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Tag: मेरठ छावनी

मार्कंडेय काटजू की बात सोलह आने, सौ प्रतिशत सही है मगर शब्दों के चयन में हमेशा की तरह खोट हो गई


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक आम नागरिक

ओये झल्लेया ये क्या हो रहा है? रिटायर[न्यायाधीश] होने के बाद प्रेस कौंसिल के सुप्रीमो बने माननीय मार्कंडेय काटजू साहब को अब ९०%भारतीय बेवकूफ नज़र आने लग गए हैं|उनके मुताबिक़ तो केवल १०% भारतीय ही सयाने हैं+अक्लमंद हैं+बुद्धिमान हैं |इसका मतलब तो ये हुआ कि केवल १०% सयाने ही देश को चला रहे हैं|राजनीती कर रहे हैं|

Jhalle dii Gallaan

झल्ला

माननीय मार्कंडेय काटजू ने एक समान दो मुकद्दमों में अलग अलग विरोधी निर्णय देकर यह साबित कर दिया था कि देश में बहुसंख्यक वाकई बेवकूफ हैं देश की दो बड़ी अदालतों[अलग अलग]में न्यायाधीश थे तो जालंधर और मेरठ में छावनी परिषदों की रिहायशी कालोनियों के विषय में अलग अलग निर्णय देकर जालंधर को अभय दान और मेरठ की शिवाजी कालोनी के रिटायर्ड+ अल्पाय+असहाय नागरिकों को जीवन भर की परेशानियों से नवाज़ा था| अब तो उन्होंने केवल अपने पुराने विचारों को जुबान भर ही दी है लेकिन अब एक बात कहनी जरूरी है कि इस बार उन्होंने बात तो सही कही है मगर उसके लिए शब्दों के चयन करने में शायद उनसे चूक हो गई है|

छावनी के टोल बेरियर भी बने यात्रियों की जान के जंजाल

छावनी के टोल बेरियर बने यात्रियों की जान के जंजाल

भारतीय किसान यूनियन बेशक पिछले ३५ दिन से एक के बाद एक आउटर टोल प्लाजा कब्ज़ा कर टोल फ्री यातायात चलवाने में कामयाब हो रहे हैं मगर छावनी छेत्र विशेष कर मेरठ के लालकुर्ती में बने टोल नाके पर ठेकेदार के बाउंसरों और पोलिस की मिली भगत से यात्रियों को ना केवल धन की हानि हो रहे है वरन अपमान के घूँट भी पीने को विवश होना पड़ रहा है|मंगलवार दोपहर एक दरोगा की दरोगाई देख राहगीर भी सहम गए। बाउंड्री रोड टोल बैरियर पर कार आगे बढ़ने पर टोलकर्मियों ने चालक को धुन दिया। चालक कुछ दूर बैठे लालकुर्ती थाने के एक दरोगा के पास पहुंचा तो उसने भी बुरी तरह पीटा और हवालात में ठूस दिया। शाम तक कार में सवार अन्य लोग थाने में जमा थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हरिद्वार के ज्वालापुर निवासी सुभाष टैक्सी लेकर मेरठ आया था। वह दोपहर के समय लालकुर्ती बाउंड्री रोड टोल बैरियर से गुजर रहा था। टोल देते समय उसकी कार कुछ आगे निकल गई। इस पर एक टोल कर्मी ने कार पर हाथ मार कर कार का शीशा तोड़ दिया जब सुभाष ने इसका विरोध किया तो टोल कर्मियों ने उसे पीटना शुरू कर दिया। बीच-बचाव के बाद वह कुछ दूरी पर बैठे दरोगा मनोज शर्मा के पास पहुंचा तो उल्टा दरोगा आपा खो बैठा। उसे जमीन पर गिरा-गिराकर पीटा और हवालात में ठूस दिया। कार सवार अन्य लोगों ने काफी मन्नत की, लेकिन पुलिस छोड़ने को तैयार नहीं थी। शांति भंग में उसका चालान कर दिया गया।जबकि दूसरे पक्ष [टोल कर्मी]को छोड़ दिया गया | छेत्र में बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने में नाकाम यह पोलिस मलाई दार पार्टियों के हितों को सुरक्षित रहके ने कोई कसर नहीं छोड़ रही|गौर तलब है कि मेरठ छावनी देश की प्रतिष्ठित छावनियों में है मगर यहाँ के विकास के नाम पर आये दिन पार्षदों और परिषद् के अधिकारियों के बीच संघर्ष की ही खबरें आती है|केंद्र ने पैसा देना बंद कर दिया है|एन सी आर कि किसी भी यौजना में मेरठ कैंट को शामिल नहीं किया जाता बस ध्यान अतिक्रमण या अनाधिकृत निर्माण के लिए ही खीच तान जारी है|कर्मियों के वेतन तक के लिए यही टोल बेरियर ही कामधेनू बने हुए हैं|