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5 करोड़ गन्ना किसानों के खातों में सीधे जाएगी केंद्र से 3500 करोड़ ₹ की राहत
(नई दिल्ली) गन्ना किसानों के लिए केंद्र से 3500 करोड़ ₹ की राहत
आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति (सीसीईए)मंत्रिमंडल ने गन्ना किसानों के लिए करीब 3,500 करोड़ रुपये की सहायता को मंजूरी दी यह सहायता राशि सीधे किसानों के खातों में जमा की जाएगी
इस निर्णय से पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके परिवारों तथा चीनी मिलों एवं अन्य सहायक गतिविधियों में काम करने वाले पांच लाख कामगारों को लाभ होगा।
इस समय देश में करीब पांच करोड़ गन्ना किसान और उनके परिवार हैं। इनके अलावा, चीनी मिलों में तथा उसकी सहायक गतिविधियों में काम करने वाले करीब पांच लाख कामगार हैं और इन सभी की आजीविका चीनी उद्योग पर निर्भर है।
किसान अपना गन्ना चीनी मिलों को बेचते हैं, लेकिन चीनी मिल मालिकों से उन्हें उनका भुगतान प्राप्त नहीं होता क्योंकि उनके पास चीनी का अतिरिक्त स्टॉक होता है। इस चिंता को दूर करने के लिए सरकार चीनी के अतिरिक्त स्टॉक को शून्य पर लाने के प्रयास कर रही है। इससे गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने में सहूलियत होगी। सरकार इस उद्देश्य के लिए 3,500 करोड़ रुपये व्यय करेगी और इस सहायता की राशि को चीनी मिलों की ओर से बकाये के भुगतान के तौर पर सीधे किसानों के खातों में जमा किया जाएगा। शेष राशि, यदि बचेगी तो, उसे चीनी मिलों के खाते में जमा कर दिया जाएगा।
इस सब्सिडी का उद्देश्य चीनी मिलों द्वारा चीनी सत्र 2020-21 के दौरान अधिकतम स्वीकार्य निर्यात कोटा (एमएईक्यू) के तहत 60 लाख मीट्रिक टन की मात्रा तक चीनी का निर्यात करने पर उसके प्रबंधन, सुधार तथा अन्य प्रसंस्करण लागत और अंतर्राष्ट्रीय तथा घरेलू परिवहन एवं माल भाड़ा शुल्क समेत उस पर आने वाली कुल बाजार कीमत को पूरा करना है।
इस निर्णय से पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके परिवारों तथा चीनी मिलों एवं अन्य सहायक गतिविधियों में काम करने वाले पांच लाख कामगारों को लाभ होगा।
चौ.अजित सिंह ने पत्र लिख कर ,प्याज से परेशान,पी एम्, को गन्ना उत्पादकों की व्यथा सुना कर चीनी नीति में परिवर्तन की मांग की
रालोद सुप्रीमो चौ.अजित सिंह ने प्याज से परेशान भारत सरकार को गन्ना उत्पादकों की व्यथा का चित्रण करते हुए चीनी नीति बदलने के लिए पत्र लिखा |
सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ. अजित सिंह ने प्रधान मंत्री को पत्र लिखा है जिसमे यूं पी के ५० लाख गन्ना किसानो को बीते वर्ष का २४०० करोड़ बकाये का भुगतान कराने के लिए कहा गया है|
पत्र में गन्ना किसानो कि व्यथा बताते हुए कहा गया है कि प्रतिवर्ष १३५-१४० मिलियन टन गन्ना पैदा किया जाता है| इस परोपकारी व्यवसाय से लग भग ५० लाख किसान और उनका परिवार अपना रोजगार चलाते हैं|नए सीजन की शुरुआत होने वाली है लेकिन अभी तक उनके कर्जे का २४०० करोड़ रुपयों का भुगतान नहीं किया गया है |
गन्ना किसानो को लोन देने के लिए बैंक भी कोई रूचि नहीं दिखा रहे|
यहाँ तक कि चीनी मिलें भी चीनी उत्पादन में घाटे को लेकर गन्ना किसानो से दूरी बना रही हैंचीनी के दामो में कोई वृद्धि नहीं किये जाने से चीनी मिलें घाटे का रोना रो रही हैं|जिसके फलस्वरूप चीनी का स्टॉक भरा पड़ा है |
२०१३-१४ में चीनी स्टॉक १०० लाख टन पर पहुँचने की उम्मीद है जिससे ३०००० करोड़ रुपये की नकदी का परवाह रुक जाएगा|अब जब कि इतना बड़ा स्टॉक देश में ही मौजूद है ऐसे में चीनी का ब्राजील और पाकिस्तान से आयात कऱने की जरुरत नहीं है|इसके आयात पर १५ से ४०% आयात शुल्क कर दिया जाना चाहिए बल्कि अगले ८-१० महीनों में ३० लाख टन का निर्यात किया जाना चाहिए|
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