Ad

Tag: झल्ला सबलोक

सोनिया ने मोदी को गुजरात में खरी खरी सुनाई


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक गुजराती कांग्रेसी

ओये झल्लेया देखा हसाडी सोनिया गांधी जी का कमाल |गुजरात में आकर माननीया सोनिया जी ने नरेन्द्र मोदी को क्या खरी खरी सुनाई है |सुन्दर भई अति सुन्दर |ओये सोनिया जी ने मोदी को बता दिया है कि हम बदनाम होने वालों में से नहीं हैं| उलटे गुजरात में ही सबसे ज्यादा वेट है+ अतिरिक्त गैस के सिलेंडरों पर सब्सिडी नहीं दी जा रही+ नर्मदा का पानी सौराष्ट्र को नहीं मिल रहा +लोकायुक्त नियुक्त नहीं हुआ+अपराध कम नहीं हो रहे + गरीब किसानो की हितेषी ऍफ़ डी आई को लागू नहीं किया जा रहा इसके साथ ही उन्होंने ये भी बता दिया है कि बेटा नरेन्द्र प्रदेश में विकास के लिए सीना मत ठोक क्यूंकि बाक़ी प्रदेशों से ज्यादा बजट गुजरात को दिया गया है| प्रदेश में जो भी विकास हुआ है हमने ही किया है|

सोनिया ने मोदी को गुजरात में खरी खरी सुनाई

झल्ला

आप जी की सोनिया जी ने नरेन्द्र के आरोपण जाल से बचते हुए वाकई में खरी खरी सुनाई हैं| और तो और मुख्य चुनाव आयोग ने इस छोटे से प्रदेश में त्योहारों के मौसम ना होने के बावजूद १८२ सीटों के लिए चुनावों को दो चरणों में करने का फैसला ले लिया है| लेकिन सोनिया जी ने जो अब वहां खेत तैयार किया है उसकी फसल काटने के लिए आपके पास कोई कद्दावर कांग्रेसी तो है नहीं जाहिर है पिछली बार कि तरह आपकी फसल पकेगी जरूर मगर घात में लगा काट ले जाएगा|सोनिया जी को फिर २०१४ में दुबारा मेहनत करने आना पडेगा|

रसोई गैस के आठसे दस सिलेंडर ही मिल पाते हैं


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है ?हसाड़ी सोणी सरकार एक तरफ तो डीजल से कुछ कम करने और रसोई गैस सिलेंडरों की लिमिट कुछ बढाने को तैयार हो गई थी मगर ये ममता बेनर्जी ने तो सारा गुड गोबर ही कर दिया|खुले आम इतनी वड्डी सरकार को धमकी दे डाली हैं ऐसा भी होता है कभी|अरे भाई ममता माई को अगर हसाड़ी ऍफ़ डी आई की नीति नहीं भायी तो अपने प्रदेश में उसे लागू न करें इससे तो नहीं होने थी उनकी जग हसाईं|

झल्ला

मेरे चतुर सुजान जी आप लोगों के तरकश में रखे सारे तीरों की मार सबको पता चल चुकी है|इसीलिए अब ज्यादा चालाकी चलने वाली नहीं है|अब ध्यान दे कर सुनो मेरठ में गैस एजेंसियां एक महीने से पहले तो गैस बुक ही नहीं करती और बुकिंग के बाद भी डिलीवरी के लिए हफ्ता दस दिन से लेकर महीना लग जाता है|ऐसे में उपभोक्ता को मुश्किल से ८ से १० सिलेंडर ही मिल पाते हैं|मेरे विचार में यही हाल देश भर में भी होगाअब अगर आप कृपा करके छह से आठ सिलेंडर की डिलीवरी करा भी दोगे तो कौन सा और कहाँ का एहसान कर दोगे|और डीजल +पेट्रोल का इतिहास तो जग जाहिर है पहले बढाओ फिर थोड़ा सा कम कर दो|यानि रिंद के रिंद रहो और जन्नत भी हाथ ही में रहे|

सरकार असीम दाड़ी में उलझ कर रह गई है|


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कार्टूनिस्ट

देखा सच्चाई का कमाल |सरकार की नाक में हो गया है बवाल |हसाड़े कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को जेल से रिहा करने को हो रहे हैं बेहाल|इस सरकार ने अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर नकेल डालने का किया कुप्रयास लगाया झूटा देश द्रोह का आरोप जिससे तड़प कर असीम ने जमानत लेने से कर दिया है इनकार| इसीलिए सरकार का आगे होगा अभी इससे भी बुरा हाल|पोलिस ने रिमांड छोडी |हाई कोर्ट ने जेल छोड़ी अब सरकार अब दमन कारी सरकार का कौन होगा हवाल ?

झल्ला

कार्टून जी गल तो आप जी की ठीक ही लगती है सरकार ने तिनका निकालने के लिए असीम त्रिवेदी की लम्बी काली दाड़ी में घुसपैठ की अब तिनका तो सामने आया नहीं हाँ बेचारी सरकार जरुर असीम दाड़ी में उलझ कर रह गई है|वैसे इसे दूसरी राजनीति की भाषा में कह सकते है कि सांप[सरकार]के मुह में चचुंदर[कार्टूनिस्ट] फंस गया है क्यों ठीक है न ठीक ???

भ्रष्टों का कार्टून बनाना देशद्रोह है

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कार्टूनिस्ट

ओये झल्लेया ये क्या जुल्म हो रहा है|ओये हम अगर कहते हैं कि संसद से लेकर चिन्हों तक हसाड़े राष्ट्रीय प्रतीक निशानों का दुरूपयोग किया जा रहा हैतो हमें देश द्रोही करार दे कर जेल में डाल दिया जाता है|ये पालिटिकल पार्टियां इधर उधर से अपना पार्टी फंड बढाए जा रही हैं | पार्टी फंड दाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए लगातार आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं|
लोक तंत्र के सबसे बड़े मंदिर में पैसे लेकर सवाल पूछते हैं| अपनी हठधर्मी के चलते संसद के सत्र के सत्र बर्बाद कर रहे हैं|ओये अब तो ये सारे आपस में ही संवैधानिक संस्थाओं का चीर हरण करने पर तुल गए हैं| सुप्रीम कोर्ट+सी ऐ जी+पी एम्+
संसद सदस्यों का सभी अपने हित साधने के चक्कर में कार्टून बनाये जा रहे हैं| इन्हें कोई नहीं पूछता|अब देखो
ऐ डी आर नेशनल इलेक्शन वाच कि रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले सात सालों में ४६६२ करोड़ चंदे के रूप में पार्टियों को दिए गए हैं|
[१]कांग्रेस =२००८.७२ करोड़

[२]भाजपा=९९४.७७ करोड़ ]एशिया नेट टी वी
[३]बसपा= ४८४.२९ करोड़
[४]सीपीआईएम्=४१७.२६ करोड़ वेदांता पब्लिक & पालिटिकल एवेयर नेस सेंटर
[५]सपा=२७८.५६ करोड़
[६]एन सी पी १६०.८२ करोड़ भारती इलेक्टोरल ट्रस्ट आफ एयर टेल
नॅशनल कांफ्रेंस +टी एम् सी +इंडियन नेशनल लोक दल अपने खाते खोलने को तैयार नहीं हो रहे|
पार्टी फंड में दान करने वालों का पता है कौन कौन महारथी हैं अदानी एंटरप्राईज़ एवेय[ख]जिंदल स्टील
विडिओकोन
एशिया नेट टी वीटाटा इलेक्टोरल ट्रस्टटोरेंट पावर लिमिटेड [
आई टी सी+
स्टार लाईट इंडस्ट्रीज
आदित्य बिरला जनरल इलेक्शन ट्रस्टलिटिकल+

झल्ला

ओये कार्टूना गल ये है कि कांग्रेस का हाजमा मजबूत है इसी लिए पहले नंबर पर है|भाजपा को पञ्च सालों में ही जुलाब लग गए|बसपा से सपा इसीलिए पीछे है क्योंकि अभी चुनावों में खर्च हुआ है|अब एन सी पी को तो फिसड्डी रहना ही है क्योंकि इनके प्रफुल्ल जहाज़ उड़ाते उड़ाते खुद ही सबसे अमीर नेता बन गएऔर कमाल देख इनका नाम कैग में भी नहीं आया |बाकी ने तो अभी शुरुआत ही की है| वैसे यार इसपर भी कोई कार्टून मत बना देना वरना समझले चढ़ जाएगा सूली+फांसी+////////////////////////////////////

यूं पी में बेरोजगारी भत्ता वितरण शुरू


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सपाई नेता

ओये झल्लेया मानता है न हमारी पार्टी ने जो कहा था करके दिखा दिया| |हसाड़े यंग चीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव जी ने

बेरोजगारों को १०००/= बेरोजगारी का भत्ता देना शुरू कर दिया है|पहले दौर में प्रदेश के सात जिलों के साड़े दस हज़ार बेरोजगारों को लाभ मिलेगा|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप जी के यंगेस्ट चीफ मिनिस्टर ने जो कहा था वाकई उसे कर के दिखाना शुरू कर दिया है
लेकिन एक बात तो आप भी मानोगे कि एक तरफ किसानो कि जमीन छीन कर उन्हें बेरोजगार तो आप लोग ही बना रहे हो|टप्पल+नोयडा+ग्रेटर नोयडा
जैसे कितने ही इलाके अपनी जमीन के मुआवजे को रो रहे हैं |अब ऐसे बेरोजगारों को भत्ता देना आपका फर्ज़ तो बनता ही है ना

कई साक्षर आये और हिस्से के अक्षर ले कर निकल गए|


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक सपाई नेता

ओये झाल्लेया मुबारकां ओये हासाड़े यंग मुख्यमंत्री माननीय अखिलेश यादव ने एलान कर दिया है की अगले दस सालों में प्रदेश में किसी को निरक्षर नहीं रहने देंगे |ओये अखिलेश का साथ देने के लिए मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल और उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी भी दिल्ली से बाहर निकल आन्ध्र प्रदेश होते हुए अब यूं पी आ गए हैं|हुन तो हासाड़े प्रदेश के ६६ जिले साक्षर हो ही जायेंगे| उपराष्ट्रपति के आदेशानुसार अनपढ़ों को साक्षर बनाने के लिए हमारा समाज अहम भूमिका निभाएगा| कन्या विद्या धन योजना+ अल्पसंख्यक बालिकाओं के लिए सहायता यौजना + लैपटाप-टैबलेट वितरण आदि योजनाओं से भी साक्षरता को बढ़ावा दिया जाएगा| अब तो देश तरक्की की राह पर दोड़े ही दोड़े

झल्ला

मेरे भोले भाले यदुवंशी
| पिछले ढाई दशकों से ऐसे उदघाटन होते देख रहा हूँ | निरक्षरों को साक्षर बनाने को कई साक्षर आये और अपने हिस्से के अक्षर ले कर निकल गए|मेरठ में निरक्षरों की संख्या कम नहीं हुई|मुझे याद है की मेरठ के तत्कालीन डी एम् श्री तुलसी गौड़ ने भी यही दावा किया था मगर उनके जाने के बाद ना तो वो दावा दिखाई दिया और नहीं दावा करने वाला | इसीलिए कहता हूँ कि

जे माई दुर्गे कई आये ते कई तुर गए

विश्व शिक्षा दिवस पर रोज़गारपरक शिक्षा का संकल्प जरुरी

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक शिक्षाविद

ओये झल्लेया मुबारकां आज विश्व शिक्षा दिवस है|कुछ निकाल |कुछ दे |बच्चों के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है|आज कुछ ना कुछ योगदान तो होना ही चाहिए\

झल्ला

भोले मास्टर जी अभी आयकर के साथ २% शिक्षा कर दे रहा हूँ उसी के बोझ तले सरकार दबी जा रही है| सरकार उसी कलेक्शन को पूरी तरह से खर्च नहीं कर पा रही है|
आज भी एक तिहाई देश वासी निरक्षर कहे जा रहे हैं| बिना भवनों ने स्कूल चल रहे है |बिना शिक्षकों के बच्चे पड़ रहे हैं|मिड दे मील पर ठेकेदार पल रहे है|
शिक्षा का अधिकार दिला पाने में असमर्थ हमारे कर्णधार बेसिक शिक्षा की नीवं मजबूत किये बगैर उच्च [विदेशी]शिक्षा की मृग तृष्णा के पीछे भागे जा रहे हैं|नीतियाँ धडाधड बनाई जा रहे एही मगर उन्हें लागू करवाने में किसी की दिलचस्पी नहीं है| कंप्यूटर शिक्षण संसथान खोल कर कंप्यूटर शिक्षा देने के बजाय कोई मुफ्त में लेपटाप बांटने में लगा है तो कोई सरकार आने पर लेपटाप का झुनझुना दिखा रहा है|कोई टीचरों की राजनीती में ही फंसा है| शिक्षण संस्थानों में प्रवेश +परीक्षा को ही सुचारू नहीं किया सका है|विश्विद्यालयों में आये दिन बवाल हो रहे हैं|प्रवेश प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है|
नीति बना कर वाह वाही लूटने के दिन अब गए अब तो जो है पहले उससे रोज़गार परक शिक्षा दिला कर दिखाओ फिर जनता के द्वारे आओं

हसाड़ा सोणा मन मोह्णा बड़ा लिस्सा पी एम् है

झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी

ओये झाल्लेया ये क्या हो रहा है?ओये हसाड़े सोणे ते मन मोहणे पी एम् के करेक्टर की जिसे देखो चिंदी चिंदी उड़ाने में लगा है|
भाजपा ने संसद में तो संसद के बाहर अरविन्द केजरीवाल ने ऐसी की तैसी कर रखी है| पहले देश के बाहर थोड़ी बहुत साख थी मगर उस में भी अब रोजाना पलीता लगाया जा रहा है|
कोई फिसड्डी कह रहा है तो कोई दब्बू तो कोई कोई साइलेंट मोड कह कर भडास निकाल रहा है|लंगडी बत्तख से अब चोरों +भ्रष्टों=घोटाले बाजों का खामोश मुखिया तक कहा जाने लगा है ओये ये तो यार देश का भी अपमान है|

झल्ला

सेठ जी दरअसल हसाड़े ये सोणे ते मन मोहणे पी एम् बेचारे बड़े लिस्से[सीधे]बन्दे हैं और डादेयाँ[जोरावारों]का जमाना है|इसीलिए ऐरे गेरे भी भडास निकालने को पी एम् को चुन रहे हैं|
कहा भी गया है कि गरीब की जौरू सबकी भाभी हो|\
लेकिन हसाड़े पी एम् को घुट्टी में एक गुर मिला हुआ है| हमारे गुरुओं ने भी कहा है जो नीवां सो गौरा|
इसीलिए एक ना सौ सुख या एक चुप सौ सुख क्यों ठीक है न ठीक ???