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उपराष्‍ट्रपति‍ ने ‘उर्दू पत्रकारि‍ता को नव जीवन प्रदान करने के लि‍ए ८ पत्रकारों को नई दुनि‍या पुरस्‍कार’ प्रदान कि‍ए

उपराष्‍ट्रपति‍ ने ‘उर्दू पत्रकारि‍ता में उत्‍कृष्‍टता के लि‍ए ८ पुरुस्कार प्रदान कि‍ए |इनमे एक पुरूस्कार स्‍व. श्री असगर अली इंजीनि‍यर को मृत्‍योपरांत दिया गया|
उपराष्‍ट्रपति‍ श्री मो. हामि‍द अंसारी ने आज आयोजि‍त एक समारोह में उर्दू पत्रकारि‍ता के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍ट कार्य करने वाले पत्रकारों को ‘उर्दू पत्रकारि‍ता में उत्‍कृष्‍टता के लि‍ए नई दुनि‍या पुरस्‍कार’ प्रदान कि‍या। उर्दू साप्‍ताहि‍क ‘नई दुनि‍या’ द्वारा स्‍थापि‍त ये पुरस्‍कार अलग-अलग संवर्गों में प्रत्‍येक वर्ष दि‍ए जाते हैं। समारोह को संबोधि‍त करते हुए उप राष्ट्रपति ने स्‍कूलों में नयी पीढी के छात्रों के बीच उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लि‍ए प्रौद्योगि‍की को शामि‍ल करने का आग्रह कि‍या। उन्‍होंने कहा कि‍ उर्दू भाषा समाप्‍ति‍ के कगार पर है, लेकि‍न कुछ वि‍द्वानों की प्रयासों के चलते इसे नया जीवन मि‍ला है। उन्‍होंने बताया कि‍ स्‍क्रि‍प्‍टों और गीतों के माध्‍यम से उर्दू भाषा को बढ़ावा देने में हिंदी फि‍ल्‍म उद्योग को भी उचि‍त श्रेय दि‍या जाना चाहि‍ए। उन्‍होंने उर्दू भाषा के क्षेत्र में काम कर रहे सभी पुरस्‍कृत पत्रकारों को बधाई दी।
पुरस्‍कार प्राप्‍तकर्ताओं की सूची:-
1. दैनि‍क सि‍यासत, हैदराबाद को बेहतरीन उर्दू पत्रकारि‍ता के लि‍ए अजमत-ए-सहाफत पुरस्‍कार
2. दैनि‍क इंकलाब को बेहतरीन संपादकीय सामग्री के लि‍ए वकार-ए-सहाफत पुरस्‍कार 3. उर्दू राष्‍ट्रीय सहारा को बेहतरीन रि‍पोर्टिंग के लि‍ए अदाब-ए-सहाफत पुरस्‍कार
4. उर्दू टाइम्‍स, मुंबई को बेहतरीन ले-आउट एवं डि‍जाईन के लि‍ए ताजीन-ए-सहाफत पुरस्‍कार
5. श्री बि‍नोद मेहता, संपादक, आउटलुक को राष्‍ट्रीय एकता में योगदान के लि‍ए कौमी यकजाहती पुरस्‍कार
6. श्री संजीव सर्राफ, रेखता को उर्दू भाषा के वि‍कास के लि‍ए फरोघ-ए-उर्दू पुरस्‍कार
7. स्‍व. श्री असगर अली इंजीनि‍यर को मृत्‍योपरांत उर्दू भाषा में राष्‍ट्रीय एकता पर लेखन के लि‍ए सम्‍मान
8. श्री अहमद सईद मलीहाबादी को उर्दू पत्रकारि‍ता में योगदान के लि‍ए लाईफ टाईम एचीवमेंट पुरस्‍कार
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[1]The Vice President, Shri Mohd. Hamid Ansari presented the ‘Nai Duniya Awards for Excellence in Urdu Journalism” to outstanding media persons in Urdu Journalism, at a function, in New Delhi on September 13, 2013.
The Union Minister for Civil Aviation, Shri Ajit Singh, the Minister of State for Agriculture & Food Processing Industries, Shri Tariq Anwar and other dignitaries are also seen.

बाहरी लोगों की लगातार बढ़ती संख्या से विकराल हो रही समस्या से निबटने के लिए केंद्र सहायता दे:शीला दीक्षित

C M Of Delhi Shrimati Sheila Dikshit


नेशनल डेवलपमेंट काउंसिल की बैठक में दिल्‍ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि दिल्ली में  बाहर से आने वाले लोगों की वजह से दिल्ली पर सुविधाओं का बोझ बढ़ रहा है.| इसके साथ ही उन्होंने ये भी माना कि बाहरी लोगों की वजह से दिल्ली एक खूबसूरत शहर के तौर पर सामने है|
राष्ट्रीय विकास परिषद [एन डी सी ] की बैठक में श्रीमती शीला ने कहा कि दिल्ली में अप्रत्याशित चुनौतियां हैं. उन्होंने देश भर से लोगों के अनियंत्रित आगमन को चिन्ता की बड़ी वजह बताया. उन्होंने कहा कि ऊंचा वेतन, बेहतर शैक्षिक एवं स्वास्थ्य सुविधाएं, रोजगार के अधिक अवसर ऐसे कुछ कारण हैं जो इतनी बड़ी संख्या में लोगों के आगमन के लिए जिम्मेदार हैं|
उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के लोगों के आने से यहां एक उदारवादी संस्कृति अवश्य कायम हुई लेकिन बढ़ती आबादी ने आवास, स्वच्छता, बिजली, पानी, सीवेज, जन स्वास्थ्य और परिवहन प्रणाली पर जबर्दस्त दबाव डाला है. | निजी वाहनों की बढ़ती संख्या भी एक अन्य समस्या है जो फिलहाल थमती नहीं नजर आ रही है. विभिन्न चुनौतियों से निपटने में उनकी सरकार को पेश आ रही समस्याओं का जिक्र करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं है और पुलिस एवं भूमि यहां केन्द्र के नियंत्रणाधीन है. उल्लेखनीय है कि शीला पहले मांग कर चुकी हैं कि दिल्ली पुलिस राज्य सरकार के नियंत्रण में की जाए लेकिन इस मांग कोकई बार खारिज किया जा चुका है|
महानगर में एक नए प्रकार की मल्टीमॉडल यातायात प्रणाली शीघ्रातिशीघ्र लाने की आवश्यकता पर भी सी एम् ने बल दिया |
उन्होंने एन डी सी की ५७ वे बैठक में 12वीं योजना के लिए दिल्ली को एक विश्व विरासत शहर के अनुरूप विकसित करने के लिए अधिक संसाधनों को उपलब्धता और बड़े पैमाने पर प्रयास करने की आवश्यकता जताई।
इससे पूर्व आर्थिक राजधानी मुम्बई में प्रवासियों के आगमन पर एतराज़ जताया जा चुका है वहां यूं पी ,बिहार,के लोगों पर एटैक भी कराये जा रहे हैं अब देश की राजधानी दिल्ली में भी प्रवासियों के नाम पर यह राजनीती शुरू हो गई है यह दुखद है|पहले अंधाधुंध झोपड़ पट्टी को कुकुरमुत्तों की तरह फ़ैलाने दिया जता है फिर उसे वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने के लिए तमाम तरह की सुविधाएं भी दी जाती है|वोट बैंक के नज़रिए से झोपड़ पट्टी के नियमतिकरण और ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू हो जाती है जिसे लेकर” आप ” जैसी नवगठित पार्टी भी अपना राजनीतिक आधार तलाशने लगती हैं| इसी उद्देश्य की पूर्ती के लिए माननीय कोर्ट के आदेशों को अनदेखा करके अनआथोराईज्द[इल्लीगल]कालोनियों को नियमित करके सुविधाओं का रौना शुरू हो जाता है | अब समय आ गया है कि इस १२ पञ्च वर्षीय यौजना में इस प्रकार के नियमतिकरण के लिए अलग से फंड्स उपलब्ध करने की जरुरत को स्वीकार कर लिया जाना चाहिए है|