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Tag: चुनाव आयोग

५ राज्यों में होने जा रहे चुनावों के जनमत सर्वेक्षण के प्रदर्शन पर रोक

[नई दिल्ली]५ राज्यों में होने जा रहे चुनावों के जनमत सर्वेक्षण के प्रदर्शन पर रोक
५ राज्यों में होने जा रहे चुनावों की मीडिया कवरेज के लिए नियमावली जारी की गैहै जिसके अंतर्गत ५ राज्यों में होने जा रहे चुनावों के ४८ घंटे पूर्व जनमत सर्वेक्षण के प्रदर्शन पर रोक लगाईं गई है
गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की राज्य विधानसभाओं के आम चुनाव-के लिए 1951 की धारा 126 की जानकारी दी गई है
इन पाँचों विधान सभाओं के लिए आम चुनाव का कार्यक्रम 4 जनवरी 2017 को चुनाव आयोग ने घोषित कर दिया है। चुनाव में मतदान सात चरणों में आयोजित करने का फैसला लिया गया है। जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 में निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के लिए तय समय से
48 घंटे पूर्व अवधि के दौरान टेलीविजन या इसी प्रकार के उपकरण के साथ-साथ किसी अन्य माध्यम द्वारा चुनाव सामग्री को प्रदर्शित करने की मनाही है।
कथित 126 धारा के कुछ अंश निम्न हैं
(126. मतदान होने के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाओं या किसी भी तरह के जनमत सर्वेक्षण पर रोक”
किसी चुनाव में मतदान के लिए तय निर्धारित समय से 48 घंटे पूर्व की अवधि के दौरान सिनेमा, टेलीविजन या इसी तरह के प्रचार माध्यम द्वारा जनता में किसी तरह की प्रचार सामग्री का प्रदर्शन नही किया जाएगा
उल्लंघन करने वाले को दो वर्ष का कारावास या जुर्माना या फिर दोनों एक साथ होगा।

असम में कल होने वाले चुनावों में १ सीट पर भी मुकाबला सीधा नहीं:७०% सेअधिक निर्दलीय+अन्य

[नई दिल्ली] असम में कल होने वाले चुनावों में एक भी सीट पर सीधा मुकाबला नहीं |१९.९८ लाख वोटर करेंगे १०६४ कैंडिडेट्स का फैंसला |एक सीट के लिए अधिकतम २५ उम्मीदवार तक मैदान में हैं जबकि एक सीट पर न्यूनतम तीन कैंडिडेट्स भी हैं|चुनाव आयोग द्वारा चुनावों के दौरान एग्जिट पोल पर रोक लगाईं जा चुकी है |
असम विधान सभा की ६५ सीटों के लिए कल होने वाले चुनावों में १०६४ उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला १९.९८ लाख वोटर करेंगे लेकिन किसी भी सीट पर सीधा मुकाबला नहीं होगा क्योंकि ७०% से अधिक उम्मीदवार निर्दलीय+अन्य हैं
असम विधानसभा चुनाव-2016 के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़े निम्न हैं
चरण 1- मतदान की तिथि 04.04.2016
क्रम संख्‍या======मद=========================मतदान होने वाले विधानसभा क्षेत्रों की संख्या =65
१]. कुल मतदाता
पुरुष – 10,30,7219
महिला- 9639763
अन्य – 27
सेवा निर्वाचक – 37477
——————————
कुल – 19,98,4486
२] उम्मीदवारों की कुल संख्‍या===================1064
३]महिला उम्मीदवारों की कुल संख्या================87
४]अधिकतम उम्मीदवारों की संख्या के साथ विधानसभा क्षेत्र की संख्या और नाम
4- करीमगंज दक्षिण (25 उम्मीदवार)
५] न्‍यूनतम उम्मीदवारों की संख्‍या के साथ विधानसभा क्षेत्र की संख्या और नाम
18-हावड़ाघाट, 76-बिश्‍वनाथ चरियाली, 107-थोरा, 63-चम्‍पागुरी, 82-राहा
(3 उम्मीदवार )
६] एक से अधिक महिला उम्मीदवारों के विधानसभा क्षेत्र
19 विधानसभा क्षेत्र
७]
सीधे मुकाबले वाले विधानसभा क्षेत्रों की संख्या और नाम
कोई नहीं
८] पार्टीवार उम्मीदवारों की सूची
एजीपी========================================30
एआईयूडीएफ====================================74
भाजपा=========================================89
इंडियन नेशनल कांग्रेस=============================122
बीपीएफ=======================================13
सीपीआई=======================================15
सीपीआई एम===================================19
अन्य========================================205
निर्दलीय=========================================497
कुल=======================================================1064
९]========================सबसे बड़ा मतदाताओं वाला विधानसभा क्षेत्र
52- दिसपुर
१०] क्षेत्रवार सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र
16 हाफलॉंग
११] सबसे छोटा मतदाताओं वाला विधानसभा क्षेत्र
107- थोरा
१२]======================मतदान केंद्रो की सं==============24889
१३]
चुनावों में उपयोग होने वाली ईवीएम मीशीनों की संख्या ============== 24889

भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को लोकतान्त्रिकशक्ति”नोटा”विकल्प का स्मरण कराया

[नई दिल्ली]भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाताओं को लोकतान्त्रिकशक्ति”नोटा”विकल्प का स्मरण कराया
मालूम हो के उच्चतम न्यायालय के 27 सितम्बर, 2013 के आदेश का अनुसरण करते हुए 11 अक्तूबर, 2013 से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों पर दिखाए गए बैलेट पेपरों में तथा अन्य बैलेट पेपरों में नोटा- उपरोक्त में से कोई नहीं- विकल्प को लागू किया था।
भारत निर्वाचन आयोग ने अब अन्य चुनाव चिन्हों की तरह नोटा विकल्प के लिए विशेष चिह्न x लागू किया है। इसका उद्देश्य मतदाताओं द्वारा नोटा विकल्प चुनने में मदद देना है। अब से आगे होने वाले सभी चुनावों में ईवीएम के अंतिम पैनल तथा अन्य बैलेट पेपरों पर नोटा विकल्प के समक्ष यह विशेष चिह्न दिखेगा। इस संबंध में सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए गये हैं।
नोटा विकल्प का मुख्य उद्देश्य ऐसे मतदाताओं की सहायता करना है जो किसी भी उम्मीदवार को वोट देना नहीं चाहते और ऐसे मतदाताओं को अपने निर्णय की गोपनीयता का उल्लंघन किए बिना किसी भी उम्मीदवार को वोट न देने के अधिकार के उपयोग में सहायता देना है।
नोटा विकल्प चिह्न को भारतीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) अहमदाबाद ने डिजाइन किया है।

नोटा चिह्न

कानपुर से विधान परिषद में स्‍नातक सीट के लिए १९ जनवरी को उपचुनाव

कानपुर से विधान परिषद में स्‍नातक सीट के लिए १९ जनवरी को उपचुनाव होंगें श्री जगेन्‍द्र स्‍वरूप की आकस्मिक मृत्यु स्वरुप यह रिक्ति हुई है
कानपुर मण्‍डल स्‍नातक निर्वाचन क्षेत्र से उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद की यह सीट आकस्मिक कारण से रिक्त हुई है।
रिक्ति‍ का विवरण निम्‍न प्रकार है:-
सदस्‍य का नाम========रिक्ति का कारण==========रिक्ति की तिथि=========सेवानिवृत्ति की तिथि‍
श्री जगेन्‍द्र स्‍वरूप ========मृत्‍यु================30 जुलाई, 2014 (ए/एन)===16 नवम्‍बर, 2016
आयोग ने उत्‍तर प्रदेश विधान परिषद की उपरोक्‍त रिक्ति को भरने के लिए उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है जिसका कार्यक्रम निम्‍न प्रकार होगा:
1अधिसूचना जारी करना=======26 दिसम्‍बर, 2014 (शुक्रवार)
2नामांकन करने की अंतिम तिथि==2 जनवरी, 2015 (शुक्रवार)
3नामांकन ================3 जनवरी, 2015 (शनिवार)
4नाम वापस लेने की अंतिम तिथि=5 जनवरी, 2015 (सोमवार)
5मतदान की तिथि =======19 जनवरी, 2015 (सोमवार)
6मतदान का समय ==========सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक
7मतगणना ===============22 जनवरी, 2015 (वीरवार)
सुबह 8 बजे से
8जिस तिथि से पहले चुनाव पूर्ण जायगा==27 जनवरी, 2015 (मंगलवार)

हरियाणा विधानपरिषद में घोषित दो रिक्तियां के लिए ५ दिसंबर को उपचुनाव होंगें

हरियाणा विधान परिषद में घोषित दो रिक्तियां को भरने के लिए उपचुनाव ५ दिसंबर को कराये जायेंगे औरउसी दिन सांय मतगणना प्रारम्भ कर दी जाएगी |18 नवम्बर २०१४ से अधिसूचना लागू होगी| चुनाव आयोग द्वारा घोषित इन रिक्तियों का विवरण निम्न है :
क्र. सं==== सदस्य का नाम============= रिक्त होने का कारण============================कार्यकाल का समय
१]======श्री बीरेन्द्र सिंह==============28 अगस्त 2014 को इस्तीफा देने के कारण==============1 अगस्त 2016
२]======श्री रणबीर सिंह प्रजापति=========1 नवम्बर 2014 को इस्तीफा देने के कारण=============1 अगस्त 2016
भारत के निर्वाचन आयोग ने इन रिक्त स्थानों को भरने के लिए , निम्नलिखित कार्यक्रम के अनुसार ,उप-चुनाव कराने का फैसला किया हैः-
क्र. सं.=====कार्यक्रम============तिथि और दिन
१]=======अधिसूचना जारी========18 नवम्बर 2014 (मंगलवार)
२]==नामांकन की आखिरी तारीख=====25 नवम्बर 2014 (मंगलवार)
३]==नामांकन की जांच============26 नवम्बर 2014 (बुधवार)
४]==नाम वापस लेने की आखिरी तारीख=28 नवम्बर 2014 (शुक्रवार)
५]==मतदान की तारीख=============5 दिसम्बर 2014 (शुक्रवार)
६]===मतदान का समय =============सुबह 09.00 बजे से शाम 04.00 बजे तक
७]===मतगणना=================5 दिसम्बर 2014 (शुक्रवार)====शाम 05.00 बजे
८]जिस तारीख से पहले चुनाव हो जाने चाहिए==================================8 दिसम्बर 2014 (सोमवार)

रसोई गैस सिलेंडर्स का वीरप्पाई दावं लग गया तो तीर, नहीं लगा तो तुक्का तो होगा ही


:झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक आम रसोई गैस सिलेंडर पीड़ित उपभोक्ता

ओये झल्लेया इस केंद्र सरकार ने क्या मज़ाक बना रखा है? पहले तो खाना बनाने के लिए जरूरी गैस सिलेंडरो को अर्थव्यवस्था के नाम पर छीना फिर जब इस पर हाय हल्ला हुआ तो एन गुजराती चुनावों के दौरान सिलेंडरों की संख्या[६-९ ]बढाने का एलान कर दिया अब चुनाव आयोग ने फटकार लगाई तो फिर पलट गए आज बुधवार को पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने उवाच दिया है कि सस्ते एलपीजी सिलेंडरों की संख्या बढ़ाए जाने पर फैसला अभी नहीं किया गया है और यदि ऐसा फैसला होता, तो इसकी सूचना चुनाव आयोग को जरूर दी गई होती।ओयारा ऐसे सरकारें चलती है?
?

रसोई गैस सिलेंडर्स का विरप्पाई दावं लग गया तो तीर, नहीं लगा तो तुक्का तो होगा ही

झल्ला

ओये भोले रामा दरअसल ये पुराणी चाल है तीर चलाओ लग गया तो तीर नहीं तो तुक्का तो होता ही है|अब अगर लग जाता तो गुजरात में राहुल गांधी की एक दिवसीय रैली को बल मिल जाता और संसद में छाए वाल मार्ट के बादलों पर भी पानी पड़ जाता|अब चुनाव आयोग ने नहीं चलने दिया तो कहा जा सकता है कि भाई हम तो कुकिंग गैस सिलेंडर्स की कैपिंग हटाना चाहते हैं मगर भाजपा और चुनाव आयोग करने नहीं दे रहा |मै ठीक हूँ या क्या मै ठीक हूँ

गुजरात चुनावों की दिशा में चलाये गए सस्ते रसोई गैस सिलेंडरों में बढोत्तरी के राम बाण को चुनाव आयोग ने काटा

सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या छह से नौ करने की घोषणा होते ही चुनाव आयोग ने इस पर तत्काल रोक लगाए जाने के आदेश दे दिए हैं| सरकार के इस कन्सेशन को गुजरात चुनावों के मध्यनज़र की गई लुभावनी घोषणा के रूप में देखा जा रहा है| जब से सस्ते रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या में कटौती का आत्मघाती निर्णय लिया गया है तभी से सरकार की सर्वत्र आलोचना हो रही है| इस कैपिंग से गैस की काला बजारी बाद गई जिसके फलस्वरूप सभी तरफ से सरकार को निशाना बनाया जा रहा है| बंगाल में हुए उप चुनावों में भी इसका नकारात्मक असर सामने आ चुका है| कांग्रेस के अपने भरोसे के नेता भी इसमें रोल बैक की सलाह दे चुके हैं|

सस्ते रसोई गैस सिलेंडरों में बढोत्तरी के राम बाण


अब जाकर केंद्र सरकार ने सस्ते गैस सिलेंडरों का कोटा बढ़ाने की तैयारी कर ली है.| इसकी जानकारी खुद पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने दी.
वीरप्पा मोइली ने कहा कि जल्द ही साल में छह की जगह नौ सिलेंडर देने का फैसला लिया जाएगा| प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा जाएगा और कैबिनेट जल्द ही इसपर निर्णय लेगी। कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद उपभोक्ता को छह की जगह सब्सिडी वाले नौ सिलेंडर मिलेंगे|.
इस संबंध में उनकी[मोइली] वित्त मंत्री से दो बार सकारात्मक बातचीत हो चुकी है और प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। इसकी एवज में सरकार तेल कंपनियों को 28 हजार 500 करोड़ रुपये की सब्सिडी देगी।
गौरतलब है कि सरकार के इस फैसले को गुजरात चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है|भाजपा बेशक रसोई गैस कैपिंग को बडवाना चाहती है मगर इस समय चुनावों के मध्य नज़र भाजपा ने भी इस घोषणा की आलोचना की है|
ग़ौरतलब है कि सरकार अभी 6 सस्ते सिलेंडर दे रही है, लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों ने पहले ही से 9 सिलेंडर देने का एलान कर दिया गया है|और सरकार की तरफ से बार बार इस फिसलने से लौटने से इनकार किया जाता रहा है|
मोइली ने गुजरात चुनाव के दौरान सस्ते सिलेंडर का कोटा बढ़ाने का एलान किया, दो दिन बाद ही गुजरात में पहले चरण की वोटिंग होनी है, इस पर पेट्रोलियम मंत्री मोइली और कांग्रेस का तर्क है कि उनके इस एलान से चुनाव आचार संहिता पर उल्लंघन नहीं होता है|जबकि चुनाव आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए आपत्ति की है और इसे तत्काल वापिस लेने के आदेश दिए हैं|इससे पूर्व कैश ट्रांसफर की घोषणा पर भी चुनाव आयोग द्वारा रोक लगाई जा चुकी है|

राहुल गांधी के हलफनामे की सत्यता की जांच के लिए चुनाव आयोग ने निर्वाचन अधिकारी को जांच के लिए लिखा


झल्ले दी झल्लियाँ गलां

एक कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हासाडी कांग्रेस पार्टी का कमाल | राहुल गांधी के हलफनामे की सत्यता की जांच के लिए चुनाव आयोग ने निर्वाचन अधिकारी को जांच करने के लिए लिख दिया है|अब पंगेबाज सुब्रमनियम स्वामी भी हो जायेंगे हलकान| डॉ. स्वामी ने खवाह्मखाह आरोप लगाया है कि पिछले लोकसभा चुनावों से पहले हसाड़े नेता राहुल गांधी के पास एसोसिएटेड जर्नल्स के तीन लाख से ज्यादा शेयर थे। जिसकी जानकारी हलफनामे में नहीं दी गई। ये सब बेकार में बदनाम करने के लिए धोखाधड़ी है पंगेबाज की इस अनैतिकता के लिए उस पर आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए |

राहुल गांधी के हलफनामे की सत्यता की जांच के लिए चुनाव आयोग ने निर्वाचन अधिकारी को जांच के लिए लिखा

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजान जी दरअसल अभी तक जितनी भी जाँच हुई है सभी में आप लोग निष्कलंक +निष्पाप+निर्दोष ही साबित हुए हो अब चूंकी आप जी के राहुल गांधी प्राईम मिनिस्ट्रियल केंदिदेत प्रोजेक्ट किये जा रहे है ऐसे में उनके खिलाफ सारे आरोप समय से पहले खारिज किये जाने जरूरी है |ये सारी कवायद उसी के लिए लगती है