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Tag: चौ अजित सिंह

हवा पर सवार चौ अजितसिंह प्.उ.प्र.में सियासी विरासत को तलाशने में व्यस्त हैं इसीलिए एयर इंडिया की दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

एयर इंडिया का परेशान पायलट

ओये झल्लेया भाई हम तो तंग आ गए इस रोजमर्रा की दहशत भरी जिंदगी से |आये दिन यात्री विमानों में खराबी आ रही है और हमें राम राम करते हुए अपनी जान भी जोखिम में डाल कर जहाज उड़ाने पड़ रहे हैं | अब देख जेद्दाह से ४००[३८०+२०] लोगों को बोइंग ७४७ जम्बो में लेकर मुम्बई वाया हैदराबाद के लिए चले थे[ऐ आई ९६४]लेकिन यार हवा में पहुँच कर खतरे का अलार्म बजने लग गया पता किया तो आगे का एक द्वार सिक्योर्ड नहीं था|यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जहाज को लौटाना पड़ा देर होने पर हैदराबाद को मिस करके सीधे मुम्बई जाना पड़ गया | अब देख इस तरह बदनामी तो हुई लेकिन साथ ही फालतू का खर्चा अलग हुआ |अभी पिछले दिनों ड्रीम लाइनर की विंड स्क्रीन में क्रेक्स आ गए तो दूसरे का पेनल ही निकल गया| मगर इतना सब होने पर भी सरकार चुप हैं मौन है यार हमारी जान से खिलवाड़ कब तक चलता रहेगा ?

झल्ला

अरे सर जी दरअसल हवा पर सवार होने के चक्कर में सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ.अजित सिंह प्.उत्तर प्रदेश में [,हुए दंगों में], अपनी सियासी जमीन को खो चुके हैं और आज कल उसी को तलाशने को जुटे हुए हैं |

चौधरी अजित सिंह “रालोद” के फिर निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष बने

चौधरी अजित सिंह को अगले ३ सालों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है|राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]के वर्ष २०१३-१६ के लिए चौधरी अजित सिंह को निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है|पार्टी के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी दीप चंद ढबास ने चौधरी अजित सिंह को निर्विरोध निर्वाचित अध्यक्ष घोषित किया|श्री ढबास ने बताया कि चुनाव नामांकन में चौधरी अजित सिंह का ही नामांकन प्राप्त हुआ और उन्हें आगामी तीन सालों के लिए निर्विरोध राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया| चौ. अजित सिंह केंद्र सरकार में सिविल एविएशन मिनिस्टर हैं|

चौ.अजित सिंह ने पत्र लिख कर ,प्याज से परेशान,पी एम्, को गन्ना उत्पादकों की व्यथा सुना कर चीनी नीति में परिवर्तन की मांग की

रालोद सुप्रीमो चौ.अजित सिंह ने प्याज से परेशान भारत सरकार को गन्ना उत्पादकों की व्यथा का चित्रण करते हुए चीनी नीति बदलने के लिए पत्र लिखा |
सिविल एविएशन मिनिस्टर चौ. अजित सिंह ने प्रधान मंत्री को पत्र लिखा है जिसमे यूं पी के ५० लाख गन्ना किसानो को बीते वर्ष का २४०० करोड़ बकाये का भुगतान कराने के लिए कहा गया है|
पत्र में गन्ना किसानो कि व्यथा बताते हुए कहा गया है कि प्रतिवर्ष १३५-१४० मिलियन टन गन्ना पैदा किया जाता है| इस परोपकारी व्यवसाय से लग भग ५० लाख किसान और उनका परिवार अपना रोजगार चलाते हैं|नए सीजन की शुरुआत होने वाली है लेकिन अभी तक उनके कर्जे का २४०० करोड़ रुपयों का भुगतान नहीं किया गया है |
गन्ना किसानो को लोन देने के लिए बैंक भी कोई रूचि नहीं दिखा रहे|
यहाँ तक कि चीनी मिलें भी चीनी उत्पादन में घाटे को लेकर गन्ना किसानो से दूरी बना रही हैंचीनी के दामो में कोई वृद्धि नहीं किये जाने से चीनी मिलें घाटे का रोना रो रही हैं|जिसके फलस्वरूप चीनी का स्टॉक भरा पड़ा है |
२०१३-१४ में चीनी स्टॉक १०० लाख टन पर पहुँचने की उम्मीद है जिससे ३०००० करोड़ रुपये की नकदी का परवाह रुक जाएगा|अब जब कि इतना बड़ा स्टॉक देश में ही मौजूद है ऐसे में चीनी का ब्राजील और पाकिस्तान से आयात कऱने की जरुरत नहीं है|इसके आयात पर १५ से ४०% आयात शुल्क कर दिया जाना चाहिए बल्कि अगले ८-१० महीनों में ३० लाख टन का निर्यात किया जाना चाहिए|

किंग फिशर एयर लाइंस के मिसमैनेजमेंट पर मोहर लगी और शीतकालीन उड़ाने हुई रद्द

सफल शराब उद्योगपति विजयमाल्या एयर लाइंस के व्यवसाय में पूर्णतय असफल साबित हो रहे हैं| किंग फिशर एयर लाईन्स के लगातार घाटे के दल दल में फंसते जाने के बावजूद भी आज तक ना तो कर्मिओं की हड़ताल ही खुलवा पाए और नाही कंपनी में चल रही ताला बंदी को ही खुलवा पा रहे हैं| इसके अलावा आज बुधवार को नागरिक उड्डयन नियामक ने संकटग्रस्त कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस की शीतकालीन प्रस्थान और आगमन उड़ान योजना भी रद्द कर करके कम्पनी के मिसमेनेजमेंट पर मोहर भी लगा दी है| लेकिन इतनी उठापटक होने के बावजूद आश्चर्यजनक रूप से कंपनी के शेयरों में बडत देखी गई | बीत दिन १२ रुपयों पर बंद हुआ एन एस ई का शेयर १२.५५ पर जा पहुंचा|
गौरतलब है कि लागातार घाटा झेल रही कम्पनी अव्यवस्थाओं से जूझ रही है|एयरलाइन के कई विमानों का जनवरी से संचालन नहीं हो पा रहा है| जिसके फलस्वरूप नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने भी कहा था कि एयरलाइन को अपनी उड़ानों का संचालन शुरू करने की अनुमति प्राप्त करने से पहले सुरक्षा और वेतन भुगतान के बारे में ठोस योजना डीजीसीए के समक्ष पेश करनी होगी| डी जी सी ऐ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि एयर लाईन्स का पूरा बेड़ा बिना उड़ान के जमीन पर खड़ा है,वह सुरक्षित और भरोसेमंद सेवाएं नहीं दे पा रहा है जिसकी वजह से क्यों न उसका फ्लाइंग लाइसेंस निलंबित कर दिया जाए या रद्द कर दिया जाए.| डीजीसीए ने किंगफिशर को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय भी दिया था |

किंग फिशर एयर लाइंस के मिसमैनेजमेंट पर मोहर लगी और शीतकालीन उड़ाने हुई रद्द


.किंगफिशर एयरलाइंस ने आज फिर बकाया वेतन पर गतिरोध दूर करने के लिए कर्मचारियों के साथ बैठक की। लेकिन इस बैठक में कोई समझौता नहीं हुआ । बैठक के बाद किंगफिशर के सीईओ संजय अग्रवाल ने तालाबंदी की अवधि तीसरी बार बढ़ाने की घोषणा की। कर्मचारी भी 7 महीने से बकाया वेतन के भुगतान की मांग को लेकर हड़ताल पर है | बताते चलें कि सात महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण ही कर्मचारी पिछले महीने से हड़ताल पर हैं। एयरलाइंस प्रबंधन ने परिचालन शुरू करने के लिए बकाये का कुछ हिस्सा देने का प्रस्ताव रखा था जिसे कर्मचारियों ने ठुकरा दिया था। उनकी मांग है कि उन्हें पूरा भुगतान किया जाए तभी वे काम पर लौटेंगे। किंगफिशर का परिचालन 29 सितंबर से ही पूरी तरह ठप्प है।उल्लेखनीय है कि विमानन कंपनी पिछले साल हर सप्ताह 2,930 प्रस्थान उड़ान संचालित करती थी, लेकिन मिसमेनेजमेंट + कर्ज और कर्मचारियों के काम छोड़ने के कारण इसमें लगातार गिरावट आती गई। कंपनी ने 12 एक अक्टूबर को घोषित तालाबंदी की अवधि को 20 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया।कम्पनी की वित्तीय स्थिति का अंदाजा इससे लगाया जा सकता ही कि बैंकों के समूह से विमानन कंपनी पर 7,000 करोड़ रुपये का कर्ज है

दिल्ली मुम्बई से नए वर्ष की पहली उड़ान सस्ती होगी:चौ.अजित सिंह

सिविल एविएशन मंत्री चौधरी अजित सिंह ने आज टैक्स छूट का दायरा बढ़ाते हुए मुम्बई और सबसे महंगी दिल्ली के डोमेस्टिक और अन्तराष्ट्रीय यात्रिओं को एयर पोर्ट डेवेलोपमेंट फीस से राहत दे दी है| इन शहरों से नए वर्ष की पहली उड़ान अब सस्ती होगी| दो प्रायवेट प्लेयर्स में हुए एग्रीमेंट के अंतर्गत यह [ ऐ डी ऍफ़] फीस एयरपोर्ट्स के विकास के लिए वसूला जा रहा था| फ़िलहाल अन्तराष्ट्रीय उड़ान के यात्रिओं से दिल्ली में १३००/=और डोमेस्टिक पेसेंजर्स से २००/= वसूले जा रहे थे |दिल्ली से वसूली जा रही यह फीस सबसे अधिक होने के कारण लगातार आलोचना का शिकार रही है| मुम्बई में यह लेवी क्रमश ६००/= और १००/= है|
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दिल्ली मुम्बई से नए वर्ष की पहली उड़ान सस्ती होगी:चौ.अजित सिंह


गौरतलब है कि २००९ में इंदिरा गांधी इंटर्नेशनल एयर पोर्ट के आधुनिकीकरण के लिए ८९५७ करोड़ सेंक्शन किये गए थे जो अब डी आई ऐ एल ने १२८५७ करोड़ की मांग की|एयर पोर्ट इकोनोमिक रेगुलेटरी आथोरिटी [A E R A] एरोनाटिकल चार्जेस में ३४५% की बढोत्तरी कर दी जिसे मई से लागू कर दिया गया|
बताया जा रहा है कि इस फीस को समाप्त किये जाने से मुम्बई और दिल्ली से क्रमश ४२०० करोड़ और ११७५ करोड़ की वित्तीय रिक्ती [ financial gap]होगी| इसकी भरपाई के लिए एअरपोर्ट आथोरिटी[A A I]और ओपरेटर करेंगे[MIAL]
से होगी|
इससे पूर्व भी चेन्नई और कोलकत्ता के एयर पोर्ट्स पर भी विकास शुल्क समाप्त किया जा चुका है|

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