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डौडि़याखेड़ा की १२ दिन की खुदाई में १००० टन सोने की चमक आज भी दिखाई नहीं दी

[नई दिल्ली]डौडि़याखेड़ा, संग्रामपुर-जिला उन्नाव (उत्तर प्रदेश) की १२ दिन की खुदाई में १००० टन सोने की चमक आज भी दिखाई नहीं दी|
18.10.2013 से 29.10.2013 डौडि़याखेड़ा, संग्रामपुर-जिला उन्नाव (उत्तर प्रदेश)के राव राम बक्श सिंह के किले में खुदाई की ताजा स्थिति इस प्रकार रही।
18.10.2013 से वाईवीआई के वृत के चतुर्थ भाग के तीसरे हिस्से में खुदाई का काम शुरु हुआ। ईट की दो समानांतर दीवारों (3.00 मीटर x 2.50 मीटर) तक की बीच की दूरी तक खुदाई सीमित रही। यह सतह से 4.80 मीटर की गहराई तक जारी रही और खाई के कंकड़ पत्थर वाले स्तर तक पहुंची। अब इस ट्रैंच का मानचित्रण और फोटोग्राफी की तैयारी प्रगति पर है। भारत के पुरात्व सर्वेक्षण के महानिदेशक ने आज मीडिया को बताया कि दीवार के ढ़ाचे को खत्म करके खुदाई का क्षेत्र बढ़ाना चाहते हैं।
उन्होंने बताया कि सतह संख्या 9 से प्रारम्भिक एतिहासिक काल के नमूने मिले हैं।
[I] इस ट्रैंच से निम्न प्राचीनकालीन वस्तुएं मिलीः१. शीशे की चुड़ियां[२]. लौह नख[३]. कूदने की सामग्री[४]. शेर के आकार के विखरे पत्थर
[५] सुपारी के आकार के मनके
[II ]जले ईंट के आकार[१]. लखौरी-ईंट की दीवार (खाई का दक्षिण पश्चिम कोना)(14 कोर्स)[२]. जली ईंट की दीवार (पूर्व की तरफ का) भाग-1.46 मीटर लंबा (केवल एक कोर्स)-ईंट का आकार 47x24x6.75 सेंटीमीटर
[III] सिगड़ी (०२) संख्यास्थल पर एएसआई के अधिकारियों की सलाह से जीएसआई की टीम ने गंगा नदी से सटे स्थल पर अन्य खोज में परिक्षण के तौर पर खुदाई का सुझाव दिया है। सतह की समुचित साफ-सफाई के बाद एक्सए 2 बिछाया गया है और खुदाई का काम कल शुरु होगा।
उत्तर प्रदेश के पुरातत्व के प्रतिनिधि, उन्नाव जिले के बारा के एसडीएम लाईजनिंग अधिकारी के तौर पर देख रेख कर रहे हैं।