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वॉलमार्ट को देश के किसी भी हिस्से में पैर नहीं रखने देंगे: सांसद बासुदेव आचारी

:Indian Parliament संसद

खुदरा व्यापार में ऍफ़ डी आई के अनुमति पर संसद में आज बुधवार को भी चर्चा जारी है| सांसद बासुदेव अचारी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि ऍफ़ डी आई लागू किये जाने पर अगर देश में वालमार्ट जैसी बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ आई तो उनका सभी जगह विरोध किया जाएगा| उन्होंने कहा कि रीटेल में एफडीआई से बहुराष्ट्रीय कंपनियों की मोनोपोली हो जाएगी।देश के पांच करोड़ खुदरा व्यापारी और उन पर निर्भर २० करोड़ लोगों पर रोज़गार का संकट पैदा हो जाएगा|इसीलिए हम देश में वॉलमार्ट को पैर नहीं रखने देंगे। सरकार अपनी नीति पर फिर से सोचे। क्या वॉलमार्ट भारत में आकर सड़क बनाएगा? एफडीआई रीटेल से न तो किसानों को फायदा होगा और न ही उपभोक्ताओं को।
गौरतलब है कि ऍफ़ डी आई के समर्थन में कल मंगलवार को मंत्री कपिल सिब्बल ने वामपंथियों के गढ़ वेस्ट बंगाल के किसान के हवाले से बताया था कि वहां पेप्सी के कारण किसानों को आलू की कीमत बाज़ार भाव से दोगुनी मिल रही है|इसके जवाब में बासुदेव ने आज देश और विदेश के किसानों की व्यथा सुनाई| उन्होंने कहा कि उनका दल ऍफ़ डी आई को समर्थन देगा अगर इससे रोज़गार+तकनीकी+ उत्पादकता बढेगी |मगर ऐसा नहीं होने जा रहा|वाल मार्ट के कारण देश में बेरोजगारी बढेगी+उत्पादकता गिरेगी और तकनीकी विकास नहीं होगा|

संसद का दूसरा दिन भी ऍफ़ ड़ी आई की गर्मी की भेंट चड़ा

भारतीय जनता पार्टी + मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने आज शुक्रवार को भी लगातार एफडीआई के मुद्दे पर लोकसभा व राज्यसभा में हंगामाकिया।सदन में शोर शराबे और नारेबाजी के कारण एक बार के स्थगन के बाद अंतत: कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है|[शनिवार और रविवार को अवकाश] आज प्रश्नकाल भी नहीं हो सका।

संसद का दूसरा दिन भी ऍफ़ ड़ी आई की गर्मी की भेंट चड़ा


अध्यक्षा मीरा कुमार ने सुबह ग्यारह बजे जैसे ही प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की, तृणमूल कांग्रेस, मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी तथा वामपंथी दलों के सदस्यों ने एफडीआई के मुद्दे पर जबर्दस्त नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके कारण अध्यक्षा ने सदन की कार्यवाही बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। भाजपा नियम १८४ और राज्यसभा में नियम १६८ के अंतर्गत चर्चा करवाने के मांग करती रही जबकि सरकार नियम १९३ के अंतर्गत ही चर्चा करवाने पर अड़ी रही |नियम १९३ के अंतर्गत मतदान नहीं होता |
कार्यवाही पुनः शुरू होने पर वही नजारा दिखाई दिया जिसके कारण सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे के बीच पीठासीन अधिकारी फ्रांसिस्को सरदीन्हा ने जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए। दूसरी तरफ लोकपाल पर सेलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में पेश कर दी गई है।