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Tag: भाजपा

संसद बजट के बजाए राहुल पर भिडी; कल तक के लिए स्थगित

(नई दिल्ली) संसद ,बजट के बजाए राहुल पर भिडी; कल तक के लिए स्थगित
संसद के दोनो सदनो में आज बजट के दूसरे सत्र  के शुरू में ही बजट के बजाए राहुल गांधी के लंदन में दिए  ब्यान पर हंगामा मच गया।सत्ता पक्ष के प्रह्लाद जोशी (एलएस) और पीयूष गोयल (राज्यसभा) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा कांग्रेस को माफ़ी माँगने को कहा  गया  नेता विपक्ष खड़गे ने अपने नेता राहुल के बयान का समर्थन करते हुए प्रजातंत्र पर सवाल उठाने शुरू कर दिए , और  राज्यसभा में व्यवस्था का प्रश्न लाकर राहुल गांधी को राज्य सभा से बाहर का बता कर सत्तारूढ़  की माँग को मि तांने  को कहा गया, हंगामा शुरू हो गया और अध्‍यक्ष जगदीप धनकड़ द्वार सदन को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया ,
उधर लोक सभा में भी विपक्ष के हंगामा करने पर पीठासीन ओम बिरला द्वारा सदन स्थगित कर दिया गया,दोबारा भी यही स्थिति रही, सत्तपक्ष और विपक्ष दोनो ही पीठ की बात सुनाने को तैय्यार नहीं हुए तो दोनो सदानो को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया।कांग्रेस के व्यवस्था का प्रश्न पर भी कल ही निर्णय होगा

भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह (75)का निधन

(लखनऊ) भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह का निधन
देवरिया जिले की सदर सीट से भाजपा विधायक जन्मेजय सिंह का हृदय गति रुकने से निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे।
बृहस्पतिवार रात को सिंह की तबीयत खराब होने पर उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया। इसके बाद रात दस बजे हालत बिगड़ने पर उन्हें लोहिया संस्थान रेफर कर दिया जहां मेकर लगाने के दौरान उनकी मत्यु हो गई।

भाजपा ने नवीनतम दागी ‘चिन्मयानंद” से पल्ला झाड़ा

(लखनऊ,यूपी):भाजपा ने नवीनतम दागी चिन्मयानंद से पल्ला झाड़ा
भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव के अनुसार ‘चिन्मयानंद भाजपा के सदस्य नहीं है”
प्रवक्ता के अनुसार चिन्मयानंद ने पहले चुनाव लड़ा था और मंत्री बने थे, लेकिन उसके बाद से वह भाजपा के सदस्य नहीं हैं ।
उल्लेखनीय है कि चिन्मयानंद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के जौनपुर से 1999 में चुनाव लड़ा था । चिन्मयानंद 1991 में बदायूं और 1998 में मछलीशहर से भी लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं ।वर्तमान में लॉ की एक छात्रा ने इनपर यौन शोषण का आरोप लगाया है
यद्यपि छात्रा द्वारा चिन्मयानंद से ५ करोड़ ₹ की रंगदारी मांगने के आरोप भी लग रहे हैं

योग गुरु बाबा राम देव ने केंद्र सरकार पर भड़ास निकाली और अधिकांश कांग्रेसियों को समलैंगिक बता डाला

[नई दिल्ली]योग गुरु बाबा राम देव ने अपनी भड़ास निकालते हुए अधिकांश कांग्रेसियों को समलैंगिक बता डाला| कांग्रेस के खिलाफ बाबा रामदेव ने कहा है कि लगता है अधिकांश कांग्रेसी समलैंगिक हैं इसीलिए वे समलैंगिकता का समर्थन कर रहे हैं |बाबा राम देव की पतंजलि योग पीठ पर आये दिन नए मुकद्दमे कायम किये जा रहे हैं जिन्हे लेकर भाजपा के पी एम् के उम्मेदवार नरेंदर मोदी ने भी बाबा का उत्तराखंड की रैली में समर्थन किया उसके बाद बाबा राम देव की कांग्रेस के प्रति यह बेहद तीखी टिपण्णी आई है|
गौरतलब है कि हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने धारा ३७७ को मान्यता देते हुए समलैंगिकता को अपराध साबित किया था और इस विषय में कानून बनाने की प्रक्रिया के लिए केंद्र सरकार को सक्षम बताया था जिसके उत्तर में कांग्रेस के टॉप ब्रास श्री मति सोनिया गांधी और राहुल गांधी आदि अनेक नेताओं ने कानून में संशोधन करने का आश्वासन भी दिया था| भाजपा ने समलैंगिक रिश्तों को अपराध की श्रेणी में रहे जाने की वकालत की है और बाबा राम देव भी इसे बीमारी बता चुके हैं|

भाजपाई “कमल” पर लक्ष्मी की सुनामी लाने का वायदा कर रहे हैं ऐसे में इसी “कमल” से वोट निकालने का कांग्रेसी हक़ तो बनता है

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

आक्रोशित भाजपाई

ओये झल्लेया कांग्रेसियों को अपनी हार पच नहीं रही है देख तो मध्य प्रदेश में कांग्रेसियों को तालाबों में खिले नयनाभिराम कमल भी फूटी आँख नहीं भा रहे | इनका बावला पण तो देखोतलब के कमल को भाजपा के चुनावी कमल बता रहे हैं | मालवा+बुंदेल खंड और महा कौशल में तालाबों को ढकवाने के लिए पर्यावरण विरोधी कदम उठाने को चुनाव आयोग के तरले करने पर जुटे हैं| ओये हमने भी कह दिया है कि पर्यावरण के विनाश के लिए अगर तालाबों को ढका जाएगा तो हमने भी इनके शरीर पर लगे हाथों [कांग्रेसी चुनाव चिन्ह]को ढके जाने की मांग कर देनी है

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झल्ला

अरे सेठ जी आप लोग चुनावी मौसम में पूरे देश में कमल के फूल पर लक्ष्मी की सुनामी लाने का आश्वासन देते नहीं थक रहे ऐसे में कमल से वोट निकालने का हक़ तो कांग्रेसियों का बनता ही है|हाँ अगर तालाब ही ढके जायेंगे तो लक्ष्मी और वोट दोनों रुष्ठ हो सकते हैं|सो सोच लो

बकवास अध्यादेश तो वापिस हो गया अब इसके लिए क्रेडिट लेने के होड़ लगी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम[दागी सांसदों से सम्बंधित] से संबंधित अध्यादेश और विधेयक वापस लेने का फैसला किया है इससे एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट को सम्मान और लोकतंत्र पर लगे काले धब्बों को कुछ हद तक धोया जा सकेगा लेकिन अब एक नई बहस शुरू हो गई है इसके लिए क्रेडिट लेने के बहस |यह स्वाभाविक भी है राजनीतिक श्रेय लेने के लिए अपने ढंग से दलीले देने में जुट गए है|जनता तो शायद क्रेडिट तभी देगी जब पार्टियाँ चुनावों में टिकट बांटने में अपनी विचार धारा को प्रकट करेंगी |
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन के उद्देश्य से प्रस्तावित अध्यादेश के बारे में व्यक्त की गई विभिन्न चिंताओं को देखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह अध्यादेश और तत्संबंधी विधेयक वापस लेने का निर्णय किया है। प्रस्तावित अध्यादेश की वैधता और उपयुक्तता को लेकर व्यक्त की जा रही इन चिंताओं के मध्य नजर सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए लाए गए अध्यादेश को कैबिनेट ने वापस लेने की घोषणा कर दी गई है|
बुधवार की शाम 6 बजे सिर्फ 15 मिनट के लिए केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में यूपीए के सहयोगी दलों की नराजगी को भी नजरअंदाज कर दिया गया। इतना ही नहीं,अब दागी नेताओं को बचाने वाले बिल को भी वापस लिया जाएगा|
कैबिनेट की बैठक के बाद बताया गया कि यह फैसला कैबिनेट की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। चूंकि यह बिल फ़िलहाल संसद की धरोहर है इसीलिए संसद के अगले सत्र के दौरान संबंधित बिल भी तय प्रक्रिया के मुताबिक वापस ले लिया जाएगा|अब कांग्रेस और भाजपा इसके लिए क्रेडिट लेने में जुट गए हैं जिसका विरोध भी शुरू हो चुका है|गौरतलब है की कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने इस अध्यादेश को बकवास बता कर इसे फाड़ने की मांग की थी जिसके पश्चात कांग्रेस और सरकार ने आर्डिनेंस को वापिस लेने की कवायद शुरू की|उधर भाजपा और आप पार्टी भी इसे अपनी सफलता बता रही हैं|एक महत्वपूर्ण भूमिका प्रेजिडेंट प्रणब मुखर्जी ने भी निभाई हैउन्होंने इस बिल पर अनेको सवाल उठा कर इसे वापिस लौटाने का निर्णय लिया संबवत जिसके पश्चात राजनीतिक हलचल तेज हुई| |
उत्तर प्रदेश में सत्ता रुड समाज वादी पार्टी [सपा] के नेता नरेश अग्रवाल ने तो अध्यादेश और बिल की वापिसी को ही लोक तंत्र के लिए खतरा बता दिया है|
इस नए घटना क्रम के फल स्वरुप एनसीपी नेता डी.पी. त्रिपाठी राहुल गांधी के बयान पर नाराजगी जताते हुए कह चुके हैं कि उनकी पार्टी सरकार की सहयोगी है और वे राहुल गांधी के अनुयायी नहीं हैं। नैशनल कॉन्फ्रेंस ने इस मसले पर यूपीए समन्वय समिति की बैठक बुलाने की मांग की है।
हालांकि, सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट की बैठक में शरद पवार ने इसका थोडा़ विरोध किया, लेकिन आखिरकार बैठक में सर्वसम्मति से अध्यादेश वैपस लेने का फैसला किया गया।
बताते चलें के वाच डॉग एसोशिएशन [ watchdog Association of Democratic Reforms (ADR) ] के अनुसार फिलहाल ७० से अधिक सांसद [एम् पी]दागी की श्रेणी में आते हैं और अपनी सदस्यता खो सकते हैं|| इनमे से १८ भाजपा के हैं+कांग्रेस के १४ दागी सांसद हैं+ समाजवादी पार्टी के ८ + बहुजन समाज वादी पार्टी [BSP ] के ६+ऐ आई डी एम् के के ४+ जे दी यूं के ३+ वामपंथी ३ के अलावा १७ अन्य दलों से बताये गए हैं|

भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ से एक दिन पहले राजनीती अब टोपी और तिलक से नीचे खिसक कर बुर्के पर आ टिकी है

भारतीय राजनीती अब टोपी और तिलक से नीचे खिसक कर बुर्के पर आ टिकी है|मध्य प्रदेश में 25 सितंबर को होने वाले भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ से एक दिन पहले मंगलवार को कांग्रेस ने बुर्के पर राजनीति को उछाल दिया जिसे लेकर कांग्रेस और भाजपा में घमासान मचा हुआ है|
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इंदौर में एक बिल दिखाकर भाजपा पर 446 रुपये प्रति नगकी दर से 10 हजार बुर्कों का ऑर्डर देने का आरोप लगाया है|
लेकिन कांग्रेस महासचिव ने जिस दुकानदार को बुर्कों का ऑर्डर देने का दावा किया था शीतला माता बाजार स्थित उसी जीनत स्टोर्स के मालिक ने कांग्रेस नेता के आरोपों को यह कह कर खारिज कर दिया कि यह बिल नहीं, बल्कि मात्र कोटेशन है। उसने कहा कि 23 सितंबर को एक शख्स उनसे दस हजार बुर्कों का कोटेशन लेकर गया था। जिसे बिल बताया गया जाहिर है साजिशन कोटेशन लेकर उसे बिल के रूप में प्रचारित किया गया
इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने ही यह आरोप भी लगाया था कि भाजपा लखनऊ से टोपियां खरीद रही है और वह पार्टी की रैली में नकली मुसलमानों को बुर्के व टोपी में पेश करने की तैयारी कर रही है।
भाजपा ने इस संबंध में दिग्विजय द्वारा दिखाए गएबुर्के की खरीद सम्बन्धी ४४ लाख ६० हज़ार के बिल को फर्जी करार दिया है ।गौरतलब है कि टोपी नहीं पहनने पर नरेंदर मोदी की आलोचना होती रहती है अब बुर्के के दुरूपयोग के स्कैंडल को उछाल कर भाजपा के इस महा कुम्भ से मुसलमानों को रोकने की सियासी कवायद शुरू हो गई है|

भाजपा के महिला मोर्चा की सदस्यायों ने सीमा पर तैनात सैनिकों की कलाइयों पर राखी[रखडी] बांधी

भारतीय जनता पार्टी[भाजपा]की महिला मोर्चा अध्यक्षा डॉ सरोज पाण्डेय ने अन्य पदाधिकारियों के साथ भारत पाक सीमा तैनात जवानो की कलाई पर राखी बांधी| डॉ पाण्डेय ने इस अवसर को जीवन का यादगार क्षण बताते हुए कहा कि यह उनके जीवन का यादगार क्षण है जब वह सरहद पर अपने सैनिक भईयों को राखी बांधने आई हैं|
इस शुभ अवसर पर गुजरात की सांसद श्री मति दर्शना दजदोश+जयश्री पटेल+ बिहार से रमा देवी+लतिका शर्मा+रेखा गुप्ता+आशा जैसवाल+प्रिया सेठी आदि उपस्थित थे|

स्कूलों की बालिकाओं ने राज नाथ सिंह की कलाई पर राखी बाँध कर रक्षा का वचन लिया

स्कूलों की बालिकाओं ने राज नाथ सिंह की कलाई पर राखी बाँध कर रक्षा का वचन लिया


रक्षा बंधन के इस पवित्र पौराणिक धर्म को निभाने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह के निवास पर भी समारोह आयोजित किया गया| यहाँ स्कूलों की बालिकाओं ने राज नाथ सिंह की कलाई पर राखी बाँध कर रक्षा का वचन लिया

राजनीतिक दलों को जन प्राधिकरण की परिभाषा[RTI] से बाहर रखने के लिए विधेयक लाने को मंजूरी

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने सूचना अधिकार अधिनियम के उद्देश्‍य से राजनीतिक दलों को जन प्राधिकरण की परिभाषा से बाहर रखने के लिए सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 में संसद के आगामी सत्र में संशोधन करने के लिए एक विधेयक लाने की मंजूरी दी है।
केन्‍द्रीय सूचना आयोग ने अपने 03.06.2013 के निर्णय में कांग्रेस, भाजपा, माकपा, भाकपा, बसपा और राकांपा जैसे राजनीतिक दलों को सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 2(एच) के अ‍धीन जन प्राधिकरण माना है। आयोग ने मुख्‍य रूप से इन तथ्‍यों पर विश्‍वास व्‍यक्‍त किया है कि इन राजनीतिक दलों को केन्‍द्र सरकार से काफी (अप्रत्‍यक्ष) वित्‍तीय मदद मिलती है और वे सार्वजनिक कर्तव्‍य निभाते हैं। राजनीतिक दल योजना आयोग के साथ जन प्रतिनिधित्‍व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के प्रावधानों के अधीन पंजीकृत हैं। राजनीतिक दलों के संदर्भ में विस्‍तृत प्रावधान जन प्रतिनिधित्‍व अधिनियम में विस्‍तार से दिये गये हैं, जिनमें राजनीतिक दलों, प्रत्‍याशियों और दान से संबंधित जानकारी देने का प्रावधान है। कथित अधिनियम में परस्‍पर निम्‍नलिखित प्रावधान हैं :-
[1] निर्वाचन आयोग के संघों और निकायों के साथ राजनीतिक दलों के रूप में पंजीकरण (धारा 29ए)
[2]राजनीतिक दल अंशदान स्‍वीकार करने के हकदार (धारा 29बी)
[3] राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्‍त दान की घोषणा (धारा 29सी) • परिसम्‍पत्ति और देयताओं की घोषणा (धारा 75ए)
[4] चुनाव खर्च और अधिकतम राशि का खाता (धारा 77) • जिला निर्वाचन अधिकारी के पास खाता प्रस्‍तुत करना (धारा 78)
[5] झूठा शपथ पत्र प्रस्‍तुत करने पर जुर्माना (धारा 125ए)
जन प्रतिनिधित्‍व अधिनियम के उपरोक्‍त प्रावधान ये दर्शाते हैं कि इस अधिनियम में वित्‍त पोषण, इसकी घोषणा और झूठा शपथ पत्र प्रस्‍तुत करने पर जुर्माने के पर्याप्‍त प्रावधान हैं। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 13ए के अधिनियम राजनीतिक दलों के लिए कर से छूट का दावा करने के लिए लेखा परीक्षा किये गये खातों के साथ टैक्‍स अधिकारियों के समक्ष निर्धारित तिथि से पूर्व आयकर विवरण भरना अपेक्षित है। आयकर अधिनियम की धारा 138 के अनुसार आयकर विभाग के समक्ष दी गई जानकारी साधारण रूप से गोपनीय होगी, लेकिन इसे तभी सार्वजनिक किया जा सकेगा, अगर आयकर आयुक्‍त की फैसले में यह जनहित में हो।
जन प्रतिनिधित्‍व अधिनियम 1951 की धारा 10ए के अधीन कानून की अपेक्षाओं के अनुसार चुनाव व्‍यय का लेखा प्रस्‍तुत करने में असफल रहने पर ऐसा करने वाले प्रत्‍याशी को अयोग्‍य ठहराये जाने की तिथि से 3 साल के लिए चुनाव आयोग द्वारा अयोग्‍य ठहराया जा सकता है।
सूचना अधिकार अधिनियम को संविधान के अनुच्‍छेद 19 के अधीन सूचना के अधिकार के कार्यान्‍वयन के लिए प्रभावी ढांचा उपलब्‍ध कराने के लिए बनाया गया था। जन प्राधिकरण की परिभाषा सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 2 के खंड (एच) में दी गई है। राजनीतिक दल सूचना अधिकार अधिनियम में दी गई जन प्राधिकरण की परिभाषा के दायरे में नहीं आते हैं, क्‍योंकि वे आरपी एक्‍ट, 1951 के अधीन केवल पंजीकृत और मान्‍यता प्राप्‍त हैं।

भाजपा ने नरेन्द्र मोदी की सहायता के लिए चुनावी पुरोधाओं की टीम घोषित की

भाजपा ने २०१४ के लिए प्रमुख प्रचारक नरेन्द्र मोदी की सहायता के लिए चुनावी पुरोधाओं की टीम की घोषणा कर दी है| इसमें वरिष्ठ नेताओं को सम्मान जनक दाईत्व सौंपा गया है| लेकिन एन डी ऐ का कुनबा बढाने के लिए कोई जिम्मेदारी की घोषणा नही की गई | बूथ मेनेजमेंट और सोशल मीडिया को महत्त्व देने पर विशेष दबाब दिया गया | इसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान+ छत्तीस गढ़ के सी एम् रमन सिंह और गोवा के चीफ मिनिस्टर मनोहर पार्रिकर को शामिल किया गया हैजबकि श्री मति सुषमा स्वराज और अरुण जेटली को संयुक्त रूप से सबसे महत्वपूर्ण प्रचार समिति की कमान दी गई है।
२०१४ के चुनावों में उतरने के लिए केंद्रीय चुनाव अभियान समिति के अंतर्गत 19 उपसमितियां बनाई गई है।
नरेंद्र मोदी और राजनाथ के सबसे विश्वस्त अमित शाह और सुधांशु त्रिवेदी को भी महत्व दिया गया है|
पूर्व पार्टी अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी चुनावी घोषणापत्र तैयार करवाएंगे | जोशी के अलावा दो पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी और एम वेंकैया नायडू का भी महत्व बरकरार रखते हुए दोनों नेताओं को उप समितियों के अध्यक्ष के साथ-साथ मार्गदर्शक भी बनाया गया है।
नितिन गडकरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी की भी जिम्मेदारी दी गई है। उनकी सहायता के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को लगाया गया है|
नवयुवकों, संगठित-असंगठित मजदूरों और अलग-अलग पेशों से जुड़े वर्गो के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी बांटी गई है|
प्रवक्ता अनत कुमार ने बताया के इस टीम के साथ अगस्त से मिशन-2014 की औपचारिक शुरुआत की जायेगी|