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Tag: ताल कटोरा में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय सम्मलेन

वयोवृद्ध लाल कृष्ण अडवाणी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढाया

[दिल्ली]भाजपा के पी एम् इन वेटिंग वयोवृद्ध लाल कृष्ण अडवाणी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढाया और मीडिया में पार्टी विरोधी ब्यान देने से बचने की सलाह दी|श्री अडवानी ताल कटोरा में आयोजित पार्टी के राष्ट्रीय सम्मलेन में समापन भाषण दे रहे थे |उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि पार्टी नेता मीडिया का कैमरा और माईक देखते ही बोलने लगते हैं और पार्टी विरोधी ब्यान देने लगते हैं |इससे उन्हें बेशक थोड़ी देर के लिए पब्लिसिटी मिल जाती है मगर यह अनुशासन हीनता की श्रेणी मे आता है|इसीलिए इस अनुशासन हीनता को गंभीरता से लिया जाना चाहिए|उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोई आपत्ति है या शिकायत है तो वह पार्टी चैनल को एप्रोच कर सकता है|

 वयोवृद्ध लाल कृष्ण अडवाणी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढाया

वयोवृद्ध लाल कृष्ण अडवाणी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढाया


अनुशासन का पाठ पढाते हुए उन्होंने कहा कि एक समय श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय के काल में अनुशासन भंग करने पर आठ विद्रोही [जो लगभग पचास प्रतिशत थे ] विधायकों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की गई थी |उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राज नाथ सिंह से भीआग्रह किया कि इस विषय में गंभीरता बरती जाए |इससे पूर्व पार्टी अध्यक्ष नेभी पार्टी अनुशासन को बनाये रखने पर जोर दिया था|
इस अवसर पर उन्होंने अपने समापन भाषण में हास्य का पुट भरते हुए लोक सभा में पार्टी नेत्री श्रीमती सुषमा स्वराज की तारीफ भी कर गये उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपई के बाद अब श्रीमती सुषमा के भाषण से मुझे[अडवाणी]काम्प्लेक्स हो रहा है| सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में सभी बातें कह दी हैं और इससे अच्छा समापन भाषण नहीं हो सकता | इनके [सुषमा]के बोलने के बाद मुझे[अडवाणी]बोलने की जरुरत नहीं थी |उन्होंने अपनी पार्टी के प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद की चुटकी लेते हुए कहा कि में कभी अटल बिहारी वाजपई के बाद बोलने की हिम्मत नहीं कर सका और आज सुषमा स्वराज ने अटल जी की वाक्पटुता का परिचय देकर मुझ में [अडवाणी]काम्प्लेक्स पैदा कर दिया है अब सुषमा स्वराज के बाद समापन भाषण की जरुरत नहीं थी ।अब देखो सुषमा जी के बाद रवि शंकर प्रसाद बोले अच्छा बोले मगर कोई सुनने को तैयार नहीं था |यह सुन कर सभी हंस पड़े