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RLD Supremo Ch Ajit Singh Files Nomination From Muzaffarnagar

[Muzaffarnagar,UP] RLD Supremo Files Nomination From Muzaffarnagar
RLD chief Choudhary Ajit Singh on Monday filed his nomination as the SP-BSP-RLD alliance candidate from Muzaffarnagar for the upcoming Lok Sabha polls.
While former Union minister and sitting MP Sanjeev Balyan is the BJP contender, the Congress has not fielded any candidate from the seat.
Meanwhile, Shivpal Yadav’s Pragatisheel Samajwadi Party-Lohia (PSP-L) has fielded Ombir Singh from the constituency.
District Magistrate Ajay Shanker Pandey told reporters here security has been tightened in the district and that the model code of conduct is in place.
Muzaffarnagar will go to polls on April 11

चौ. अजित सिंह ने सैनी और कश्यप समाज के दो दलों को रालोद में शामिल किया

चौधरी अजित सिंह ने अपने राष्ट्रीय लोकदल का कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया है | वंचित जमात पार्टी और जनसत्ता पार्टी के रालोद में विलय की घोषणा की गई है इसे पूर्व ठाकुर अमर सिंह और सिनेतारिका ज्याप्रदा को भी रालोद में शामिल किया जा चुका है|
राष्ट्रीय लोकदल में वंचित जमात पार्टी और जनसत्ता पार्टी का विलय हो गया है। आज रालोद अध्यक्ष व केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री चौ. अजित सिंह के आवास पर उनकी उपस्थिति में दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने-अपने दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ रालोद में शामिल हो गए।
इस मौके पर रालोद महासचिव व मथुरा से लोकसभा सांसद जयन्त चौधरी भी मौजूद थे।
रालोद अध्यक्ष ने दोनों दलों के रालोद में विलय पर हर्ष जताया तथा दोनों अध्यक्षों का स्वागत किया। रालोद महासचिव जयन्त चौधरी ने खुशी जताते हुए कहा कि इन दोनों दलों ने समाज के लिए काम किया है और अब ये रालोद परिवार का हिस्सा बनेंगे।
वंचित जमात पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चतर सिंह कश्यप ने कहा है ” चौ. अजित सिंह ने पिछड़ों, किसानों और मजदूरों के हकों की लड़ाई लड़ी है। इसलिए हम उनके नेतृत्व में अति पिछड़ों और अति दलितों को सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक लाभ दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे।”
जनसत्ता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष करण सिंह सैनी ने कहा है ” हम रालोद को मजबूत करेंगे और पिछड़ों की लड़ाई में अपना सहयोग प्रदान करेंगे। चौ. अजित सिंह जी ने सभी के सम्मान की लड़ाई लड़ी है इसलिए हम उनके साथ हैं।”

राजीव गांधी राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय विधेयक के प्रस्ताव को भी मंत्रिमंडल की हरी झंडी

नागरिक उड्डयन के छेत्र में राजनीतिक उठक बैठक के बावजूद राजीव गांधी राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय के नाम से एक केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय के रूप में राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना करने के प्रस्‍ताव को हरी झंडी मिल गई है|केन्‍द्रीय मंत्रि‍मंडल ने आज उत्‍तर प्रदेश राज्‍य के रायबरेली जिले में इस विश्‍वविद्यालय के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। इससे पहले देश में ७० से १०० सीटों वाले विमानों के निर्माण को भी मंत्री मंडल द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है
मंत्रिमंडल ने राजीव गांधी राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय विधेयक, 2013 को संसद में पेश करने के प्रस्‍ताव को भी अपनी मंजूरी दी है ताकि, नागर विमानन, कार्मिक और प्रशिक्षण तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालयों के प्रतिनिधियों के साथ मंत्रिमंडल सचिव के नेतृत्‍व में एक चयन समिति के माध्‍यम से चयन करके कुलपति (केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालयों की प्रणाली पर आधारित वेतनमानों के साथ) का एक पद सृजित किया जा सके। साथ ही, परियोजना निदेशक के पद के लिए भारत सरकार के संयुक्‍त सचिव के दर्जे में एक अस्‍थायी पद का भी सृजन किया जा सके, जिसे प्रतिनियुक्ति द्वारा भरा जाना है।
बताया गया है कि राजीव गांधी राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना एक केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय और एक स्‍वायत्‍त निकाय के रूप में की जाएगी जो नागर विमानन मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में होगा।
रायबरेली जिले में उपलब्‍ध जमीन पर विश्‍वविद्यालय के निर्माण के पहले चरण (2013-14 से 2018-19) में केन्‍द्र सरकार की ओर से 202 करोड़ रूपये दिए जा रहे हैं। इसके पहले चरण में आईजीआरयूए के पास उपलब्‍ध लगभग 26.35 एकड भूमि का चयन राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना के लिए किया गया है। मंत्रालय ने अनुभव किया है कि एक सुरक्षित और प्रभावकारी उड़ान उद्योग के सृजन के लिए कुशल और सक्षम कामगार अनिवार्य हैं। भारत में उड़ान शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने वाली बड़ी संख्‍या में निजी संस्‍थाओं की मौजूदगी के बावजूद भी हितधारकों के बीच यह सामान्‍य धारणा है कि इस उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए जो पाठ्यक्रम उपलब्‍ध हैं अथवा अवसंरचना सुविधाएं उपलब्‍ध हैं, वे पर्याप्‍त नहीं हैं। इसलिए नागर विमानन क्षेत्र की बढ़ती शैक्षिक और प्रशिक्षण संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना करना जरूरी हो गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह विश्वविद्यालय विमानन अध्ययन, शिक्षा, प्रशिक्षण, अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा. विमानन प्रबंधन, विमानन नियम, नीति, विमानन का इतिहास, विमानन विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, विमानन कानून, विमानन सुरक्षा, विमानन मेडिसिन, बचाव एवं तलाशी अभियान, खतरनाक पदाथो’ की ढुलाई, पर्यावरण अध्ययन जैसे विषयों पर विश्वविद्यालय ध्यान केन्द्रित करेगा.|
बेशक नागरिक उड्डयन के छेत्र में राजनीतिक उठक बैठक जारी है |केन्द्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के उत्तर प्रदेश में छोटे एयर पोर्ट्स की स्थापना और जेट एयरवेज के समझौते को लेकर आये दिन मंत्रालय कि क्षमता पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं लेकिन इस सबके बावजूद राष्‍ट्रीय उड़ान विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना करने के प्रस्‍ताव को हरी झंडी मिल गई है चूंकि बीते दिनों देश में ७० से १०० सीटों वाले विमानों के निर्माण के प्रस्ताव को भी मंत्री मंडल द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है ऐसे में विश्व विद्यालय के निर्माण को एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा सकता है |
बताते चलें कि कि 2006 में एक समिति ने सिफारिश की थी कि भारत में राष्ट्रीय विमानन विविद्यालय खुलना चाहिए.