सदी के खलनायक और प्राण या एंड प्राण ने मुंबई के लीलावती अस्पताल में अंतिम सांस ले कर फ़िल्मी अदायगी के एक सुनहरे युग को इतिहास बना दिया|
और प्राण या एंड प्राण की हालत अस्वस्थ होने के कारण उन्हें बीते सप्ताह मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती करवाया गया था । और प्राण ने लगभग चार सौ फिल्मों में काम किया है। बेवकूफ+ हलाकू +खानदान+औरत+बड़ी बहन+जिस देश में गंगा बहती है+हाफ टिकट+ शहीद+उपकार+पूरब और पश्चिम’+ गुमनाम+ कश्मीर की कली+एन इवनिंग इन पेरिस+ कब क्यूं और कहाँ+राजा और राना+विक्टोरिया २०३ +साधू और शैतान + ‘डॉन’ + दस लाख+जंजीर’+ बोबी +यमला जट्ट[पंजाबी] आदि प्रमुख है | ९३ साल के एंड प्राण को सांस लेने में दिक्कत आ रही थी जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया|इससे पूर्व भी कई बार उन्हें तकलीफ हो चुकी थी बीते साल के नवम्बर में तो उनके स्वर्गवास की खबर भी आ गई थी |
उन्होंने खलनायक+कामेडियन या चरित्र रोल में अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीता।
अप्रैल में हीरो से विलेन और फिर चरित्र अभिनेता के रूप में हिंदी सिनेमा पर लगातार ५ दशक तक राज करने वाले एंड प्राण को दादा साहेब फाल्के एवार्ड देने स्वयम केन्द्रीय मंत्री मनीष तिवारी उनके निवास पर गए |
इससे पूर्व 1998 में फिल्मों से रिटायर हो चुके एंड प्राण को 2001 में ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित किया जा चुका है.
खलनायकी का रोल ऐडा करते करते फ़िल्मी पर्दे पर घृणा पात्र के प्रतीक बन गए| उन्होंने चरित्र अभिनेता के रूप में भी अपनी जबर्दस्त छाप छोड़ी. उपकार में उनके मंगल चाचा के किरदार ने दर्शकों का दिल जीत लिया. इसी तरह जंजीर कठोर लेकिन दयालु पठान के रूप आज भी लोग उन्हें भुला नहीं पाए हैं.
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