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पोलिस उपाधीक्षक की हत्या की साजिश रचने के आरोपी बनांये जाने पर खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह ने इस्तीफा दिया

पोलिस उपाधीक्षक की हत्या की साजिश रचने के आरोपी बनांये जाने पर खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह ने इस्तीफा दिया

पोलिस उपाधीक्षक की हत्या की साजिश रचने के आरोपी बनांये जाने पर खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह ने इस्तीफा दिया

उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह [राजा भैया ]ने आज ४ मार्च सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है| राजा भैया के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज है. राज भैया प्रतापगढ़ में उप पोलिस अधीक्षक जिया हक की हत्या की साजिश रचने काआरोपी बनाया गया है|
सोमवार सुबह राजा भैया स्वयम अपनी सफ़ेद गाडी चला कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने गए और बातचीत करके इस्तीफा देने का निर्णय लिया.
राजा भैया के अलावा उनके चार अन्य सहयोगियों के खिलाफ भी मामला दर्ज है|
जिले में बलीपुर गांव में शनिवार शाम ग्राम प्रधान और उनके भाई की हत्या की गई थी. इसके बाद भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था. इस हमले में डीएसपी की मौत हो गई. आठ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.
बाहुबली नेता राजा भैया के नाम से पुकारे जाने वाले कुंडा से लगातार पांचवीं बार विधायक चुने गए हैं| कुंडा के राज परिवार से आये और अकसर विवादों में रहने वाले राजा भैया सबसे पहले [१]1993 में कुंडा से निर्दलीय विधायक चुने गए थे.[२] साल 2002 में तत्कालीन

मुख्यमंत्री मायावाती ने राजा भैया को जेल में डाल दिया था.

लेकिन एक साल बाद में मुलायम की मेहरबानी से राजा भैया जेल से बाहर आए और [३]साल 2005 में मुलायम सरकार में खाद्य मंत्री बने. पिछले साल जब यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनी, तो [४]राजा भैया को जेल मंत्री के साथ खाद्य मंत्री भी बना दिया गया. इसी साल फरवरी में मंत्रिमंडल फेरबदल में [५]राजा भैया से जेल मंत्रालय ले लिया गया पर शेष मंत्रालय उनके पास छोड़ दिए गए|
[अ]गुडडू सिंह[आ] रोहित सिंह [इ] कुंडा नगरपालिका के चेयरमैन गुलशन यादव के खिलाफ सीओ की हत्या करने और बलवे में शामिल होने की एफआईआर दर्ज कर ली गई है। राजा भैया को मुख्य साजिशकर्ता बनाया गया है। उनके खिलाफ 120 बी का मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में गुड्डू सिंह और रोहित सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि गुलशन यादव फरारबताया जा रहा है|
डीएसपी के अल्पसंख्यक समुदाय के होने की वजह से यह मामला समाजवादी पार्टी के लिए काफी संवेदनशील माना जा रहा है। सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं करती दिखेगी तो मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगने का डर है।शहरी विकास मंत्री आजम खान ने रविवार को कहा था कि डीएसपी की हत्या ने सरकार को समाज के आगे मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा।लेकिन इसके साथ ही उन्होंने पोलिस की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह लगाया था|
शासन ने प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनिल कुमार राय का तबादला कर दिया। अनिल के स्थान पर एल.आर. कुमार को प्रतापगढ़ की कमान सौंपी गई है।इस पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्य मंत्री माया वती ने प्रदेश में अराजकता का महौल बताते हुए प्रदेश सरकार की बर्खास्ती की मांग की है|भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि कानून व्यवस्था में ढिलाई बरतने में अगर मायावती सरकार सेर थी तो सपा की सरकार सवा सेर साबित हो रही है| |प्राप्त जानकारी के अनुसार राजा भैया के निवास पर राजपूत विधायकों का आना शुरू हो गया है और एक नए समीकरण उभरने के कयास लगाए जाने लगे हैं|

कोहरा आच्छादित सूर्य और दुविधा की धुंध में छुपी सियासत दोनों कष्ट कारी हैं

सूर्य देव कल से ही कोहरे में घिरे हैं और उसी प्रकार केंद्र सरकार भी दुविधा की धुंध में हताश है|पहाड़ों की बर्फानी हवाओं पर तैरती आ रही कड़ाके की ठण्ड से जूझने के लिए सूर्य देव की बेहद जरुरत है इसी प्रकार सियासी नक्षत्र में भी धुंध को छांट कर विकास और शान्ति की स्थापना की गरमी की जरुरत है| कल विपक्ष की सुषमा स्वराज और बसपा की मायावती ने कुछ संसदीय सुझाव दीये थे और श्रीमती सोनिया गांधी ने भी आन्दोलन कारियों से मुलाक़ात करके उनके जख्मो पर सहानुभूति और आश्वासन का मलहम लगाया था लेकिन पोलिस की दमनात्मक कार्यवाही और शासन और प्रशासन की अकर्मण्यता से सब गुड गोबर हो गया|आज प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह ने आन्दोलन कारियों के प्रति सहानुभूति दर्शाई और इंडिया गेट पर हिंसा की जांच करवाने का आश्वासन दिया । दुर्भाग्य से आज रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के आगमन के कारण व्यवस्था बनाने के लिए इंडिया गेट पर की तरफ आने वाली ९ मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया है|मीडिया को हटा दिया गया है वहां कर्फ्यू जैसे हालात पैदा कर दिए गए हैं|यहाँ तक की अपने देश के युवाओं से डर रूस और भारतीय न्रेतत्व की मीटिंग हैदराबाद हाउस के बजाय ७ रेस कोर्स कर के एक अजीब अनावश्यक विवाद को जन्म दे दिया गया|

कोहरा आच्छादित सूर्य और दुविधा की धुंध में छुपी सियासत दोनों कष्ट कारी हैं


अर्थार्त एक कदम स्थिति को सुधारने के लिए उठाया जाता है तो दो कदम उस पहल को नष्ट करने के लिए उठ जाते हैं|
इससे आर्थिक हानि के साथ ही विश्व में बदनामी भी हो रही है| अभी भी समय है देश के शीर्ष न्रेत्त्व +विपक्ष दोनों को स्थिति सुधारने के लिए संयुक्त रूप से आन्दोलन कारियों का विश्वास जीतना होगा और इसके लिए प्रदर्शन स्थल पर जा कर अपनी बात कही जा सकती है ठीक हूँ या क्या में ठीक हूँ

राज्यसभा में सभापति के प्रति आज विश्वास और सम्मान व्यक्त किया गया

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उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी के प्रति आज सदन में विश्वासव्यक्त किया गया और सदन में सभापति के प्रति सम्मान बनाए जाने पर जोर दिया गया| नेता सदन प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि सभापति के लिए पूरा सम्मान होना चाहिए। सभापति के सम्मान में ही सदन का सम्मान है। सदन के सदस्यों को चाहिए कि वो राज्यसभा में सदन की मर्यादा बनाए रखें। सभापति की इज्जत होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभापति के लिए उनकी सरकार में बहुत आदर है। मैं सदन के तमाम सदस्यों से इसमें मदद की आशा करता हूं। हमलोगों को ऐसा रास्ता निकालना चाहिए जिससे बिना रुकावट के सदन की कार्यवाही निर्वाध चले।
वहीं नेता विपक्ष [ भाजपा के ]अरुण जेटली ने कहा कि हम सभापति को वादा करते हैं कि पूरा सदन अब से एक सुर में बोलेगा। जिससे इस सदन की मर्यादा बरकरार रहे। इसके बाद हामिद अंसारी ने सभी सांसदों को धन्यवाद दिया और कार्यवाही में सहयोग का आश्वासन दिया|
गौरतलब है कि बीते दिन बुधवार को मायावती ने सीधे सभापति के आसन के समक्ष जाकर अपना विरोध जताया।राज्यसभा की कार्यवाही बाधित होने पर राज्यसभा सभापति पर सवाल उठाए |मायावती ने कहा था कि दोपहर 12 बजे के बाद सदन की कार्यवाही नहीं चलती है। सभापति दोपहर 12 बजे के बाद सदन से चले जाते हैं। सदन को चलाने की जिम्मेदारी सभापति की है। गौरतलब है कि राज्यसभा में प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल पास होना है।
लेकिन आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सभापति के प्रति विश्वास व्यक्त किया और उम्मीद जाती कि सभापति द्वारा प्रोमोशन में रिजर्वेशन का बिल पास करवाने को प्रयास करेंगे

आज बारह का विशेष महत्त्व है शायद इसीलिए मायावती ने राज्यसभा की कार्यवाही को लेकर सरकार के बारह बजाये

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आज बारह का विशेष महत्त्व है शायद इसीलिए सरकार कि संकट मौचक मायावती ने ही आज राज्यसभा में प्रोमोशन में आरक्षण के लेकर सरकार के बारह बजा दिए|सभापति पर तीखी टिपण्णी के साथ सरकार के विरुद्ध नारे भी लगाए गए| बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान सभापति हामिद अंसारी से यह कहकर पूरे सदन को चौंका दिया कि सदन का संचालन करना उनकी जिम्मेदारी है और वह दोपहर में सदन में रहेंगे नहींऍफ़ डी आई पर सरकार की संकट मौचक साबित हुई मायावती ने कहा, ‘आए दिन 12 बजे के बाद सदन नहीं चल पाता है। सदन सुचारू रूप से चले, इसकी व्यवस्था कौन करेगा?’ उन्होंने अंसारी से कहा कि सदन में कामकाज सामान्य तरीके से चले, यह जिम्मेदारी आपकी है।
अंसारी ने उनसे शांत होने की अपील करते हुए कहा कि सदन सभी दलों के सहयोग से ही सुचारू रूप से चल सकता है और वह अभी प्रश्नकाल चलने दें। नाराज मायावती ने उनकी अपील अनसुनी कर दी और आसन के करीब आ गईं। मायावती के न मानने और बीएसपी सांसदों के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही पहले कुछ समय के लिए और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।नियमानुसार, सदस्यों को पीठासीन अधिकारी पर अभद्र टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है.मायावती की इस टिपण्णी पर कांग्रेस द्वारा आपत्ति जताई गई है| गौरतलब है कि अनुसूचित जातियों व जनजातियों को प्रोन्नति में आरक्षण मुहैया कराने वाले एक संविधान संशोधन विधेयक को लेकर सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है.
सभापति प्रश्नकाल की अध्यक्षता करते हैं, जबकि शून्यकाल और उसके बाद की कार्यवाहियों की अध्यक्षता आमतौर पर उपसभापति द्वारा की जाती है. सभापति हालांकि महत्वपूर्ण अवसरों पर सदन में वापस आते हैं|.
उदाहरण के तौर पर जब प्रधानमंत्री का कोई वक्तव्य हो, या जब किसी सत्र की समाप्ति पर सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो रहा हो.उन्होंने कहा कि आप 12 बजे जाइए लेकिन सदन की कार्यवाही सुनिश्चित कराना आपकी जिम्मेदारी है। 12 बजते ही आप सदन में नहीं दिखेंगे। मायावती की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए संसदीय कार्य मंत्री राजीव शुक्ला ने इस टिपण्णी को दुर्भाग्य पूर्ण बताया है|

वाल मार्ट की लाबिंग के बादल आज प्रमोशन में रिजर्वेशन के मायावती के ड्रीम बिल पर मंडराए:राज्य सभा स्थगित

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राज्यसभा की कार्यवाही आज वॉलमार्ट की लॉबिंग और रिजर्वेशन में प्रमोशन की भेंट चढ़ गई। हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही पहले दस मिनट्स उसके बाद डेड घंटे और तीसरी बार सारे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। गौरतलब है कि सदन में आज प्रमोशन में रिजर्वेशन बिल लाया जाना था। सूत्रों के मुताबिक विदेशी किराना के मुद्दे पर मायावती के समर्थन के बदले और भरोसे सरकार ये बिल ला रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी इस बिल का पूरजोर विरोध कर रही है।
मानसून सत्र में जब इस बिल को पेश किया गया था तो समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल और बीएसपी के सांसद अवतार सिंह करीमपुरी के बीच हाथापाई की नौबत तक आ गई थी।
। विदेशी किराना के मुद्दे पर मायावती ने लोकसभा में वॉक आउट करके सरकार को मदद पहुंचाई थी। वहीं, राज्यसभा में मायावती ने सरकार के पक्ष में वोट डालकर सरकार की नाक बचाई थी। उसी समय मायावती ने साफ कर दिया था कि वो जनहित के बिलों के लिए सरकार का समर्थन कर रही हैं और इसमें प्रमोशन में आरक्षण बिल मायावती के एजेंडे में सबसे ऊपर थालेकिन आज सोमवार को आरक्षण का यह बिल राज्यसभा में वॉलमार्ट की लॉबिंग संबंधी रिपोर्ट पर मचे बवाल के चलते पेश नहीं हो पाया। बहुजन समाज पार्टी इससे नाराज है और पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सरकार को जल्द से जल्द बिल पास कराने का अल्टीमेटम दे दिया है। माया ने विपक्षी बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसी के चलते बिल पेश नहीं हो पा रहा है। वहीं समाजवादी पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो इस बिल को राज्यसभा में पारित नहीं होने देगी।गौरतलब है कि सरकार को आज राज्यसभा में प्रमोशन में आरक्षण का बिल पेश करना था। आज सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो बीजेपी ने वॉलमार्ट की उस रिपोर्ट पर सरकार से जवाब मांगा जिसमें इस रिटेल कंपनी ने भारत में एंट्री के लिए करीब 125 करोड़ रुपये लॉबिंग पर खर्च करने का दावा किया था। इस मुद्दे पर सदन में हंगामा होता रहा और सदन की पूरे दिन की कार्यवाही इसकी भेंट चढ़ गई। कल तक के लिए कार्यवाही स्थगित होने से बीएसपी को झटका लगा और उसकी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उसने जानबूझकर हंगामा किया ताकि प्रमोशन में आरक्षण बिल सदन में पेश न हो पाए।मायावती ने कहा कि वॉलमार्ट की लॉबिंग की जो बात बीजेपी ने राज्यसभा में उठाई उसपर लोकसभा में उसका ध्यान नहीं गया। दरअसल बीजेपी नहीं चाहती कि ये विधेयक पास हो जाए। राज्यसभा में पार्टी का हंगामा पहले से तय था और उसे सोचसमझकर अंजाम दिया गया। मायावती ने कहा कि सरकार चलाना यूपीए की जिम्मेदारी है
बीएसपी नेता सुधींद्र भदौरिया ने इस बिल को राष्ट्रीय संकल्प बताया| इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री नारायणसामी ने कहा कि हम इस मुद्दे पर आम सहमति के प्रयास कर रहे हैं। हम इस बिल को पास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।जबकि संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि सरकार समाजवादी पार्टी को मना लेगी।वहीं सपा के तेवर साफ बताते हैं कि वो इस मुद्दे पर झुकने को कतई तैयार नहीं है। पार्टी महासचिव रामआसरे कुशवाहा ने कहा कि हम प्रमोशन बिल का लगातार विरोध करते रहे हैं और इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाते रहेंगे। सपा नेता मोहन सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर बसपा को बेवकूफ मना रही है। वो जानती है कि इस बिल को पास करने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत है जो कभी हासिल नहीं होगा।जबकि समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा है कि समाजवादी पार्टी प्रमोशन में आरक्षण बिल का विरोध करेगी। नरेश अग्रवाल के मुताबिक एसपी चाहती है कि संसद चले लेकिन सरकार को भी बिल के लिए जोर नहीं देना चाहिए।
कांग्रेस के नेता पी एल पुनिया ने कहा है कि ऐसा इम्प्रेशन दिया जा रहा है कि प्रमोशन में रिजर्वेशन ख़त्म हो गया है। उसे नए सिरे से लाया जा रहा है। ये गलत है, जनसंख्या से ज्यादा आरक्षण देने का प्रावधान खत्म किया जा रहा है, अनुसूचित जाति जनजाति के अत्याचारों से निजात पाने के लिए ये प्रयास किया जा रहा है। इसका सबको समर्थन देना चाहिए और ये जल्द से जल्द पास होना चाहिए।
वहीं इस मुद्दे पर जेडीयू ने बिल का समर्थन किया है। जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी के मुताबिक बिहार में पहले से ही प्रमोशन में आरक्षण दिया जा रहा है और उनकी पार्टी वर्तमान बिल पर भी नजर बनाए हुई है

इतिहास

1992 में इंद्रा साहनी फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रोन्नति में आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इस फैसले से प्रोन्नति में आरक्षण समाप्त हो गया। सरकार ने 17 जून 1995 को संविधान में 77वां संशोधन कर अनुच्छेद 16 (4ए) जोड़ा और एससी-एसटी को प्रोन्नति में फिर आरक्षण दे दिया। इस संशोधन से कोर्ट का फैसला निष्प्रभावी हो गया।
सरकार के गले में अभी भी एक फांस अटकी थी क्योंकि 10 फरवरी 1995 को सुप्रीम कोर्ट ने आरके सब्बरवाल के मामले में कहा कि एससी-एसटी वर्ग को परिणामी ज्येष्ठता का लाभ नहीं मिलेगा। इस फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए सरकार ने साल 2001 में संविधान में 85वां संशोधन किया और अनुच्छेद 16 (4ए) में बदलाव करके प्रोन्नति में आरक्षण के साथ परिणामी ज्येष्ठता भी दे दी।
19 अक्टूबर 2006 को एम. नागराज मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने एससी परिणामी ज्येष्ठता के साथ प्रोन्नति में आरक्षण देने के कानूनी प्रावधान को नकार दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के आधार पर ही राजस्थान हाई कोर्ट और उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एससी-एसटी को प्रोन्नति में परिणामी ज्येष्ठता के साथ आरक्षण देने के राज्यों के कानून निरस्त कर दिए।
उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट आई और सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल को यूपी पॉवर कॉरपोरेशन के मामले में एक बार फिर एम नागराज फैसले को आधार बनाते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी।

जायदाद के बटवारे के लिए भाईयों में बंदूकें चली:पोंटी चड्डा और हरदीप चड्डा की मृत्यु

जायदाद के बटवारे पर जब बातचीत से कोई हल नहीं निकला तो भाईयों ने बन्दूक का सहारा लिया जिसके फल स्वरुप दोनों भाईयों की मौत हो गई| ये दोनों मशहूर शराब कारोबारी पॉन्टी चड्ढा और उसके भाई हरदीप हैं| दोनों भाईयों की मौत आपसी फायरिंग में हुई.| ये घटना पॉन्टी के छतरपुर स्थित फॉर्म हाउस में दोपहर करीब 1.30 बजे हुई. फायरिंग में पॉन्टी का एक गार्ड भी घायल हुआ.बताया जा रहा है कि सारा मामला जायदाद के बंटवारे से जुड़ा है.| इस फायरिंग में दो निजी गार्ड भी जख्‍मी हो गए हैं.
सूत्रों के अनुसार पहले पॉन्‍टी ने अपने भाई को गोली मारी, उसके बाद भाई हरदीप के गार्ड ने पॉन्‍टी को गोली मार दी. इस गोलीबारी में पहले तो पॉन्‍टी के भाई हरदीप की मौत हुई और बाद में पॉन्‍टी की भी मौत हो गई|

जायदाद के बटवारे के लिए भाईयों में बंदूकें चली:पोंटी चड्डा और हरदीप चड्डा की मृत्यु

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पॉन्टी चड्ढा के यूपी की राजनीति में खासी धमक रखते हैं. वो ना सिर्फ शराब के बड़े कारोबारी हैं, बल्कि रियल इस्टेट में भी उनका दबदबा है और कई मॉल्स और मल्टीप्लेक्स[वेव्स] के वे मालिक हैं| फिल्मों में भी पॉन्टी ने पैसा लगाया है|
उनके मायावती और अखिलेश यादव सरकार से बेहद निकटता रही|
इससे पहले 5 अक्टूबर को भी पॉन्टी चड्ढा के मुरादाबाद स्थित पुश्तैनी बंगले पर फायरिंग हुई थी लेकिन उस समय इस मामले को दबा दिया गया था. उस दिन पांच फायर हुए थे और पुलिस ने ये कहकर मामला रफा-दफा कर दिया था कि पॉन्टी के भतीजे ने नई रिवाल्वर खरीदी थी जिससे टेस्टिंग करते समय फायर हो गए|पोंटी चड्डा के परिवार ने इस जायदाद से अपने सम्बन्ध भी नकार दिए थे|
चत्तर पुर फार्म हॉउस करीब 13 एकड़ में फैला हुआ है। फायरिंग की सूचना मिलने पर दिल्‍ली पुलिस की मौके पर पहुंची एक टीम द्वारा जांच जारी है|
, वकील गौरांग के हवाले से बताया जा रहा है कि पॉन्टी चड्ढा, उनके भाई हरदीप और एक बड़े भाई तीनों साथ-साथ छतरपुर के फॉर्महाउस में रहते थे। करीब एक साल पहले पिता की मौत के बाद हरदीप ने अपना हिस्सा मांगना शुरू किया जिसे लेकर काफी समय से विवाद चल रहा था। सैटलमेंट की बात हो रही थी लेकिन कुछ मुद्दों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही ही। गौरांग ने बताया कि तीनों भाई के बीच पहले काफी मेलमिलाप था लेकिन अब हरदीप और पॉन्टी के बीच बातचीत नहीं होती थी, हालांकि पूरा कुटुंब पहले साथ-साथ ही रहता था।