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Tag: मानव संसाधन विकास मंत्रालय

उच्‍च शिक्षा पर अखिल भारतीय स्तर का वार्षिक सर्वेक्षण शुरू

[नई दिल्ली]उच्‍च शिक्षा पर अखिल भारतीय स्तर का वार्षिक सर्वेक्षण शुरू |
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्‍च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2014-15 का शुभारंभ किया
मंत्रालय में उच्‍च शिक्षा विभाग के सचिव, श्री सत्‍य नारायण मोहन्‍ती ने आज दिल्‍ली में उच्‍च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2014-15 का शुभारंभ किया।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार यह सर्वेक्षण 2010-11 से उच्‍च शिक्षा की स्थिति पर की जा रही एक वार्षिक, वेब-आधारित अखिल भारतीय प्रक्रिया है, जिसमें देश के उच्‍च शिक्षा के सभी संस्‍थान शामिल किए जाते हैं। अभी तक मंत्रालय ने एआईएसएचई 2011-12 की अंतिम और एआईएसएचई 2012-13 की अंतिम रिपोर्ट जारी की हैं। सर्वेक्षण प्रक्रिया लगातार चौथे वर्ष की जा रही है और एआईएसएचई 2013-14 जो 17 जून, 2014 को आरंभ की गई थी जो कि अब भी प्रक्रियाधीन है।
अक्‍टूबर में शुरू की गई एआईएसएचई 2014-15 में उच्‍च शिक्षा सांख्‍यिकी के प्रचार-प्रसार में समय अंतराल को समाप्‍त कर दिया गया है।
इस वार्षिक सर्वेक्षण में शिक्षकों, छात्रों के नामांकन, कार्यक्रमों, परीक्षा परिणामों, शिक्षा वित्‍त, बुनियादी सुविधाओं जैसे अनेक मानकों के बारे में आंकड़े एकत्र किए जाते हैं। ऐसे मानकों और एकत्र किए गए आंकड़ों का उपयोग शिक्षा के विकास में सोच-समझकर नीतिगत निर्णय लेने और अनुसंधान आयोजित करने में किया जाता है। यह सर्वेक्षण मजबूत डाटाबेस बना रहा है जिसे संस्‍थानों द्वारा प्रस्‍तुत की गई जानकारी के अनुसार प्रतिवर्ष अपडेट किया जा रहा है।
फोटो कैप्शन
The Secretary, Higher Education, Ministry of Human Resource Development, Shri Satyanarayan Mohanty launching the fifth round of All India Survey on Higher Education (AISHE),2014-15, in New Delhi on October 22, 2014.

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अब इग्नू[IGNOU] को टाइम बाउंड परीक्षाएं करने को कहा

शिक्षा के छेत्र में सुधारों की शृंखला शुरू करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आज इग्‍नू [IGNOU] को टाइम बाउंड परीक्षा आयोजित करने को कहा |इससे समुदाय कॉलेज की इस योजना से 1.5 लाख छात्रों को राहत मिलेगी |
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आज इग्‍नू को परीक्षा +परिणामों से संबंधित औपचारिकताएं 15 दिन के भीतर पूरी करने को कहा है
इग्‍नू की समुदाय कॉलेज विकास योजना के अंतर्गत पंजीकृत 1.5 लाख छात्रों के हितों को ध्‍यान में रखते हुए मंत्रालय ने इग्‍नू से अनुरोध किया है कि वे इग्‍नू के प्रबंधमंडल द्वारा अनुमोदित निम्‍नलिखित संकल्‍पों के कार्यान्‍वयन में तेजी लाएं और अगले 15 दिन में कार्रवाई पूरी करें।
(1) परिणाम घो‍‍षित करना तथा छात्रों को प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को पूरी करना।
(2) उन छात्रों के लिए जो अपना पाठयक्रम/ कार्यक्रम पहले ही पूरा कर चुके हैं, किन्‍तु परीक्षा देने की प्रतीक्षा में हैं, परीक्षा की तिथियां अधिसूचित करना।

मेरी गल्ल मन्नो , नौकरियों की दौड़ छोड़ो ,झट से विदेशी डिग्री लो और पट से देसी हुकुमरान बन जाओ


झल्ले दी झल्लियाँ गल्ला

एक चिंतित बुद्दि जीवी

ओय झल्लेया ये तुहाडे कपिल सिबल ने कौन सा नया फुहाड़ा डाल दिया ओये हसाड़े मुल्क में पहले ही नौकरियां नहीं हैं प्रबंध कालेजों की सींटे भरने में पसीने छूट रहे हैं और अब काबिल सिब्बल के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विदेशी विश्वविद्यालयों को अपने-अपने कैम्पस खोले जाने की इजाजत देने के लिए औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) तथा आर्थिक मामला विभाग (डीईए) को इस संबंध में प्रस्ताव भेज दिया है ओये पहले हसाड़े नौजवान बेशक बाहर पढाई के लिए जाते रहे हैं मगर उन्हें वहां नौकरियाँ मिलती रहीहैं और अब तो देश की कमी विदेश में जायेगी और बेरोजगारी बढायेगी|

झल्ला

अरे मेरे सोणे महानुभाव जी आप ये क्यों नहीं सोचते के पहले महात्मा गाँधी+जवाहर लाल नेहरु+ इंदिरा गाँधी+ राजीव गाँधी+राहुल गाँधी कपिल सिबल आदि आदि विदेशों में पढाई करके आये तब जाकर यहाँ हुकुमरान बने अब तो घर बैठे बैठे ही ४०० विदेशी यूनिवर्सिटी के टोप सरपर रख कर फोटो खिचवाने का सुनहरा मौका मिलेगा| भाई जीमेरी मानो तो छोटी मौटी नौकरियों को छोड़ो, झट से विदेशी डिग्री लो और पट से देसी हुकुमरान बन जाओ

विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए एक कंपनी के रूप में भारत में अपने कैम्पस खोलने का रास्ता साफ़ हो गया है

विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए भारत में अपने कैम्पस खोलने का रास्ता साफ़ हो गया है | मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने कंपनी अधिनियम के तहत एक कंपनी के रूप में देश में विदेशी विश्वविद्यालयों को अपने-अपने कैम्पस खोले जाने की इजाजत देने के लिए औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) तथा आर्थिक मामला विभाग (डीईए) को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अधिनियम के तहत नियम बनाने के लिए केन्द्र सरकार को प्रदत्त अधिकारों के तहत, मानव संसाधन विकास मंत्रालय यूजीसी [UGC ](विदेशी शिक्षण संस्थानों के कैम्पस की स्थापना और उनका संचालन) नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है, ताकि विदेशी विश्वविद्यालय भारत में अपने कैम्पस स्थापित कर सकें और विदेशी उपाधि जारी कर सकें। मंत्रालय ने डीआईपीपी[ DIPP ] तथा डीईए[ DEA ] से नियमों के संबंध में सुझाव मांगे थे। डीआईपीपी तथा डीईए दोनों ने मंत्रालय के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
प्रस्तावित नियमों के तहत यूजीसी द्वारा विदेशी शिक्षण संस्थानों (एफईआई)[FEI ] को एक बार विदेशी शिक्षा प्रदाता (एफईपी) [FEP ]के रूप में अधिसूचित करने के बाद एफईआई भारत में अपने कैम्पस खोल सकते हैं। एफईआई को निर्धारित पात्रता शर्तें पूरी करनी होगी। कोई भी एफईआई भारत में अपना कैम्पस खोलना चाहता है तो वह कंपनी अधिनियम 1956 के खंड-25 के अंतर्गत एक संघ के जरिए पंजीकृत होकर कैम्पस खोल सकता है। एफईआई को विश्व के शीर्ष 400 विश्वविद्यालयों में श्रेणीबद्ध किया जाएगा। नियमों के तहत आवेदन करने को इच्छुक सभी एफईआई बिना लाभ वाले वैधानिक संस्थाओं के रूप में काम कर रहे हों, साथ ही वे 20 वर्षों से संचालन में हों तथा देश के मान्यता प्राप्त एजेंसी द्वारा मान्यता दी गई हो, या उस देश में मान्यता के अभाव में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति मान्यता प्राप्त प्रणाली के जरिए मान्यता दी गई हो।
मुख्य कैम्पस में विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध पाठ्यक्रम के अनुकूल ही एफईपी को अपने कैम्पस में पाठ्यक्रम उपलब्ध कराने होंगे। प्रत्येक एफईआई को एफईपी में अधिसूचित होने से पहले उन्हें कम से कम 25 करोड़ रुपए का कोष रखना होगा। यूजीसी अथवा इन नियमों के प्रावधान का उल्लंघन किए जाने के संबंध में एफईपी पर 50 लाख से एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है। एफईपी द्वारा जारी की गई उपाधि को विदेशी उपाधि के रूप में मान्यता दी जाएगी।