Ad

Tag: झल्ले दी गल्ला

ड्राईविंग सीट पर बैठ कर कानून बनाने के बाद उसका कडाई से पालन कराने में अधिकाँश सरकारें बैक सीट पर आ जाती हैं| खैर इंटरनेशल वूमेन डे की बधाईयाँ


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

महिला उत्थान समिति की दुखी प्रेजिडेंट

ओये झल्लेया एक तरफ तो ये सोसायटी हमें देवी मानती है निर्भया कहती है | राष्ट्रीय संसद ने भी हमारे उत्थान के लिए २०१३-१४ के बजट में १००० करोड़ रुपयों का प्रावधान रख छोड़ा है| दायें बाएं से विदेशी इमदाद आती रहते है लेकिन कल संसद में पेश किये गए बलात्कार को हतोत्साहित करने वाले प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए सभी बिदक गए |ओये देश में लगातार रेप के केस का ग्राफ बढता जा रहा है और ऐसे में हमें शक्ति प्रदान करने के बजाये हमें सिर्फ बजट का पैसा दिखा कर खुश करने का प्रयास किया जा रहा है| इंटरनेशल वूमेन डे के एक दिन पहले हसाडे साथ ऐसा भद्दा मजाक और दूसरा नहीं हो सकता |

ड्राईविंग सीट पर बैठ कर कानून बनाने के बाद उसका कडाई से पालन कराने में अधिकाँश सरकारें बैक सीट पर आ जाती हैं| खैर इंटरनेशल वूमेन डे की बधाईयाँ

ड्राईविंग सीट पर बैठ कर कानून बनाने के बाद उसका कडाई से पालन कराने में अधिकाँश सरकारें बैक सीट पर आ जाती हैं| खैर इंटरनेशल वूमेन डे की बधाईयाँ

झल्ला

हाँ जी यह तो आप जी की बात सही लगती है लेकिन पतनाला तो वहीँ गिरना है|अब देखो बीते बजट में आप लोगों के उत्थान के लिए सरकारी खर्च में बीते खर्च में .०१% बड़ा कर ५.९% की व्यवस्था की गई थी इस वर्ष केन्द्रीय वित्त मंत्री पी चिदम्बरम [शायद अगली बार पी एम् ]ने १००० करोड़ रुपयों का प्रावधान रखा है|इसके अलावा सत्ता रुड यूं पी ऐ और विपक्षी एन डी ऐ ने अपने शीर्ष पदों पर महिलाओं को ही सुशोभित किया हुआ है|इस सबके बावजूद आप का रोना किसी न किसी अन्दर की बात की तरफ इशारा जरूर कर रहा है|झल्लेविचारानुसार एक हज़ार करोड़ के खर्चे की पोल तो पांच साल बाद कैग की रिपोर्ट में खुलेगी लेकिन अगर बलात्कार को हतोत्साहित करने वाला कानून बन गया तो उसकी पोल रोजाना खुलनी शुरू हो जायेगी|क्या कहा ऐसा क्यूं होगा तो इतिहास गवाह है के ड्राईविंग सीट पर बैठ कर कानून बनाने के बाद उसका कडाई से पालन कराने में अधिकाँश सरकारें बैक सीट पर आ जाती हैं| खैर इंटरनेशल वूमेन डे की बधाईयाँ

मणि शंकर जी कोडियों का खेल बड़ा विनाशकारी है: हस्तिनापुर आज तक हस्ती के लिए रो रहा है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी चिन्तक

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है?ओये डीजल पर ४५ पैसे क्या बड़े ये दायें और बाएं वाले हाय हल्ला करने लग गए और जो एल पी जी के सिलेंडरों को छह से बड़ा कर नों कर दिया है उसकी कोई बात नहीं करता |इसीलिए हसाड़े पुराने पेट्रोलियम मंत्री मणि शंकर अय्यर ने भी दो टूक कह ही दिया है कि जनता एक कोडी नहीं देना चाहती |एक कौड़ी बढ़ाते ही जनता तोरोने लगती है ओये हसाडी तो फितरत ही राज करने की है इन दायें बाये वालों के रोने से हमने नहीं बिदकना

मणि शंकर जी कोडियों का खेल बड़ा विनाशकारी है: हस्तिनापुर आज तक हस्ती के लिए रो रहा है

झल्ला

तो चतुर सुजाण जी गैस वितरकों ने कह दिया है कि पहले उनका साफ्टवेयर अप डेट होगा उसके बाद गैस देंगे |यानि गैस की भैंस अभी भी पानी में ही है और अब ये जो आपने कोडियों का खेल शुरू कर ही दिया है तो दोनों कान खोल कर सुन लो कि कोडियों का खेल बड़ा विनाशकारी होता है|कौरवों ने भी कोडियों का ही खेल खेला था बेशक कौरव पहले जीत गए थे मगर बाद में तो हस्तिनापुर आज तक हस्ती के लिए रो रहा है|

जनता बेचारी डीजल+पेट्रोल+बिजली और गैस को भूल कर शुद्ध पानी को भी तरसने लगेगीRevert To Traditional Source Of Energy


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाड़े सोणे मन मोहणे पी एम् डा कमाल |ओये रसोई गैस के एल पी जी सिलेंडरों की संख्या छह से बड़ा कर ९ कर दी है |ओये अब तो मध्यमवर्गीय महिलाओं की वोट भी समझो आगई हसाडी पॉकेट में|इसीलिए ये भाजपा वाले किल्स रहे हैं और इस जन हित की यौजना का भी विरोध करने लगे हैं|

झल्ला

इसके लिए तो बधाई लेकिन आधी ही स्वीकार करो क्योंकि डीजल के कीमतों को भी पहले से ही मुह फाड़े खडी तेल कंपनियों के हवाले कर दिया गया है |इन्होने पहला झटका ४५ पैसे बड़ा कर दे ही दिया है |अब ये तो आप भी मानोगे भारतीय रुपय्या की कीमंतों पर नियंत्रण करने के लिए भारतीय अर्थ शास्त्र कुछ ख़ास मन्त्र नहीं दे पा रहा है ऐसे में बाज़ार में रुपय्या कमजोर होगा तो डीजल +पेट्रोल+गैस+बिजली आदि ऊर्जाकी कीमतों में उबाल आयेगा ही|तेल उत्पादक के शेयर बढाने शुरूहो गए हैं +भाजपा को मुद्दा मिल गया है+एल ओ सी पर बड़े तनाव की तरफ से ध्यान डीजल +गैस

Revert Back To Old Natural Traditional Source Of Energy

पर आ गया है| इसके अलावा बड़ी कीमतों पर भी स्टेट टैक्स+सेन्ट्रल टैक्स आदि अनेको टैक्सेज वसूल कर आप लोगों की चांदी हो जायेगी और जनता बेचारी डीजल+पेट्रोल+बिजली और गैस को भूल कर शुद्ध पानी को भी तरसने लगेगी|हाँ आप लोगों को विकसित देशों से कोई तमगा जरूर मिल जाएगा |क्यों ठीक है न ठीक? वैसे झल्लेविचारानुसार नेचर बोले तो प्रक्रति के नज़दीक जाने में ही भलाई है शुरुआत के लिए रसोई में पेट्रो गैस के बजाय उपलों के उपयोग के लिए सदियों की रिसर्च का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए|

पाकिस्तान की जम्हूरियत को गधिगेड में डालने को हर कोई उबला जा रहा है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक पाकिस्तानी चिन्तक

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा हैओये हसाड़े पाकिस्तान में जब भी जम्हूरियत आती है तभी कोई ना कोई घरेड पे जाती है अब देखो न दशकों के बाद जम्हूरियत आई थी लेकिन ये कादरी औरकाले कोट वाले फौज को आगे लाने को आतुर हो रहे हैं| कनाडा की फिजाओं को छोड़ छाड़ कर मौलाना ताहिर उल कादरी अपने मार्च को लाहौर से लेकर इस्लामाबाद पहुंच गए हैं |इस मौलाना ने फौज और सुप्रीम कोर्ट की तारीफों के पुल बाँध दिए और जनता की चुनी हुई सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है|उधर सुप्रेम कोर्ट ने भी हसाड़े प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ को एक पुराने रेंटल पावर प्रोजेक्ट घोटाले के मामले में एरेस्ट किये जाने के आदेश दे दिए हैं|ओये ऐसे में जब हमारी जम्हूरियत की कब्र खोदने की कवायद चल रही है ऐसे वक्त में यार ये भारत वाले भी हमारे पीछे पड़ गए हैं|ओये हमारी डेमोक्रेसी का क्याहोगा ?

पाकिस्तान की जम्हूरियत को हर कोई गधिगेड में डालने को उबला जा रहा है

झल्ला

हाँ जी बात तो वाकई चिंताजनक है लेकिन यह भी सत्य है कि चुनी हुई सरकार के सामने कई तरह की घरेड डाली जाती रहती हैं|अब देखो हसाड़े सोणे इंडिया में लोक तंत्र भी आये दिन किसी न किसी गधिगेड में फंस ही जाता है| लेकिन ये खातिर जमीत रखो कि जब फक्कड साधू रूपी अन्ना बाबू राव हजारे जैसे ज्यादा चल नहीं पाए तो उनका अनुसरण करते हुए ये आपके कनाडाई मौलाना कब तक आन्दोलन को खैंच पाएंगे?और अगर खैंच पाए तो प्रेजिडेंट / पी एम् किसे बनायेंगे ? जनरल कयानी या फिर परवेज मुशर्रफ ?

भाषण के बीच में ही पैकअप की घंटी बजा कर क्या सोचा था जय ललिता बहुत खुशहोगी शाबाशी देंगी क्यों?


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक कांग्रेसी

ओये झल्लेया ये तमिल नाडू की मुख्य मंत्री जय ललिता के तेवर तो देखो | नॅशनल डेवलपमेंट कौंसिल की मीटिंग में पूरे राष्ट्र के विकास के लिए यौजनाएं बनाई जाती है और ऎसी महत्वपूर्ण मीटिंग से जयललिता ने भाषण के लिए कम समय दिए जाने का बहाना बना कर वाक् आउट कर दिया | केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली की आलोचना कर दी और नरेन्द्र मोदी के सुर में सुर मिला दिया | ठीक है इनकी पींगें आज कल एन डी ऐ से बढ रही हैं मगर देश के विकास को तो प्राथमिकता देनी ही चाहिए थी|ऐसे थोड़ी बीच में से ही महत्वपूर्ण बैठक को छोड़ा जाताहै |

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी आप लोगों को भली भांति मालूम है कि जयललिता नेता बनने से पहले फिल्म जगत की सुपर स्टार अभिनेत्री थी |इन्हें हो सकता है कि रीटेक की आदत हो | अब मीटिंग में आपने रिटेक की कोई व्यवस्था तो की नहीं उलटे दस मिनट में भाषण चलते हुए में ही पैकअप की घंटी बजा दी | आपने क्या सोचा था कि चलते भाषण के बीच में ही पैकअप की घंटी बजाने से सुपर स्टार खुश होंगी |बहुत शाबाशी मिलेगी? अरे सुपर स्टार को तो मूड बनाने में ही दस मिनट लग जाते हैं |अब आप के माननीय संसदीय कार्यों के राज्यमंत्री राजीव शुक्ला जी को ही लेलो इन्होने जब से सुपर स्टार रेखा को राज्य सभा की सदस्यता दिलाई है साए की तरह से रेखा को सम्मान देते हैं भवन के बाहर भी छोड़ने आते हैं और यहाँ आप लोगों ने उसीप्रदेश की मुख्य मंत्री बनी फ़िल्मी हस्ती जयललिता के मान +सम्मान+मर्यादा

C M Jaylalita Walked Out N D C

की घंटी बजा दी| अरे अगर ऐसा ही करना था तो सभी मुख्य मंत्रियो से भाषण मेल से मंगवा लेते मितव्यतता भी नहीं होती |