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राबडी देवी के हीरो लालू यादव सहित दो मुख्य मंत्रियों को चारा घोटाला में ५-४ साल की कैद और २५-२ लाख रुपयों का जुर्माना

बिहार में चारा घोटाला में प्रदेश के दो पूर्व मुख्य मंत्रियों को जेल|
सीबीआई की विशेष अदालत ने चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से 37.7 करोड़ रुपये निकालने के चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में आज राष्ट्रीय जनता दल[ RJD ] के प्रमुखऔर बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री लालू प्रसाद यादव को पांच साल की कैद और 25 लाख रूपये के जुर्माने की सजा सुनायी जबकि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र को चार साल की कैद और दो लाख रूपये जुर्माने की सजा सुनायी। इस सरे घटना क्रम को आरजेडी अध्यक्ष और देश के पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादवके विरुद्ध राजनीतिक साजिश बताते हुए उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबडी देवी ने कहा है कि वह[लालू] हीरो हैं और हीरो रहेंगे।
रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद लालू को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये विशेष सीबीआई अदालत का यह फैसला सुनाया गया |
कांग्रेस के राज्य सभा सांसद रशीद मसूद के बाद लालूप्रसाद यादव दूसरे ऐसे नेता बन गए हैं, जिनकी संसद सदस्यता सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक खत्म हो जाएगी| अब लालू को ऊंची अदालत से ही राहत की उम्मीद है| घोटाले के अन्य आरोपी बी एन शर्मा + के एम प्रसाद को पांच साल जेल और डेढ़ करोड़ रुपये का जुर्माने की सजा सुनाई गई है| जेडीयू सांसद जगदीश शर्मा और जगन्नाथ मिश्रा को चार साल की सजा सुनाई गई है|images (13)
कोर्ट के बाहर मीडिया से बात करते हुए लालू के वकील ने कहा, अपराधी को जेल में रखने का मकसद उसमें सुधार लाना होता है| इसीलिए लालू को जेल में रखने का फायदा नहीं है| गौरतलब है कि 17 साल पुराने चारा घोटाले में कुल 950 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई थी. इसमें लालू पर चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ 70 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने का मामला भी था,कोर्ट ने उन्हें 30 सितंबर को ही दोषी ठहरा दिया था तभी से ही लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं|

मुलायम सिंह यादव , लोक सभा में दो विपरीत दिशाओं वाली पार्टियों को अपनी साइकिल पर सवार करने के इच्छुक दिखे

.समाज वादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव आज लोक सभा में दो विपरीत दिशाओं वाली राजनीतिक पार्टियों को अपनी साईकिल पर सवार करने के इच्छुक दिखाई दिए| मुलायम सिंह यादव ने भाजपा अध्यक्ष राज नाथ सिंह के बाद बोलना शुरू ही किया तो विघ्न पड़ने शुरू हो गए|सबसे पहले जनरल सेक्रेटरी बोलने खड़े हो गए|उसके बाद चेयर पर्सन बदल गए|जैसे तैसे मुलायम सिंह यादव ने ट्रांसलेट करने वाले स्पीकर[हेड फ़ोन ] उतार कर बोलना शुरू कर दिया| यदपि उन्होंने कांग्रेस और भाजपा की आलोचना की मगर इसके साथ ही बड़ी सफाई से उन्होंने दोनों को सहला भी दिया|
एक तरफ उन्होंने गृह मंत्रालय पर टिपण्णी करके अपनी पीड़ा को उजागर किया तो इसके साथ ही प्रधान मंत्री की टीम के अर्थ शास्त्र की उन्मुक्त सराहना भी कर दी|दूसरी तरफ भाजपा को मुस्लिम विरोधी बताया तो इसके तुरंत बाद भाजपा की देश भक्ति+अनुशासन और भाषा की जम कर तारीफ़ करने लगे|
गौरतलब है के अभी तक मुलायम सिंह यादव भारतीय जनता पार्टी के साथ आने के सवालों को एक सिरे से खारिज करते रहे हैं और पार्टी का विरोध करते आ रहे हैं| आज इस मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रति इनका रुख कुछ हद तक नरम दिखाई दिया है|उन्होंने यहाँ तक कह दिया के बीजेपी अगर कश्मीर और मुस्लिम सम्बन्धी अपनी नीति बदल ले तो सपा से बीजेपी के बीच की दूरी कम हो जाएगी|मुलायम ने कहा कि देशभक्ति, सीमा सुरक्षा और भाषा के मामले में उनकी पार्टी और भाजपा की एक नीति है.|

.समाज वादी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव , लोक सभा में दो विपरीत दिशाओं वाली पार्टियों रूपी नावों में सवार होने के इच्छुक दिखाई दिए

.समाज वादी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव , लोक सभा में दो विपरीत दिशाओं वाली पार्टियों रूपी नावों में सवार होने के इच्छुक दिखाई दिए


मुलायम सिंह ने अपनी बातों पर एक बार फिर जोर देते हुए कहा, ‘मैं फिर कह रहा हूं और इस सदन में कह रहा हूं कि बीजेपी अपनी नीति बदल रही.है|
राजनाथ सिंह ने मौके को लपकते हुए इसके जवाब में कहा कि हमारे और आपके बीच दूरी कहां है?अगली बार आप निश्चित तौर पर हमारे साथ होंगे.इससे पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने समाज वाद की प्रशंसा भी की थी|.
अगर मुलायम सिंह यादव के इस बयान पर गौर किया जाए तो आने वाले समय के राजनीतिक समीकरण का अनुमान लगाया जा सकता है सपा सुप्रीमो ने यह मान लिया है के कांग्रेस के बाद प्रदेश में अपनीसरकार और सी बी आई के डंडे से सवयम को बचाने के लिए एक सशक्त समर्थक बेहद जरुरी है|इसके अलावा प्रधान मंत्री की कुर्सी पर भी नज़र है ऐसे में भाजपा का विरोध कुछ हद तक कम किया ही जा सकता है|

जासूसी करने वाली सी बी आई की भी जासूसी होने लग गई है: झल्ले शाह को तो हंसी आ रही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

आम आदमी की नई पार्टी के एक नए नए चीयर लीडर

ओये झल्लेया २ जी घोटाले में सी बी आई की भूमिका की जांच की पोल खोलने वाली टेप बाज़ार में आ गई है||देखा हम न कहते थे कि देश की सी बी आई स्वतंत्र नहीं है | वास्तविक स्वायत्ता प्रदान करने से इनकार करने वाली और २ जी की नीलामी को टालने वाली केंद्र की यूं पी ऐ सरकार की कार्पोरेट जगत से मिली भगत उजागर हो गई है|ओये केवल एक सरकारी वकील श्री सिंह को हटाने मात्र से लीपा पोती स्वीकार नहीं की जायेगी |जनता जग चुकी है इसीलिए अब सी बी आई को लोक पाल के दायरे में लाना ही होगा|

झल्ला

भापा जी बात तो आप जी की १६ आने बोले तो शत प्रतिशत सच है सी एन एन आई बी एन ने सी बी आई के सरकारी वकील और २ जी के लाभार्थी कंपनी के बीच सौदे बाज़ी के टेप उजागर करके अपना मीडिया धर्म निभाया और अपना तहलका मचाया है लेकिन अब ये दिन भी देकने पड़ेंगे इसकी उम्मीद नहीं थी|नहीं समझे ? अरे जासूसी करने वाली संस्था सी बी आई की भी जासूसी होने लग गई है और वोह भी एक न्यूज चैनल द्वारा |भी इस पर जिसे गुस्सा करना हो गुस्सिया लो और जिसे किलसना हो किल्स लो झल्ले शाह को तो बहुत हंसी आ रही है|

मुलायम सिंह यादव और पुत्रों पर आय से अधिक संपत्ति की जांच को जारी रखने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए

सुप्रीम कोर्ट ने आज ब्रहस्पतिवार को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और उनके बेटों मुख्य मंत्री अखिलेश यादव व प्रतीक यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच के लिए सीबीआइ को हरी झंडी दे है| जांच एजेंसी इस मामले में तत्काल एफआइआर दर्ज करने के मूड में नहीं है। सीबीआइ द्वारा प्रारंभिक जांच को आगे बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। लेकिन इसके साथ एक राहत देते हुए अखिलेश यादव की धर्म पत्नी श्रीमती डिम्पल यादव को इस सब से अलग रखने को कहा गया है |आदेश में कहा गया है की डिम्पल किसी सरकारी पद पर नहीं थी|
कांग्रेस के अहमद पटेल ने कहा है कि इस फैसले से कांग्रेस और सपा के रिश्तों पर कोई असर नहीं पडेगा|उधर मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने कोर्ट पर भरोसा व्यक्त किया है और न्याय पाने की उम्मीद व्यक्त की है|

मुलायम सिंह यादव और पुत्रों पर आय से अधिक संपत्ति की जांच को जारी रखने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिए


गौर तलब है कि वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआइ ने मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के आरोपों की प्रारंभिक जांच पूरी कर ली थी और 2009 में ही इसकी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी थी।
राजनीतिक रूप से अतिसंवेदनशील इस मामले में सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट में अपना रुख कई बार बदल चुकी है। 2007 में अदालत ने सीबीआइ को जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपने का निर्देश दिया। लेकिन सीबीआइ ने इसका विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट से आदेश में सुधार की अपील की थी। जांच एजेंसी का कहना था कि वह जांच रिपोर्ट सिर्फ अदालत को दे सकती है। लेकिन कुछ महीने के भीतर ही सीबीआइ ने इरादा बदल लिया और पुरानी अपील वापस लेने की अर्जी लगा दी। गुरुवार को अदालत ने 2007 के फैसले में संशोधन करते हुए जांच एजेंसी को सरकार के दखल से मुक्त करते हुए जांच रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपने का आदेश दिया है।हाल ही में संसद में सपा और बसपा के नेताओं पर सी बी आई के दबाब के आरोप लगाए गए हैं|

ऍफ़ डी आई पर चर्चा में मायावती द्वारा सुषमा स्वराज को लोमड़ी कहे जाने पर सदन दस मिनट्स के लिए स्थगित

Indian Parliament

ऍफ़ डी आई पर जारी चर्चा के दौरान भाजपा और बसपा में तीखी नौंक झौंक के कारण कार्यवाही बाधित होती देख कर सदन के स्पीकर हामिद अंसारी ने राज्यसभा की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी| राज्यसभा में विपक्ष के नेता श्री अरुण जेटली के भाषण के पश्चात बसपा सुप्रीमो माया वती बोलने के लिए खड़ी हुई तब उन्होंने लोक सभा में श्रीमति सुषमा स्वराज के सी बी आई बनाम ऍफ़ डी आई के हवाले से श्रीमति सुषमा स्वराज को एक कहावत के माध्यम से लोमड़ी कह दिया |जिसके फलस्वरूप भाजपाई सांसद भड़क गए और उन्होंने मायावती को बोलने नहीं दिया और बसपा और कांग्रेस में मिली भगत के आरोप लागाने लग गए|संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ ने खड़े होकर मायावती का पक्ष लेते हुए कहा कि खट्टे अंगूर की कहावत कई बार प्रयोग की जाती रही है इसीलिए यह अनपार्लिअमेंट नहीं है मगर स्पीकर ने इसके अपोसिट रूलिंग दी इसके पश्चात पुनह मायावती ऍफ़ डी आई के लिए आयोजित चर्चा में अपने ऊपर लगे सी बी आई के दबाब के आरोपों का ही स्पष्टीकरण देने लगे और इसके लिए भाजपा को दोषी ठहराया |इससे पुनः भड़क कर भाजपा के सांसदों ने इसका विरोध शुरू कर दिया|इसके फलस्वरूप व्यवस्था बनाए रखने के लिए सदन की कार्यवाही दस मिनट्स के लिए स्थगित कर दी|

रिटायर्ड विंग कमांडर को सी बी आई ने सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया

सीबीआइ ने वायुसेना के सेवानिवृत्त विंग कमांडर कोका राव को गिरफ्तार किया है। रक्षा क्षेत्र से जुड़े गोपनीय दस्तावेज रखने और सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन कर उन्हें विदेशी नागरिकों को देने का आरोप लगाया गया है। सीबीआइ ने आज शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत में हथियारों के कारोबारी अभिषेक वर्मा+उसकी पत्नी और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया ।
वर्मा और उसकी पत्नी के अलावा जिस शख्स के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया गया वह भारतीय वायुसेना के पूर्व विंग कमांडर कोका राव हैं । सीबीआई ने कल रात को ही राव को गिरफ्तार किया और अदालत में पेशी के बाद उन्हें मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट विद्या प्रकाश ने 14 दिन के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया ।
गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के आरोप में राव को गिरफ्तार किया गया ।
सीएमएम प्रकाश ने आरोप-पत्र का संज्ञान लिया और इसके साथ लगे दस्तावेजों की पड़ताल के लिए 11 दिसंबर की तारीख तय कर दी ।
सीबीआई ने 28 अगस्त को श्री वर्मा और उसकी रोमानियाई पत्नी एंका मारिया नियाक्सू के खिलाफ मामला दर्ज किया था । रक्षा मंत्रालय की ओर से की गयी शिकायत पर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत दर्ज मामले में दोनों अभी जेल में हैं|

रिटायर्ड विंग कमांडर को सी बी आई ने सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया

राम जेठमलानी की चुनौती के उत्तर में भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड करके दो और बागियों पर दबाब बनाया

भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांसद और वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी को पार्टी से सस्पेंड कर दिया है।जेठमलानी पर कांग्रेस को फायदा पहुंचाने वाले ब्यान जारी करने के आरोप हैं| राम जेठमलानी ने पहले पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर लगे करप्शन के आरोपों के चलते उनसे इस्तीफा मांगा तो बाद में सीबीआई चीफ रंजीत सिन्हा की नियुक्ति को लेकर सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के पीएम को लिखे पत्र को गलत ठहराया।

राम जेठमलानी की चुनौती के उत्तर में भाजपा ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड करके दो और बागियों पर दबाब बनाया


आज सुबह ही राम जेठमलानी ने कहा था कि मैं पार्टी के लिए नहीं बोल सकता। मैं बहुत छोटा आदमी हूं। लेकिन मुझे लगता है कि मेरे साथ कई और लोग हैं पर वो बोल नहीं पा रहे हैं। अगर मेरे ऊपर कोई कार्रवाई करता है तो मैं उसके लिए तैयार हूं। लेकिन ऐसा कोई नहीं है जो मुझपर कार्रवाई कर सके। पार्टी ने जेठमलानी की इसी चुनौती को स्वीकार करते हुए शाम को उनपर कार्रवाई का ऐलान कर दिया।पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन के अनुसार जेठमलानी ने पार्टी के दोनों नेताओं ( श्रीमती सुषमा स्वराज और अरुण जेटली) का विरोध किया था और कांग्रेस को मदद पहुंचाई थी। पार्टी इसे अनुशासनहीनता की तरह देखती है। ये दोनों संसद के दोनों सदनों में एन डी ऐ का न्रेतत्व करते हैं||
श्री हुसैन ने कहा कि आज फिर प्रेस के माध्यम से जेठमलानी ने चुनौती दी कि उनपर कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। पार्टी संविधान से चलती है। जेठमलानी ने अपने बयानों से पार्टी का अहित किया है। पार्टी अध्यक्ष ने बयान और चुनौती को सख्ती से संज्ञान लिया है और राम जेठमलानी को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
हुसैन ने कहा कि जेठमलानी का मामला आगे संसदीय बोर्ड को रेफर किया गया है। सोमवार की शाम 4.30 बजे बोर्ड की बैठक होगी और आगे की प्रक्रिया की जाएगी। बीजेपी के इस रुख से साफ है कि पार्टी राम जेठमलानी को और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है और कल शाम को उन्हें पूरी तरह से पार्टी से बाहर किया जा सकता है।
राम जेठमलानी के सस्पेंशन से उनके सहयोगी शत्रुघन सिन्हा और यशवंत सिन्हा पर इनडायरेक्ट दबाब डालने का यह प्रयास माना जा रहा है|
उधर अरुण जेटली ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि सी बी आई में संस्थागत सुधार के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी गई थी. पार्टी चाह रही थी कि सिलेक्‍ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर डायरेक्‍टर की नियुक्ति हो. उन्‍होंने राम जेठमलानी की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने उनकी भावनाओं को गलत समझ लिया.
दरअसल, सरकार ने सीबीआई निदेशक के तौर पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति की है. जेठमलानी ने अब सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति का विरोध करने के पार्टी के फैसले पर सवाल उठाए हैं.
गौरतलब है कि राम जेठमलानी के मुताबिक, ‘सीबीआई डायरेक्‍टर के रूप में रंजीत सिन्‍हा की नियुक्ति कर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक अच्‍छा काम किया है.’ पहले तो जेठमलानी ने सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति के मामले में प्रधानमंत्री की तारीफ की और फिर पार्टी का ही विरोध कर दिया.’

मायावती के खिलाफ ताज कोरिडोर मामले पर नहीं बनता कोई मुकद्दमा: इलाहाबाद उच्च न्यायालय

बसपा सुप्रीमो मायावती को बड़ी राहत प्रदान करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को ताज कॉरिडोर मामले में उनके खिलाफ याचिकाएं खारिज कर दीं।
अदालत की लखनऊ पीठ ने उनके कैबिनेट सहयोगी नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ भी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
अदालत द्वारा 74 पन्नों का फैसला दिए जाने के बाद वरिष्ठ वकील सतीश चन्द्र मिश्र ने कहा कि कोर्ट ने मैरिट पर इस केस को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए फैसलों की भी जानकारी ली और इसके बाद यह फैसला सुनाया है। उन्होंने इस फैसले को मायावती के लिए बड़ी राहत बताया।मिश्र ने बताया कि गवर्नर द्वारा पूर्व में ही इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ मामला चलाए जाने की अनुमति नहीं दी गई थी यह इस बात का प्रमाण था कि इस मामले में उनका कोई कसूर नहीं है। इस मामले से जुड़ी फाइलों को कभी भी मायावती के सामने स्वीकृति के लिए लाया ही नहीं गया था, क्योंकि यह एक रुटिन मैटर था जिसको मुख्यमंत्री की स्वीकृति की जरुरत महसूस नहीं की गई।

Wah Maya Wah Taj

उन्होंने कहा कि मिशन मैनेजमेंट बोर्ड ने बीजेपी की सरकार में ताज कॉरिडोर के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उस वक्त प्रदेश में राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे। लिहाजा इस मामले में यदि कोई आरोपी बनता है तो वह उस वक्त के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। गौरतलब है कि इस मामले में सीबीआई की स्थानीय विशेष अदालत ने मायावती तथा नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ तत्कालीन राज्यपाल द्वारा मुकदमा चलाने की स्वीकृति नहीं दिए जाने के कारण अभियोजन की कार्यवाही समाप्त कर दी थी। इसके खिलाफ वर्ष 2009 में छह जनहित याचिकाएं दायर कर इस फैसले को चुनौती दी गई थी। इन सभी छह याचिकाओं पर सुनवाई 12 सितंबर को सुनवाई की गई थी, जिसके बाद आज इस मामले में मायावती को बड़ी राहत प्रदान कर दी गई है । 12 सितम्बर को लखनऊ खंड पीठ ने मायावती एवं नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर आपराधिक मामले की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश देने हेतु दायर जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच में न्यायमूर्ति इम्तियाज मुर्तजा और न्यायमूर्ति अनी कुमार सिंह की खंडपीठ के समक्ष मंगलवार 11 सितंबर को इस मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से उच्चतम न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल ने बहस की थी वहीं, मायावती तथा अन्य पक्षकारों की तरफ से वरिष्ठ वकील सतीश चन्द्र मिश्र अधिवक्ताओं की टीम के साथ पेश हुए। न्यायाधीश इम्तियाज मुर्तजा और अश्विनी कुमार सिंह की इस पीठ ने आदेश जारी करते हुए कहा कि याचिकाओं में कोई दम नहीं है और इसीलिए उन्हें खारिज किया जाता हैं।

केस हिस्टरी

बताते चलें कि
साल 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने ताज की खूबसूरती बढ़ाने के नाम पर 175 करोड़ रुपए की परियोजनाएं लॉन्‍च कर दी. आरोप लगा कि पर्यावरण मंत्रालय से हरी झंडी मिले बगैर ही सरकारी खज़ाने से 17 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए गए.2003 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पड़ताल करने के आदेश दिए. 2007 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी.सीबीआई की चार्जशीट में मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगाए गए लेकिन जैसे ही मायावती सत्ता में वापस आईं, तत्कालीन राज्यपाल टीवी राजेश्वर ने इस केस में मुकदमा चलाने की इजाजत देने से मना कर दिया और सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही ठप्प हो गई.|