंगफिशर ने चुप्पी साध रखी है। पहले किंगफिशर ने सीमित उड़ान शुरू करने का इरादा जताया था लेकिन इसके लाइसेंस की अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है।
वित्तीय संकट से जूझ रही कंपनी का परिचालन अक्टूबर से ही ठप है। इसकी वजह से डीजीसीए ने इसका उड़ान लाइसेंस अस्थाई रूप से निलंबित कर रखा है सूत्रों के मुताबिक बिना वित्तीय योजना पेश किए विजय माल्या की एयरलाइंस का लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हो पाएगा। कंपनी 9,000 करोड़ रुपये के घाटे में है और इस पर 7,524 करोड़ रुपये का कर्ज भी है।
दारू किंग विजय माल्या की किंग फ़िशर एयर लाइन्स के ग्राउंड पर आ जाने का लाभ एयर इंडिया और निजी कम्पनी इंडिगो,जेट एयर वेज,स्पाईस जेट को मिल रहा है|किंग फ़िशर के मैदान से हटने से इंडिगो और एयर इंडिया पहले और दूसरे नंबर पर आगये हैं ऐसे में प्रतिस्पर्द्धी किंग फ़िशर के बाहर रहने में ही इंडिगो और एयर इंडिया का फायदा है|इसी प्रकार की नाजायज़ गतिविधियों के आरोप जर्मन के अन्तराष्ट्रीय फायनेंसर डी वी बी ने डी जी सी ऐ पर लगाये हैं|यहाँ यह कहना तर्क संगत ही होगा कि एक तरफ तो इस फील्ड में विदेशी
निवेशकों के लिए बाज़ार को खोलने के दावे किये जा रहे हैं स्वयम एयर इंडिया के लिए बैल आउट पॅकेज लिए जा रहे हैं तो दूसरी तरफ हज़ारों कर्मियों के रोज़गार और बैंको के ७०००+करोड़ रुपयों को नज़रंदाज़ करके एक कम्पनी को ऊपर उठाने के लिए सहारा देने के बजाय उसे और नीचे गिराने का उपाय किया जा रहा है|

नागरिक उड्डयन प्रबंधक पर एयर लाइन्स को अनाधिकृत फेवोर का आरोप:इंडिगो और जेट एयर वेज की फंडिंग रुकी D V B Charges

नागरिक उड्डयन प्रबंधक[डी.जी सी ऐ] द्वारा [ निजी]भारतीय एयर लाइन्स[किंग फ़िशर] को अनाधिकृत रूप से फेवोर करने का आरोप लगा कर केस दर्ज़ किया गया है और लगातार फायदा दिखा रही निजी कम्पनी इंडिगो और जेट ऐरवेज को भविष्य के कार्यक्रमों के लिए लोन दिए जाने पर पर पाबंदी भी लगा दी गई है| विश्व के सबसे बड़े एयर क्राफ्ट[जर्मन] बैंकर डी.वी.बी द्वारा यह कार्यवाही की गई है|.इस प्रकार की कार्यवाही से एक बार फिर से सिविल एविएशन मंत्रालय की कार्यविधि और सिविल एविएशन में विदेशी निवेशकों के भरोसे पर सवालिया निशाँ लग गया है|
डी वी बी द्वारा लगाये गए आरोप के अनुसार किंग फ़िशर पर कंपनी की लेन दारी के चलते कम्पनी के दो विमान कब्जाए गए थेये दोनों विमान अब टर्की में हैं मगर इनकी रजिस्ट्रेशन से मुक्ति में डी जी सी ऐ द्वारा विलंभ किये जाने से क़र्ज़ में डूबी किंग फ़िशर को लाभ पहुंचाया गया है और विश्व विख्यात फायनेंसर डी वी बी को हानि उठानी पड़ी है| भारत सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए डी वी बी ने भारतीय एयर लाइन्स विशेष कर इंडिगो और जेट एयर वेज की फंडिंग पर रोक लगा दी है|

इकोनोमी टाईम्स ने डी वी बी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कार्सटेन गर्लेच[

नागरिक उड्डयन प्रबंधक पर एयर लाइन्स को अनाधिकृत फेवोर का आरोप:इंडिगो और जेट एयर वेज की फंडिंग रुकी D V B Charges

के हवाले से लिखा है की डी जी सी ऐ और किंग फ़िशर के विरुद्ध दायर इस रिपोर्ट पर पहली सुनवाई अगले वर्ष की ८ अप्रैल को होगी|बेशक इसका तत्काल असर न पड़े मगर इंडिगो की भविष्य[२०१६-२५] में ७२ हज़ार करोड़ के १८० एयर बस की खरीद के लिए फायनेंस जुटाना मुश्किल हो जाएगा| इसी प्रकार वाडिया ग्रुप की गो एयर [७२ एयर बस].जेट ऐरवेज[१० बी ७८७] भारतीय एयर इंडिया के २७ ड्रीम लाईनर्स का प्रोजेक्ट भी खटाई में पड़ता दिख रहा है| गौरतलब है की विश्व भर में ९०० एयर क्राफ्ट्स के लिए फंड्स मुहय्या करवाने वाली इस डी वी बी कंपनी को किंग फ़िशर एयर लाइन के दो पुराने विमानों को बेच कर केवल ४७ मिलियन डालर्स ही मिलने की संभावना हैलेकिन भारत में इनके पंजीकरण को समाप्त करने में आनाकानी के कारण सरकार की इस छेत्र में की जा रही तमाम सुधारात्मक प्रयासों को धक्का पहुँचाना स्वाभाविक है|
सेबी चेयरमैन यूके सिन्हा ने इन्वेस्टमेंट बैंकिंग सम्मेलन में यह कहा है कि बैंकर निवेशकों खासकर खुदरा निवेशकों का भरोसा बनाए रखने के लिए जरूरी उपाय किये जाने चाहिए
मर्चेट बैंकर यह तर्क दे सकते हैं लिस्टिंग प्राइस या अर्थव्यवस्था के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। लेकिन आंकड़ों को देखते हुए बैंकरों को आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत हैलेकिन डी वी बी के आरोपों को देखते हुए इंडिगो,एयर इंडिया,स्पाईस जेट,जेट ऐरवेज आदि विमानन कंपनियों के साथ इनके नियामक के लिए उत्तरदाई डी जी सी ऐ की कार्यप्रणाली में आत्म निरीक्षण के साथ पारदर्शिता जरुरी हो गई है|

किंग फिशर एयर लाईन्स को पूरी तरह डुबोने के लिए कंपनी के विमान जब्त

गले तक कर्ज़ में फंसी किंगफिशर एयरलाइंस को उबारने के बजाय पूरी तरह से डुबोने के लिए आज मंगलवार को सरकार ने सर्विस टैक्‍स न चुकाने के चलते एयरलाइंस के खिलाफ कार्रवाई की और उसका विमान जब्‍त कर लिया। सूत्रों के अनुसार, किंगफिशर एयर लाईन्स सर्विस टैक्‍स चुकाने में नाकाम रही है। कम्पनी पर करोड़ों रुपये के टैक्स बकाया है। सूत्रों के अनुसार इसकी भरपाई के लिए आने वाले दिनों में एयरलाइंस के सात और विमानों को जब्‍त करने की प्रकिया जारी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एयरलाइंस के अधिकारयों ने उच्‍च अधिकारियों से संपर्क करके विमान के खिलाफ की गई कार्रवाई पर स्‍थगन आदेश के लिए कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। गौरतलब है कि कंपनी को 7000 करोड़ रुपये के ऋण का भुगतान करना है। यह उसकी वित्तीय हेसियत कही अधिक है|
सरकार पहले ही कह चुकी है कि किंगफिशर एय़रलाइंस का उबरना मुश्किल है. और इसीलिए घाटे में चल रही किंगफिशर एयर लाईन्स की उड़ानों पर पहले ही से रोक लगी हुई है. एयरलाइंस का लायसेंस भी निलंबित है और अब फिर से उड़ान भरने के लिए नए सिरे से लाइसेंस के लिए आवेदन करना जरूरी बना दिया गया है|
मुंबई में किंगफिशर एयर लाईन्स का विमान जब्त हुआ है इससे लगता है कि बात चीत के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं और अब किंगफिशर एयरलाइंस की संपत्तियां जब्त होना शुरू हो गई है,| किंगफिशर के कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अब भी सस्पेंस बना हुआ है|शायद किंग फिशर एयर लाईन्स के इस प्रकार के पतन और इसे उबारने में सरकार की उपेक्षा के चलते ही विदेशी निवेशक इस दुधारू व्यवसाय में रूचि दिखने में हिचक रहे हैं|

Vijay Malya The King Fisher


यहाँ तक कि विश्व में १०० अरब डालर्स के व्यवसाई रतन टाटा भी इस व्यवसाय से जुड़े उद्योग को भारत के बजाय चीन में लगाने की बात कह चुके हैं|
कहना अनुचित नहीं होगा कि सरकर की नीतियों के चलते ही किंग फिशर एयर लाईन्स का पतन हुआ है और इसका फायदा दूसरी कम्पनियाँ उठा रही है |इस एक कम्पनी के मैदान से हटने के फलस्वरूप अब इंडिगो+ स्पाईस जेट या जेट ऐरवेज आदि पर टिकट्स की दरें सीमित रखने में सरकार भी असहाय दिख रही है|