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Tag: भगत श्री नीरज मणि ऋषि

परमात्मा के अवतरण से सांसारिक बेड़ियों से मुक्ति= भगत श्री नीरज मणि ऋषि

विषय -परमात्मा का अवतरण सांसारिक मोह -माया की बेड़ियों से मुक्ति

जब श्री कृष्ण भगवान् का जन्म हुआ तो उस समय वासुदेव जी की सारी बेड़ियाँ टूट गईं, जेल के सारे दरवाजे खुल गए और वे बंधनमुक्त
हो गए. इसी प्रकार जब हमें परमात्मा और संतों की संरक्षता एवं समीपता प्राप्त होती है तो हमारी भक्ति परवान चढ़ती है और हमारी
आत्मा निर्बंध हो जाती है और संसार के मोह-माया के बन्धनों से मुक्त हो जाती है.
हमारे जीवन का उद्देश्य भगवत प्राप्ति है. संत हमें समझाते हैं कि हाथों से जगत के कार्य करो और मन से प्रभु की भक्ति करो. परमात्मा से दूर जाकर तो दुःख मिल सकता हैं परन्तु परमात्मा की संरक्षता एवं संतों के सानिध्य में रहकर कोई कमी नहीं आती. साधना करने में जो
साधन भक्तों के पास हैं उनकी प्रभु रक्षा करते हैं तथा जो साधन भक्तों के पास नहीं हैं उनका प्रबंध करते हैं. प्रभु की अपने भक्तों के
लिए ऐसी प्रतिज्ञा है .
कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर श्री रामशरणम् आश्रम गुरुकुल डोरली , मेरठ में]

भगत श्री नीरज मणि ऋषि
जी द्वारा दिए गए प्रवचन का एक अंश
प्रेषक: श्री रामशरणम् आश्रम गुरुकुल डोरली , मेरठ
file photos .