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Tag: डॉल्फिन रिसर्च सेंटर

पर्यावरण सरंक्षण में महत्व पूर्ण भूमिका निभाने वाली डॉल्फिन की सुरक्षा के लिए बिहार में रिसर्च सेंटर बनेगा

[पटना] पर्यावरण सरंक्षण में महत्व पूर्ण भूमिका निभाने वाली डॉल्फिन की सुरक्षा के लिए मनाये गए डॉल्फिन दिवस में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस महत्वपूर्ण जीव की सुरक्षा के लिए राज्य में डॉल्फिन रिसर्च सेंटर स्थापित करने की घोषणा की। शनिवार को रविंद्र भवन पटना में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य मंत्री ने कहा कि डॉल्फिन की रक्षा के लिए इसे जलजीव घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री से अनुरोध एवं सुझाव देकर डॉल्फिन को राजकीय जलजीव घोषित कराया गया है।
गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष पांच अक्टूबर को डॉल्फिन दिवस के रूप मनाया जाता है। वन एवं पर्यावरण विभाग ने पिछले वर्ष से डॉल्फिन दिवस मनाये जाने की अच्छी शुरुआत की है |डॉल्फिन की संख्या घटती जा रही है। गंगा नदी में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और डॉल्फिन की संख्या घटती जा रही है।
मुख्यमंत्री ने गंगा नदी में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की और जनता से गंगा को प्रदूषण से बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शहर का गंदा पानी नालियों से गंगा नदी में जा रहा है। गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए गंगा रिवर बेसिन ऑथोरिटी का गठन किया गया है। गंगा नदी के तटवर्ती राज्यों को इसमें शामिल किया गया है। डॉल्फिन को राज्यस्तरीय जलजीव घोषित करने के लिए प्रो. आरके सिन्हा ने अभियान चलाया। डॉल्फिन पर हो रहे कार्य का श्रेय उन्हें जाता है।वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने ,डालफिन रेस्क्यू की नयी कहानी लिखी है। मछुआरा समाज के संयोग के बिना डॉल्फिन की सुरक्षा संभव नहीं |
वर्तमान में राज्य में 11 सेंचुरी और एक नेशनल पार्क है। डॉल्फिन की आधी आबादी बिहार के पास है। अपर मुख्य वन संरक्षण डीके शुक्ला ने धन्यवाद दिया | एसएस चौधरी, प्रो आरके सिन्हा, प्रो. सुनील कुमार चौधरी, प्रदूषण परिषद के अध्यक्ष प्रो. सुभाष चन्द्र सिंह, सचिव अतीश चन्द्रा, विशेष कार्य पदाधिकार गोपाल सिंह सहित अनेकों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।फोटो कैप्शन
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