[नई दिल्ली,]युवा सांसद जयन्त चौधरी ने लोक सभा में लगे व्यवधान संस्कृति के अभिशाप पर आज गंभीर चिंता जताई है |
मथुरा से लोकसभा सांसद एवं राष्ट्रीय लोकदल [ रालोद] के युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने लोकसभा की कार्यवाही में जल्दी-जल्दी व्यवधान डालने वाली ‘व्यवधान संस्कृति’ पर, जो आजकल बहुधा देखने में आ रही है, खेद प्रकट किया है।
श्री जयन्त चौधरी ने आज गुरुवार को कहा, ‘‘लोकसभा की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान डाला जाना कोई अच्छा संकेत नहीं है। लोकसभा को भलीभांति चलने देना चाहिए, ताकि कानून निर्माताओं को जनता से सम्बद्ध और समाज में बदलाव लाने वाले मुद्दों पर विमर्श करने का अवसर मिल सके।
श्री जयन्त चौधरी ने बताया कि लोकसभा के चालू मानसून सत्र में विभिन्न मुद्दों पर दो बिल पेश करेंगे। पहला बिल
[१] यमुना नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से आयोग के गठन को लेकर होगा एवं
[२]दूसरा बिल ‘वैकल्पिक ऊर्जा’ को बढ़ावा देने के लिए कोष इकट्ठा करने के उद्देश्य को लेकर होगा।इस रोजाना के व्यवधान से जनहित के इतने महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा नही हो पा रही है|
श्री चौधरी नदी बेसिन प्रबंधन योजना के कार्यान्वयन द्वारा यमुना नदी के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु राष्ट्रीय यमुना नदी बेसिन आयोग की स्थापना के लिए बिल प्रस्तुत करेंगे। बिल का लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर अधिकाधिक समेकित दृष्टिकोण के साथ नदी संरक्षण को बढ़ावा देना है।
यह बिल मथुरा की जनता एवं इस विषय के विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श का नतीजा है।
श्री जयंत चौधरी पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय चरण सिंह के पौत्र और वर्तमान रालोद के अध्यक्ष चो.अजित सिंह के पुत्र हैं और इस १६ कार्यदिवस वाले मानसून सत्र में पहले तीन दिन व्यवधान की भेंट चडने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की है|
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