[नई दिल्ली]महात्मा गांधी के आदर्शों को सरकारों द्वारा बेशक ताक पर रख दिया गया हो मगर उनके चरखे से निकली “खादी” अब पुनः मार्किट में छाने लग गई है | खादी के सेल में अप्रैल माह के अंतिम पंद्रह दिनों में पिछले साल के मुकाबिले ६०% वृद्धि दर्ज की गई है | जिसका श्रेय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम “मन की बात” को दिया जा रहा है| खादी को गर्मी में बहुत ठण्डक वाला+ सुविधाजनक + पर्यावरण के अनुकूल वस्त्र माना जाता है |
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो सम्बोधन ‘मन की बात’ में देश के लोगों से कम से कम से खादी का एक वस्त्र खरीदने की अपील की थी और केंद्रीय सूक्ष्म लघु और मझौले उद्योग मंत्री कलराज मिश्रा के मार्गदर्शन में खादीग्रामाद्योग भवन, नई दिल्ली ने 13 अप्रैल 2015 को खादीग्रामोद्योग भवन के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर विशेष ‘कुर्ता-पायजामा प्रदर्शनी’ का आयोजन किया।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 13 अप्रैल से लेकर 28 अप्रैल 2015 की अवधि में खादीग्रामोद्योग की कुल बिक्री में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 60 %से ज्यादा वृद्धि हुई। सिले-सिलाये वस्त्रों की बिक्री में रिकॉर्ड 86 %तक वृद्धि हुई। प्रदर्शनी के दौरान महिलाओं और युवाओं द्वारा की गई खरीदारी उल्लेखनीय रही और एक लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं ने खादीग्रामोद्योग के उत्पाद खरीदे।
खादी भवन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के एस राव के अनुसार युवाओं तक खादी की पहुंच बनाने और उसे उनमें लोकप्रिय बनाने के लिए खादी भवन ने राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) के छात्रों द्वारा विशेष रूप से डिजाइन किए गए सिले-सिलाये वस्त्र प्रदर्शित करने की व्यवस्था की है ।
खादीग्रामोद्योग आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अरुण कुमार झा ने कहा कि खादी बहुत ठण्डक वाला, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल वस्त्र है जो दिल्ली की गर्मी के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। श्री झा ने यह भी कहा कि ग्राहकों की उत्साहजनक प्रतिक्रिया और जबर्दस्त बिक्री को देखते हुए खादीग्रामोद्योग भवन गर्मियों के लिए एक अन्य प्रदर्शनी का आयोजन करने जा रहा है। यह प्रदर्शनी कनॉट प्लेस नई दिल्ली में उसके प्रमुख भवन में 16 मई 2015 से लगाई जायेगी। इस प्रदर्शनी में ‘खादी समर कलेक्शन’ यानी गर्मियों के लिए खादी के वस्त्र प्रदर्शित किए जायेंगे और उन्हें प्रतिष्ठित ग्राहकों को उपलब्ध कराया जायेगा।
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