प्रधान मंत्री की अपील और लोक सभा स्पीकर की सर्वदलीय मीटिंग के बावजूद आज १५ वी लोक सभा के शीत कालीन सत्र का पहला दिन हंगामे के भेंट चढ़ गया |१९८४ के सिख विरोधी दंगे+पृथक तेलंगाना गठन +पूर्वोत्तर छात्र नीडो की हत्या +अगस्ता हेलीकाप्टर आदि के मुद्दो को लेकर शोर होता रहा जिसके फलस्वरूप दोनों सभाओं को १२ बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया| , इसके पश्चात राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई|
आज प्रातः प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने में विपक्ष से सहयोग देने और तेलंगाना मुद्दे पर सीमांध्र के सदस्यों से पूर्वाग्रह त्यागने की अपील की और कहा कि सभी पक्ष विवेक दिखाकर सदन में सहज काम-काज के लिए ऐसा साजगार माहौल बनाएं कि इसे ऐतिहासिक सत्र के रूप में याद किया जायेगा।
डॉ मन मोहन सिंह ने कहा “जैसा कि आपने कहा है, यह सम्भवत: इस संसद का अंतिम सत्र है, और यह मेरी सदन के सभी वर्गों से हार्दिक अपील है कि वे ऐसा माहौल पैदा करें, जिससे इस अधिवेशन को इतिहास में ऐतिहासिक सत्र के तौर पर दर्ज किया जाए। हमने संसद के अनुमोदन के लिए एक महत्वपूर्ण कानून का मसौदा तैयार कर लिया है, और यह मेरी हार्दिक इच्छा है कि संसद ऐसा माहौल बनाए कि इस सदन के सभी वर्ग इस विधेयक को पास करने के लिए मिलकर काम कर सकें।मुझे उम्मीद है कि इस सदन के सभी वर्ग अपने पूर्वाग्रहों को एक तरफ रखकर ऐसा माहौल पैदा करेंगे, जो सदन के काम करने के अनुकूल होगा।”
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। सरकार की मंशा है कि वित्त विधेयकों के साथ-साथ भ्रष्टाचार निरोधी विधेयक पारित कर दिए जाएं। उन विधेयकों के सामने बड़ा अवरोध नहीं है।लेकिन ये सभी प्रयास आज निष्प्रभावी साबित हुए|सरकार के प्रति सरकार में शामिल पार्टियों में भी अविश्वास और आक्रोश दिखाई दिया
लोकसभा में अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इसके पश्चात उन्होंने प्रश्नकाल शुरू किया और सदन में हंगामा शुरू हो गया।बार बार अपील करने पर भी जब हंगामा शांत नहीं हुआ तो उन्होंने सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया।
संसद के बाहर भी तेलंगाना समर्थक और विरोधी आपस में लड़ते दिखाई दिए
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