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Tag: पार्लियामेंट

भाजपा सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने रिपोर्ट कार्ड पेश किया , काश मेरठ के विधायक गण भी ऐसी पहल कर देते


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक भाजपाई चीयर लीडर

ओये झाल्लेया देखा हसाड़े माननीय सांसद राजेंद्र अग्रवाल जी का कमाल |ओये २६६ दिन चली संसद में २६२ हाज़रियों का रिकार्ड बना डाला \२२ विभागों से जुड़े १३२ सवाल बिना कुछ लिए, दिए उठाये|देखा हसाड़े सांसद जी मेरठ और हापुड़ की जनता की कसौटी पर खरे उतरे या नहीं| हसाडी सोनी भाजपा की सरकर २०१४ में आये की नहीं | बोल बोल कुछ तो मुह खोल|

झल्ला

हाँ जी आपजी के सांसद महोदय ने अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड अपने कार्यकर्ताओं के समक्ष कल रख कर एक मिसाल कायम की है लेकिन एक गल तो आप भी मानोगे के इस रिपोर्ट कार्ड का विमोचन करने के लिए आप जी के प्रदेश अध्यक्ष जो खुद भी मेरठ से विधायक हैं और अपनी उपस्थिति दर्ज़ करने के लिए आये दो एन्य विधायक गण[सत्याप्रकाश अग्रवाल+रविन्द्र भडाना ]भी अगर ऐसी कोई पहल की घोषणा ही कर देते तो ज्यादा अच्छा लगता क्यूं ठीक हैं ना ठीक ?

हवाई यात्राओं की सुरक्षा के लिए ५७%स्टाफ की कमी: Shortage Of 57%Staff In Civil Aviation Govt.Accepted In Parliament

CivilAviation Minister Ch.Ajit Singh

नागरिक उड्डयन छेत्र में सुरक्षा के लिए उत्तरदाई डी जी सी ऐ में ५७%स्टाफ की कमी है|यह स्वीकारोक्ति केंद्र सरकार द्वारा संसद में की गई है| पार्लियामेंट में बताया गया है कि ९२४ अधिकृत पोस्ट पर वर्तमान में केवल ५२८ पोस्ट पर ही तैनाती है|इसीलिए यह कहना उचित ही होगा कि नौकरियां देने का दावा करने वाली सरकार के अपने विभाग में ही आधे से ज्यादा पद खाली हैं|यह केवल पद , नौकरी या सरकार की विश्वसनीयता की ही बात नहीं है वरन एयर ट्रैफिक की सुरक्षा पर भी प्रश्न चिन्ह लगाती है|
गौरतलब है कि डी जी सी ऐ के कन्धों पर राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट की जिम्मेदारी भी है| लेकिन सिविल एविएशन राज्य मंत्री वेणु गोपाल [के सी]ने राज्य सभा में यह कह कर छुट्टी पा ली कि भर्ती की प्रक्रिया निर्धारित नियमों के अंतर्गत की जाती है|आश्चर्यजनक रूप से यह भी बताया गया कि वर्ष २००९ में ग्रुप ऐ के लिए ४२७ और बी & सी के लिए ४८ पोस्ट क्रियेट की गई थी मगर ये पोस्ट एक दम नई होने के कारण इनकी भर्ती के लिए कोई नियम कानून नहीं है| इस सब के बावजूद भी खाली पदों पर न्युक्ति की प्रक्रिया जारी है|
व्यवस्थापक स्वयम ही अभावों में जी रहा है ऐसे में दूसरे निजी विमानन कंपनियों में चल रहे जायज़ नाजायज़ की खोज और जांच वह कैसे रख पायेगा |विमानों के आपस में टकराने,चिंताजनक नद्जीक आने ,आपातकालीन स्थिति में फ़ोर्स लेंडिंग,स्टाफ के वेतन,बोनस,ट्रेनिग,और अन्य अनेकों समस्यायों के प्रति सरकारी उदासीनता जग जाहिर है|हड़ताल से लौटे स्टाफ की नियुक्ति या वेतन सम्बन्धी कार्यवाही हो, एयर पोर्ट से ऐ टी ऍफ़ के स्टोरेज टैंक हटवाने हों या क़र्ज़ की वसूली के मामले हों,विदेशी निवेशकों की रूचि यहाँ तक कि नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह के गृह मंडल में एयर पोर्ट के विस्तार की यौजना में केवल बयाँ बाज़ी ही हो रही है|हाँ एक अपवाद जरूर है चौधरी अजित सिंह ने एयर पोर्ट के नज़दीक होने वाले निर्माण [ऊँचाई] के लिए ऐ ऐ आई की परमिशन को गैर जरूरी घोषित कर दिया है मगर इससे डी जी सी ऐ की कार्यप्रणाली सुधरेगी इस पर बहस की जा सकती है|

ऍफ़ डी आई पर चर्चा के दौरान लोक सभा के इतिहास में दर्ज़ कुछ नए रोचक पन्ने

रिटेल में ऍफ़ डी आई के लिए लोक सभा में हुई बहस में सभी जीत गए |किसी की तकनीकी जीत हुई तो किसी ने नैतिक जीत का दावा किया|किसी ने वोटिंग से भाग कर अपनी जीत दर्ज़ कराई तो किसी ने बहस में विरोध करने पर भी वोट दूसरे पक्ष को दे दिया|इन सबके बावजूद वोटिंग हुआ और ऍफ़ डी आई के लिए भारतीय खुदरा बाज़ार खुल गया|वैसे अभी राज्य सभा में भी वोटिंग होनी बाकी है मगर वोह बेचारे तो इन डायरेक्टली चुने गए हैं जबकि डायरेक्ट चुने गए प्रतिनिधियों ने अपना फ़ैसला सुना दिया है ऐसे में राज्यसभा के मतदान का रुख और महत्त्व समझा जा सकता है| संसदीय इतिहास के लिए और भी अनेकों रोचक पन्ने तैयार हुए|
[१]संसद में जहां सपा और बसपा की केंद्र सरकार के साथ नूरा कुश्ती के द्रश्य दिखाई दिए तो कुछ राज्यों के विभिन्न दलों के सांसदों में वास्तविक नौंक झौंक भी हुई|इनकी प्रदेशिक अदावत खुल कर संसद में आ गई|
[ऐ] शिरोमणि अकाली दल की एच एस कौर और उनके राज्य में प्रतिद्वंदी के बीच न केवल गरमा ग्राम बहस हुई वरन दोनों ने एक दूसरे पर व्यतिगत आरोप भी मड दिए|
[बी]महाराष्ट्र की एन सी पी के प्रफुल्ल पटेल और शिव सेना के नीत की आपस में ही गरमागरम बहस हुई | शिव सेना ने सरकार में शामिल एन सी पी को चेतावनी देते हुए कहा की आप लोग दिल्ली में ऍफ़ डी आई का स्वागत कीजिये शिव सेना महाराष्ट्र में वालमार्ट को नहीं आने देगी|
[2]

शेरोशायरी

पहले तो बजट सेशन में ही शेरो शायरी का आनंद लुटाया जाता था मगर इस बहस में एक दूसरे को निशाना बनाने वाले शेर पड़े गए
[अ]

आर जे डी के लालू प्रसाद यादव ने विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज को संबोधित करते हुए कहा

मोहब्बत में तुम्हें आंसू बहाना नहीं आता |बनारस में आकर बनारस का पान खाना नहीं आता ||
[आ

]इसके जवाब में श्रीमती स्वराज ने कहा

आपको गांठे खोलना नही आता|और मसखरी के अलावा कुछ बोलना नहीं आता||
[इ]इसके अलावा

श्रीमती स्वराज ने केंद्र सरकार को निशाना बनांते हुए कहा

तारीख की आँखों ने वोह हाल भी देखा है|लम्हों ने खता की थी सदियों ने सजा पाई|
[ई]

शरद यादव

ने कथनी और करनी में भेद रखने वाले दलों पर निशाना साधते हुए कहा
समर शेष है,नहीं पाप का भागी केवल व्याध|जो तठस्थ है समय लिखेगा उनका भी इतिहास |
[३]

मसखरापण

लालू प्रसाद यादव ने अपने मसखरे अंदाज़ में भाजपाईयों पर कटाक्ष किये उन्होंने भाजपाईयों के ट्वीटर प्रेम+विदेशी घड़ी+रेल में कूपे में सफर आदि के प्रेम पर चुटकी ली |इससे पहले उन्होंने विपक्ष की तरफ इशारा करके उन्हें फूहड़ और भाजपा को जम्हूरा कह डाला|इस पर समूचे एन डी ऐ ने लालू को हूट आउट करके बिना बोले बैठने पर विवश कर दिया बाद में लालू ने माफी माँगी और अपना भाषण पडा
[४] साउथ के एक और सांसद ने अपनी विशिष्ठ भाषा शैली में कपिल सिब्बल पर लायर और लाईयर [झूठा और वकील]के शब्द जाल दाल कर मजाक उड़ाया
[५]लालू प्रसाद यादव ने एयर होयेस्तेस के लिए और एयर होस्टेज शब्द का प्रयोग कर डाला |विमान परिचालिका के लिए विमान बंधक का प्रयोग कर डाला

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ऍफ़ डी आई पर चर्चा के लिए सरकार ने नियम १९३ की जिद छोडी :किसी भी नियम में चर्चा को तैयार

संसद के शीत कालीन सत्र के चार महत्वपूर्ण दिन[छह करोड़ रुपय्ये] बर्बाद होने के उपरान्त केंद्र सरकार ऍफ़ डी आई पर नियम १९३ के तहत चर्चा कराने की अपनी जिद छोड़ कर किसी भी धारा में चर्चा कराने को राजी हो गई है| रिटेल में एफडीआई के मुद्दे पर विपक्ष के विरोध का सामना कर रही केंद्र सरकार ने आज मंगलवार को कहा कि वह इस मुद्दे पर संसद में किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने के लिए तैयार है, लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ही लेंगी.
यूपीए की समन्वय समिति की आज मंगलवार को हुई बैठक के बाद केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा, “केंद्र सरकार किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने के खिलाफ नहीं है. हम मतदान को लेकर चिंतित नहीं हैं.”
खुदरा क्षेत्र में एफडीआई को अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ विपक्षी दलों के हंगामे के कारण मंगलवार को लगातार चौथे दिन संसद के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही बाधित हुई. इसी के मद्देनजर यूपीए की समन्वय समिति की बैठक बुलाई गई थी|
श्री कमलनाथ ने कहा, “बैठक में शामिल अत्यधिक सदस्यों ने किसी भी नियम के तहत चर्चा कराए जाने का समर्थन किया. इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष को अवगत कराऊंगा. इस पर फैसला वही करेंगी.”
बीजेपी और वामपंथी दल इस मुद्दे पर वोटिंग के प्रावधान वाले नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं, हालांकि दूसरे दल सिर्फ इस पर बहस की मांग कर रहे हैं और वे बहस के हक में नहीं हैं|बीते दिन स्वास्थ्य मंत्री ग़ुलाम नबी आजाद की डी एम् के के करूणानिधि से हुई मुलाकात के बाद सरकार अपने यूं पी ऐ को एक जुट रखने में सक्षम दिख रही है तभी वोटिंग करने के लिए राजी हो गई लगती है|

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