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Tag: गुजरात लोकायुक्त की नियुक्ति

तीसरी बार विजय पताका फहराने वाले नरेन्द्र मोदी राज्यपाल के हाथों सुप्रीम कोर्ट में हार गए

तीसरी बार विजय पताका फहराने वाले नरेन्द्र मोदी राज्यपाल के हाथों सुप्रीम कोर्ट में हार गए

गुजरात में तीसरी बार विजय पताका फहराने वाले नरेन्द्र मोदी आज राज्यपाल के हाथों सुप्रीम कोर्ट में हार गए| सर्वोच्च न्यायलय ने जस्टिस आर ऐ मेहता को गुजरात का लोकायुक्त बनाए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है |राज्यपाल कमला बेनीवाल ने जस्टिस मेहता की न्युक्ति की थी .
सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि बेशक राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह के काम करने के लिए बाध्य है लेकिन जस्टिस मेहता की नियुक्ति सही थी क्योंकि गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस से सलाह के बाद उन्हें लोकायुक्त बनाया गया था .|
इससे पूर्व जनवरी 2012 में हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति वीएम सहाय ने एक खंडपीठ द्वारा राज्यपाल के निर्णय की वैधता पर बंटा हुआ फैसला आने के बाद लोकायुक्त की नियुक्ति को बरकरार रखा था। न्यायमूर्ति सहाय ने संवैधानिक संकट पैदा करने को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की खिंचाई करते हुए कहा गया था कि राज्यपाल को नियुक्ति का विवेकाधीन अधिकार होता है। मुख्यमंत्री द्वारा लोकायुक्त मुद्दे को लेकर की जा रही उछलकूद- नौटंकी लोकतंत्र के विखंडन को दर्शाती है। हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने दलील दी थी कि अपने विवेक का इस्तेमाल करते हुए राज्य सरकार की सलाह लिए बिना लोकायुक्त की एकतरफा नियुक्ति अवैध है। साथ ही हाई कोर्ट द्वारा मोदी के खिलाफ इस्तेमाल किए गए कड़े शब्दों पर एतराज जताते हुए टिप्पणियों को हटाने की मांग की गई है। राज्यपाल ने आठ वर्ष से खाली पड़े लोकायुक्त के पद पर 25 अगस्त 2011 को सेवानिवृत्त न्यायाधीश मेहता की नियुक्ति कर दी थी।