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स्टालिन के निवास सी बी आई द्वारा मारे गए छापे से प्रधान मंत्री ने सरकार को अलग किया

द्रविड मुनेत्र कषगम (डीएमके) द्वारा केंद्र से समर्थन वापिस लेने के तत्काल पश्चात ही पांच साल पुराने ड्यूटी कर की चोरी के मामले में नेता एम के स्टॉलिन के चेन्नई स्थित आवास पर मारे गए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के छापे से मचे बबाल पर सफाई आनी शुरू हो गई है|
प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार का इससे कोई लेना देना नहीं है और वह इससे खिन्न हैं।इससे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने भी सुबह अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है|
सीबीआई ने आज सुबह आयातित कार में टैक्स अदायगी के मामले में डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि के बेटे स्टॉलिन के घर पर छापा मारा था। डॉ. सिंह ने आज यहां संवाददाताओं से बातचीत में सरकार की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह इससे खिन्न हैं और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं हैं।उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। छापों का समय सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है।
गौरतलब है कि स्टॉलिन के यहां छापों को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की है। यहाँ तक कि भाजपा ने भी कहा है कि डीएमके के केंद्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार से समर्थन वापस लेने के एक ही दिन बाद यह छापे यह दर्शाते हैं कि सरकार अपने फायदे के लिए सीबीआई का दुरुपयोग कर रही है।

स्टालिन के निवास सी बी आई द्वारा मारे गए छापे से प्रधान मंत्री ने सरकार को अलग किया

स्टालिन के निवास सी बी आई द्वारा मारे गए छापे से प्रधान मंत्री ने सरकार को अलग किया


छापों को लेकर संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ+संचार मंत्री कपिल सिब्बल + सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने भी अपनी नाराजगी जताई है।
सीबीआई ने ने सफाई देते हुए गुरुवार को कहा कि ये कार्रवाई पूरी तरह से प्रक्रिया के अनुसार ही की गई है। सीबीआई ने कहा कि इसके पीछे किसी व्यक्ति विशेष को निशाना बनाने का मकसद नहीं था।राजनेताओं की ओर से इस कार्रवाई पर भारी हंगामा करने और रोष प्रकट करने के बाद सीबीआई टीम स्टालिन के आवास से चली गई और जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने यहां तक कहा कि टीम का आवास के भीतर जाने का इरादा नहीं था।
सीबीआई द्वारा दर्ज शिकायत में कहा गया है कि तमिलनाडु में 33 वाहन आयात किए गए, जिनमें से कुछ वाहनों को आयात करके बेच दिया गया जो कि आयात प्रावधानों का उल्लंघन है। इससे राजकोष को 48 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

मुलायम सिंह यादव के वेटिंग गेम के संकेत आते ही चेन्नई में स्टालिन के घर सी बी आई की चल रही रेड रोक दी गई

एम् करुणानिधि के बेटे स्टालिन के घर पर मारे जा रहे सीबीआई के छापे अचानक रोक दिए गए हैं| इसे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह को सरकार से सपोर्ट विड्रा करने से रोकने और पी चिदम्बरम का कद तमिल नाडू में बढाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है| सपा की चल रही संसदीय दल की मीटिंग से एक खबर आई कि मुलायम सिंह यादव ने श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा माफ़ी मांगने और बेनी प्रसाद वर्मा के विरुद्ध कार्य वाही के लिए कुछ समय माँगा है| इस खबर के तत्काल पश्चात खबर आई कि स्टालिन के विरुद्ध सी बी आई के छापे रोक दिए गए हैं| यह अपने आप में आश्चर्य जनक कदम है|
गौरतलब है कि पांच साल पुराने अवैध रूप से आयातित कार की ड्यूटी चोरी के मामले में स्टालिन के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की। ये छापा ऐसे वक्त में पड़ा है जब सरकार से समर्थन वापिस लिए डीएमके को दो दिन ही बीते हैं। सीबीआई ने स्टालिन के सेक्रेटरी के घर पर भी छापेमारी की है। स्टालिन के पिता एम् करुणानिधि १८ सांसदों वाली डी एम् के के सुप्रीमो हैं|

मुलायम सिंह यादव के वेटिंग गेम के संकेत आते ही चेन्नई में स्टालिन के घर सी बी आई की चल रही रेड रोक दी गई

मुलायम सिंह यादव के वेटिंग गेम के संकेत आते ही चेन्नई में स्टालिन के घर सी बी आई की चल रही रेड रोक दी गई


बताया जा रहा है कि डीआरआई ने सीबीआई से विदेशी कार आयात के मामले में ड्यूटी टैक्स चोरी की शिकायत की थी। इसके बाद सीबीआई ने 20 करोड़ रुपये के अवैध कार आयात मामले में स्टालिन के घर छापेमारी की। अब कहा जा रहा है कि स्टॅलिन का नाम ऍफ़ ई आर में दर्ज़ नहीं है|
स्टालिन, करुणानिधि के परिवार के तीसरे सदस्य हैं जिससे सीबीआई पूछताछ कर रही है। इससे पहले 2011 में उनकी मां दयालु अम्मल और बहन कनीमोझी से पूछताछ की गई थी।
बहरहाल, करुणानिधि के बेटे स्टालिन के घर सीबीआई छापे और उन्हें अचानक रोके जाने से फिर सवाल उठ रहे हैं|[१] क्या स्टॅलिन ने सरकार से समर्थन वापसी की कीमत चुकाई हैक्योंकि विदेशी कार आयात का ये मामला 5 साल पुराना है। तो सीबीआई अब तक चुप क्यों रही। जब तक डीएमके का साथ मिलता रहा, सीबीआई चुप रही,लेकिन डीएमके के समर्थन वापस लेते ही सीबीआई स्टालिन के घऱ पहुंच गई। कहा गया है कि एमके स्टालिन के पुत्र उदयनिधि इस अवैध विदेशी कार का उपयोग करते हैं और सीबीआइ पूरे मामले की जांच करने में जुटी है।
[२]पुरानी कहावत है कि अगर बहु [पुत्र वधु] को डांटना हो तो बेटी को सुनाया जाता है|कमोबेश सी बी आई की इस तरह से डी एम् के विरोधी कार्यवाही से मुलायम सिंह यादव को सन्देश दिया गया है|
[३] सपा द्वारा वेटिंग गेम का संकेत देते ही सी बी ई की कार्य वही क्यों रोक दी गई|
[४] वित्त मंत्री पी चिदम्बरम द्वारा सी बी आई कि इस छापे मारी पर असंतोष व्यक्त करते ही छापे मारी रोकी गई|इसे चिदम्बरम के अपने होम स्टेट तमिल नाडू में कद बढाने के कदम के रूप में देखा जा रहा है
[५]भाजपा प्रकाश जावडेकर और सपा के नरेश अग्रावाल ने संसद में इस मुद्दे उठाने का संकेत दिया है|बेशक सरकार की छवि कुछ प्रभावित हुई है लेकिन सरकार का संभावित राजनितिक उद्देश्य पूरा हो गया है|सपा ने सरकर से अपना समर्थन वापिस लेने में जल्द बाजी को त्याग कर वेटिंग गेम का एलान कर दिया है|

ऍफ़ डी आई पर चर्चा के लिए सरकार ने नियम १९३ की जिद छोडी :किसी भी नियम में चर्चा को तैयार

संसद के शीत कालीन सत्र के चार महत्वपूर्ण दिन[छह करोड़ रुपय्ये] बर्बाद होने के उपरान्त केंद्र सरकार ऍफ़ डी आई पर नियम १९३ के तहत चर्चा कराने की अपनी जिद छोड़ कर किसी भी धारा में चर्चा कराने को राजी हो गई है| रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर विपक्ष के विरोध का सामना कर रही केंद्र सरकार ने आज मंगलवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर संसद में किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने के लिए तैयार है, लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ही लेंगी.
यूपीए की समन्वय समिति की आज मंगलवार को हुई बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा, “केंद्र सरकार किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने के खिलाफ नहीं है. हम मतदान को लेकर चिंतित नहीं हैं.”
खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों के हंगामे के कारण मंगलवार को लगातार चौथे दिन संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही बाधित हुई. इसी के मद्देनजर यूपीए की समन्वय समिति की बैठक बुलाई गई थी|
श्री कमलनाथ ने कहा, “बैठक में शामिल अत्यधिक सदस्यों ने किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने का समर्थन किया. इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को अवगत कराऊंगा. इस पर फैसला वही करेंगी.”
बीजेपी और वामपंथी दल इस मुद्दे पर वोटिंग के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं, हालांकि दूसरे दल सिर्फ इस पर बहस की मांग कर रहे हैं और वे बहस के हक में नहीं हैं|बीते दिन स्वास्थ्य मंत्री ग़ुलाम नबी आजाद की डी एम् के के करूणानिधि से हुई मुलाकात के बाद सरकार अपने यूं पी ऐ को एक जुट रखने में सक्षम दिख रही है तभी वोटिंग करने के लिए राजी हो गई लगती है|

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