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खुरपका और मुंहपका रोगों से १६ राज्यों को मुक्त करने को केंद्र ने आवंटित किये १०० करोड़ रु

[नई दिल्ली]’खुरपका और मुंहपका रोगों से १६ राज्यों को मुक्त करने को केंद्र ने आवंटित किये १०० करोड़ रु
16 राज्‍यों तथा एक संघ राज्‍य क्षेत्रके लिए आरकेवीवाई के अंतर्गत एफएमडी नियंत्रण हेतु 100.00 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं
खुरपका और मुंहपका रोग सभी संवेदनशील खुरवाले पशुओं को प्रभावित करने वाला, आर्थिक रूप से अत्‍यधिक हानि पहुँचाने वाला संक्रामक वाइरल रोग है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के अनुमानों के अनुसार दूध तथा मीट के कारण वार्षिक रूप से 20,000 करोड़ रुपए तक की प्रत्‍यक्ष हानि होती है। यदि कार्य क्षमता में कमी; गर्भपात, अनुवर्ती बांझपन तथा बंध्‍यता (जिसके कारण बाद में दूध उत्‍पादन में कमी हो जाती है) के कारण होने वाली अप्रत्‍यक्ष हानियों को जोड़ा जाए तो ये हानियां कहीं अधिक होंगी।
प्रारंभत: इन 16 राज्‍यों तथा एक संघ राज्‍य क्षेत्र, अर्थात् असम, अरूणाचल प्रदेश, छत्‍तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, जम्‍मू और कश्‍मीर, झारखंड, मध्‍य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, उड़ीसा, सिक्किम, त्रिपुरा, उत्‍तराखंड, पश्चिम बंगाल तथा संघ राज्‍य क्षेत्र चंड़ीगढ़ के लिए आरकेवीवाई के अंतर्गत एफएमडी नियंत्रण हेतु 100.00 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं। राज्‍य-वार आबंटन के बारे में संगत राज्‍य सरकारों तथा राज्‍यों को पहले ही सूचित किया जा चुका है तथा उनसे अनुरोध किया गया है कि आरकेवीवाई के अंतर्गत सहायता प्राप्‍त करके एफएमडी टीकाकरण प्रारंभ करें।

पंजाब में सफेद मक्खी से प्रभावित कपास की फसलों का जायजा लेने को केंद्र ने बनाई टीम

[नई दिल्ली]पंजाब में सफेद मक्खी से प्रभावित कपास की फसलों का जायजा लेने को केंद्र ने बनाई टीम|
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने पंजाब में सफेद मक्खी से प्रभावित कपास की फसलों का जायजा लेने की लिए टीम बनाई|फजिल्का, मंसा और बठिंडा जिलों में कपास की फसलें सफेद मक्खी का प्रकोप झेल रही हैं।
यह टीम 2 दिन के अंदर पंजाब के प्रभावित क्षेत्र का दौरा करेगी
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय अपनी एक टीम पंजाब भेज रही है जो वहां जाकर सफेद मक्खी से प्रभावित कपास की फसलों का जायजा लेगी।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इसके लिए प्लांट प्रोटेक्शन एडवाइजर, डीपीपीक्यू एंड एस के डा.एस. एन. सुशील की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की एक टीम का गठन किया है जो दो दिन के भीतर पंजाब का दौरा करेगी। प्रभावित फसलों वाले इलाकों का दौरा करने के बाद ये टीम अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौपेगी।

केंद्र सरकार की जांच में फल-सब्जियों में प्रतिबंधित कीटनाशक अवशेष नहीं मिले

[नई दिल्ली] केंद्र सरकार को फल-सब्जियों में प्रतिबंधित कीटनाशक नहीं मिले |
फल-सब्जियों को जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कारबाइड और ऑसिटोसीन जैसे विषैले तत्वों के इस्तेमाल की खबरे आये दिन मीडिया की सुर्खियां बनती है लेकिन सरकार की रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हुई है |लोकसभा में कृषि राज्य मंत्री डॉ. संजीव कुमार बालयान ने यह जानकारी आज दी।
गौरतलब है के कृषि मंत्रालय ‘राष्ट्रीय स्तर पर कीटनाशक अवशेषों पर निगरानी’ कार्यक्रम चला रहा है। जिसकेअंतर्गत फल-सब्जियों के नमूने एकत्रित किये जाते हैं और उनमें कीटनाशक अवशेषों की मौजूदगी की जांच की जाती है।
इस कार्यक्रम के तहत इकट्ठा किये गये नमूनों में अब तक प्रतिबंधित कीटनाशकों के कोई भी अवशेष नहीं मिले हैं।
हालांकि मीडिया में फल-सब्जियों को जल्दी पकाने के लिए कैल्शियम कारबाइड और ऑसिटोसीन जैसे विषैले तत्वों के इस्तेमाल की खबरे आई हैं।
खाद्य सुरक्षा और मानदंड नियमों के तहत कारबाइड गैस द्वारा कृत्रिम रूप से पकाये गये फलों की बिक्री प्रतिबंधित है। लेकिन मंत्री के अनुसार कम घनत्व वाले एथलीन गैस को बाहर से इस्तेमाल करते हुए फलों को पकाना हानिकारक नहीं है।मंत्री ने दावा किया है के खाद्य सुरक्षा आयुक्त इन नियमों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है और वे इन नियम कानूनों पालना पर कड़ी निगरानी रखते हैं।