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प्रगाश रॉकबैंड की कन्या कलाकारों ने संगीत की दुनिया को धार्मिक दबाब में अलविदा कह ही दिया

प्रगाश रॉक बैंड की दसवीं कक्षा की तीनों कन्या कलाकारों ने संगीत की दुनिया को अलविदा कह दिया है ।काश्मीरी टेलेंट को दफन करने का यह तालिबानी फरमान है। इसकेलिए जारी फतवे पर केंद्र सरकार के वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने भी टिपण्णी करने से इनकार कर दिया है।इन बच्चियों ने प्रगाश से उजाले की जो किरण दिखाई थी वह इनके पीछे हट जाने से फिर से अँधेरे की और चल पड़ी है।जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती बशरुद्दीन अहमद ने लड़कियों के इस रॉकबैंड को गैर इस्लामिक करार देते हुए इसके खिलाफ फतवा जारी किया था|.
P T I के मुताबिक ‘प्रगाश’ रॉक बैंड की तीनों लड़कियों ने संगीत को अलविदा कहने का मन बना लिया है.
तीनों कन्या कलाकारों ने संभवत नोमा नजीर, ड्रमर फराह दीबा और गिटारिस्ट अनिका खालिद ने खुद इस विवाद से बचने के लिए संगीत छोड़ने का मन बना लिया है. जबकि मुख्‍यमंत्री उमर अब्दुल्ला उनके समर्थन में ट्वीट कर चुके हैं. यही नहीं, रॉक बैंड की लड़कियों के खिलाफ फतवा जारी करने को बीजेपी, कांग्रेस और पीडीपी जैसी पार्टियों ने ब्यान जारी करके गलत बताया है.हालांकि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड हो या फिर धर्मगरु ये सभी रॉकबैंड को मजहब के खिलाफ मानते हैं. कश्मीर की लड़कियों का यह पहला रॉक बैंड”प्रगाश कट्टर पंथियों को अरसे से रास नहीं आ रहा हैथा| बेशक इस रॉक बैंड को काफी समर्थन मिल रहा है परन्तु कट्टरपंथी इस रॉक बैंड के सुरों को बंद कराने के लिए सोशल साईट से लेकर फतवे तक जारी कराने लग गए |वरिष्ठ धार्मिक गुरु .मुफ्ती बशरुद्दीन अहमद ने तो इसे गैर-इस्लामी करार देते हुए रॉक बैंड के खिलाफ फतवा तक जारी भी कर दिया है.| मुफ़्ती का कहना है कि इस प्रकार के खुले पन से बलात्कार की घटनाएँ बढ रही है| लड़कियों को खुले में गाने के बजाये घर में ही रहना चाहिए और बुर्के का प्रयोग किया जाना चाहिए| प्रगतिशील कहे जा रहे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का समर्थन बैंड को हासिल है.उन्होंने कहा था कि, पुलिस इस मामले की जांच करेगी और धमकी देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कुछ सिरफिरे लोगों की वजह से टैलेंटेड आवाज दबने नहीं दी जाएगी|
लड़कियों का ये रॉक बैंड पहली बार तब चर्चा में आया जब पिछले साल दिसंबर महीने में उन्होंने सालाना ‘बैटल ऑफ द बैंड्स’ प्रतियोगिता में अपना शो किया. इसके बाद इस बैंड के फैन्स की तादाद भी बढ़ने लगी है |नोमा भट्ट, फराह डीबा और अनीका खालिद ने पिछले साल जनवरी में “प्रगाश” नाम से यह रॉक बैंड बनाया था। प्रगाश का मतलब होता है “अंधेरे से उजाले की ओर”। कश्मीर में लडकियों का यह पहला और अकेला रॉकबैंड है। पिछले साल दिसंबर में बैंड ने श्रीनगर में हुए म्यूजिक फेस्टिवल में लाइव दी थी। आज कल उदार वादी कहे जा रहे अनेको सामाजिक और राजनीतिक संगठन विचारों की अभिव्यक्ति के लिए आवाज़ उठाते आ रहे हैं |कमल हासन की विश्वरूपम नवीनतम उदहारण है लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस उजाले के प्रति सभी की केवल ब्यान बाजी कुछ परेशान करने वाली जरूर है|यह दुर्भाग्यपूर्ण है |