Ad

Tag: रक्षा मंत्री एके एंटनी

केंद्र सरकार अपने इटली कनेक्शन के कारण रक्षा सौदों में घूसखोरी को लेकर संदेह के घेरे में आ रही है

कांग्रेस की केंद्र सरकार एक बार फिर अपने इटली कनेक्शन के कारण रक्षा सौदों में घूसखोरी को लेकर संदेह के घेरे में आ रही है| अति विशिष्ठ व्यक्तियों के लिए खरीदे गए साड़े तीन हज़ार करोड़ के अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर के लिए सड़े तीन सो करोड़ की दलाली लिए जाने के आरोप लग रहे हैं|इन आरोपों की आंच तत्कालीन एयर चीफ मार्शल एस पी त्यागी+यूं पी ऐ के रक्षा मंत्रालय +पी एम् ओ +एन डी ऐ आदि पर आ रही है|श्री त्यागी ने बड़ी सफाई से घूस लेने के आरोपों का खंडन किया और शक की सुई एन डी ऐ की तरफ भी मोड़ने की कौशिश की है|भाजपा ने इसे सिरे से नकार कर सीधे पी एम् ओ और यूं पी ऐ की सुप्रीमो श्रीमती सोनिया गांधी पर निशाना साध दिया है|
हेलीकॉप्टर घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दाखिल कर दी गई है.| जिसमे हेलीकॉप्टर सौदे के घोटाले की जांच सर्वोच्च न्यायलय की निगरानी में एसआईटी या सीवीसी से कराई जाने की मांग की गई है|हेलीकॉप्टर घोटाले में पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी पर भी उंगलियां उठ रही हैं. त्यागी पर भी घूस लेने के आरोप लग रहे हैं लेकिन पूर्व वायुसेनाध्यक्ष सारे आरोपों से इनकार कर रहे हैं.अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में दलाली के आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार पर निशाना साधा है.

बीजेपी ने ऐलान किया

है कि वो इस मामले को संसद में उठाएगी. साथ ही संसद के बाहर भी ये मुद्दा उठेगा.वहीं खुलासे पर

रक्षा मंत्री एके एंटनी ने

कहा कि दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा और अगर जरूरत पड़ी तो हेलीकॉप्टर सौदा रद्द भी किया जा सकता है.गौरतलब है कि रक्षा सौदे के संबंध में भारत के पूर्व वायुसेनाध्यक्ष एसपी त्यागी पर गंभीर आरोप लगे हैं . इटली की जांच एजेंसी की रिपोर्ट में त्यागी का नाम सामने आया है. कहा गया है कि त्यागी को घूस दी गई थी. घूस देने के आरोप में इटली की पुलिस डिफेंस कंपनी फिनमेक्कनिका के सीईओ को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. फिनमेक्कनिका के सीईओ पर 350 करोड़ रुपये घूस देने के आरोप है.
अति विशिष्ट व्यक्तियों[वी वी आई पी] के इस्तेमाल के लिए इटली की कंपनी से खरीदे जाने वाले अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर में दलाली के लेन-देन का मामला उजागर होना देश को शर्मसार करने के लिए पर्याप्त है।इस सौदे में दलाली के लेन-देन की खबर आते ही जिस तरह मामले की जांच सीबीआइ को सौंपने के साथ ही सौदे को रद्द करने के संकेत दिए गए और सरकार ने रक्षात्मक मुद्रा अपना ली उससे दाल में कुछ काला होने के संदेह और गहरातेजा रहे हैं होती है। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने यह भी संकेत दिया है कि यदि सीबीआइ की प्रारंभिक जांच में दलाली के लेन-देन की बात सामने आती है तो इटली की इस कंपनी को काली सूची में डाला जा सकता है। पिछले कुछ वर्षो में छह कंपनियों को काली सूची में दर्ज किया जा चुका है।
चूंकि भारत सरकार के दावों के बावजूद रक्षा सौदों को लेकर संदेह भरे सवाल उठ खड़े होते हैं इसलिए पूरी दुनिया को रह-रहकर यह संदेश जाता है कि भारत भ्रष्टाचार में धंसा हुआ है। इससे भी खराब बात यह है कि घपले-घोटालों की आशंका के चलते एक के बाद एक रक्षा सौदे लंबित होते जा रहे हैं। इसकी कीमत भारतीय सेना को चुकानी पड़ रही है। ऐसे विमानों, उपकरणों, हथियारों की सूची लंबी होती जा रही है जो बहुत पहले उपलब्ध हो जाने चाहिए थे। इस पर आश्चर्य नहीं कि 12 हेलीकॉप्टरों के सौदे में दलाली की बात सामने आते ही केंद्र सरकार ने एक अन्य हेलीकॉप्टर सौदे को ठंडे बस्ते में डालना बेहतर समझा।

यह उजागर कैसे हुआ

इटली में सरकार सिल्वियो बर्लुस्कोनी की थी और उनकी गठबंधन सरकार में शामिल धुर दक्षिणपंथी पार्टी लेगा नोर्ड पर आरोप था कि इस सौदे मे एक बड़ी दलाली इस पार्टी को मिली थी। बर्लुस्कोनी की सरकार बदल गई और मारियो मोटी की सरकार बनी। इस सत्ता परिवर्तन के साथ ही मामले का भंडाफोड़ हो गया। फिनमेक्कानिका मे शीर्ष पद पर बैठे लोरेजा बोर्गोग्नी ने अध्यक्ष ओरसी से अपना पुराना बदला चुकाया और हेलीकाप्टर सौदे मे दलाली खाए जाने की पोल खोल दी।गौरतलब है की इस कंपनी में इटली की सरकार की भी ३०% की हिस्से दारी बताई जा रही है|
इस एक साल पुराने घटनाक्रम में ऐसा नया मौड़ आने से भाजपा इन हेलीकाप्टरों में बोफोर्स तोप से बड़ी दलाली देख कर केंद्र को घेरने की पूरी तैय्यारी कर रही है तो केंद्र ने भी आनन फानन में केस सी बी आई को सौंप कर अपना पल्ला झाड़ने की कौशिश की है|अब जबकि घूस देने वाले इटली में गिरफ्तार हो चुके हैं तब घूस लेने वाले भी तत्काल बुक किये जाने जरुरी हो गए हैं|यह देश की रक्षा सेवाओं के साथ साथ पूरे देश के लिए एक दाग है जिसे धोने के लिए आरोप प्रत्यारोपों की लीपा पोती पर्याप्त नहीं होगी |न्याय जल्द और दीखता हुआ होना ही वक्त की मांग है|

जनरल से एक्टिविस्ट बने वी के सिंह से Z Category वापिस होगी

केंद्र सरकार ने पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को मुहय्या करवाया गया

Retd. General V kK S ingh &Baba Ram dev

Category सुरक्षा घेरा वापस लेने का फैसला किया है. श्री सिंह भ्रष्टाचार, दिल्ली में सामूहिक बलात्कार और अन्य मुद्दों पर कई प्रदर्शनों में भाग लेते रहे हैं. सूत्रों सेप्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व सेना प्रमुख को 30 नवंबर तक जैड ‘प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई थी, लेकिन एक समीक्षा बैठक में गृह मंत्रालय ने फैसला किया कि उन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है.उन्होंने कहा कि सेना मुख्यालय को फैसले से अवगत कराए जाने के बाद यह सिंह की सुरक्षा से बुलेट प्रूफ कार सहित सभी वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों को वापस लेने की प्रक्रिया में है.सूत्रों ने कहा कि सिंह की सुरक्षा में हर समय सात वाहनों और 30-35 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई थी.गत 31 मई को सेवानिवृत्त हुए जनरल वीके सिंह को रक्षा मंत्री एके एंटनी से नौ महीने का सेवा विस्तार मांगे जाने के बाद 30 नवंबर तक जैड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी और उन्हें दिल्ली छावनी क्षेत्र में एक साल तक सरकारी आवास में ठहरने की अनुमति मिली थी.|
दिल्ली पुलिस ने 16 दिसंबर को चलती बस में एक लड़की से सामूहिक बलात्कार की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में कथित भूमिका के लिए प्राथमिकी में बाबा रामदेव के साथ जनरल सिंह का नाम भी दर्ज किया है.अपनी सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद सिंह विभिन्न मुद्दों पर सरकार की आलोचना करने लगे और उन्होंने काले धन के मुद्दे पर योग गुरु रामदेव तथा लोकपाल के मुद्दे पर अन्ना हजारे का मंच साझा किया.|
सामूहिक बलात्कार के मुद्दे पर उन्होंने हाल में कहा था कि व्यवस्था ‘पूरी तरह बेनकाब और पंगु’ हो गई है तथा कार्रवाई करने में विफलता के चलते एक नहीं, बल्कि सैकड़ों बेटियों के शिकारियों के जाल में फंस जाने का खतरा है.नवंबर के अंत में उन्होंने संसद भंग करने का भी आह्वान किया था तथा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के गन्ना किसानों की मांग के समर्थन में इसके घेराव की बात कही थी.अपने कार्यकाल के शेष कुछ महीनों में वह अपनी जन्मतिथि के निजी मुद्दे पर सरकार के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने वाले पहले सेना प्रमुख बन गए
इस मामले में .बताया जा रहा है कि जनरल सिंह कोई राजनीती नही कोई अपराध नहीं वरन सामाजिक मुद्दों को उठा रहे हैंऔर जेड प्लस सिक्युरिटी तो विपक्ष के नेताओं को भी मिला है इसका मतलब है उन्हें किसी मुद्दे पर बात करने का हक नहीं है| सेवाकाल में जनरल द्वारा केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे और जनरल कोर्ट भी गए थे लगता है की केंद्र सरकार ने मौजूदा डेवलपमेंट को जनरल के विरुद्ध एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने में देर नहीं लगाई है| एक तरफ तो कांस्टेबिल सुभाष तोमर की ह्त्या में अरविन्द केजरीवाल की “आप” के कार्यकर्ता चमन को आरोपित करके आप पर निशाना साधा गया है तो इसके साथ ही जनरल वी के सिंह की सरकार विरोधी उडान को भी हतोत्साहित करने का प्रयास किया है| फिलहाल जनरल ने सिक्योरिटी विड्रावल के तरीकों पर निराशा प्रगट कर दी हैक्योंकि यह सुविधा पूर्व में जीवन पर्यंत की गई सेवा के फलस्वरूप दी जाती है| वैसे इंडिया अगेंस्ट करप्शन की एक्टिविस्ट किरण बेदी का कहना है की जनरल को सुरक्षा की क्या जरुरत है?